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LPG सिलेंडर 50 रुपये महंगा: जानिए नई कीमतें, असर और सरकार का तर्क

LPG Price Update: Commercial Cylinder Prices Reduced by ₹24 from June 1, 2025; Domestic Rates Unchanged

KKN गुरुग्राम डेस्क | 08 अप्रैल 2025 से पूरे देश में रसोई गैस महंगी हो जाएगी। केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में ₹50 की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब कुछ दिन पहले ही पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई थी।

इस मूल्यवृद्धि की जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय तेल विपणन कंपनियों को घाटे की भरपाई के लिए लिया गया है।

नई दरें क्या होंगी?

अब एलपीजी सिलेंडर की कीमत इस प्रकार होगी:

  • उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए:

    • पुरानी कीमत: ₹500

    • नई कीमत: ₹550

  • सामान्य उपभोक्ताओं के लिए:

    • पुरानी कीमत: ₹803

    • नई कीमत: ₹853

यह चालू वित्त वर्ष की पहली मूल्यवृद्धि है, और इसका असर करोड़ों उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

कीमत बढ़ाने का कारण क्या है?

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 43,000 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए यह कदम उठाया गया है, जो तेल कंपनियों को सब्सिडी और अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में अस्थिरता के कारण हुआ।

“यह एक संतुलन बनाने का प्रयास है। उत्पाद शुल्क की वृद्धि का बोझ आम उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे कंपनियों को राहत मिलेगी,” मंत्री ने कहा।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि हर 2–3 सप्ताह में मूल्य समीक्षा की जाती है, यानी आगे और बदलाव की संभावना बनी रहेगी।

आम जनता पर असर

इस मूल्यवृद्धि का असर सीधा आम जनता पर पड़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जो पहले से ही महंगाई से जूझ रहे हैं। ₹50 की बढ़ोतरी मिडल क्लास और गरीब तबके के बजट को प्रभावित कर सकती है।

  • रीता देवी, एक घरेलू सहायिका ने बताया:

    “दूध, सब्जियां सब महंगी हो गई हैं। अब गैस भी महंगी कर दी। महीने का खर्च कैसे निकलेगा?”

  • ढाबों और छोटे फूड बिज़नेस पर भी इसका असर पड़ेगा, जिससे खाने के दाम बढ़ सकते हैं।

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए राहत?

हालांकि उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले सिलेंडर पर भी ₹50 की बढ़ोतरी हुई है, सरकार यह संकेत दे रही है कि भविष्य में सब्सिडी को फिर से संतुलित किया जा सकता है ताकि गरीबों को ज्यादा बोझ न झेलना पड़े।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज

विपक्ष ने सरकार की इस घोषणा को जनविरोधी बताया है और कहा कि जब महंगाई पहले से चरम पर है, तब गैस के दाम बढ़ाना ‘असंवेदनशील निर्णय’ है।

वहीं, सरकार समर्थक अर्थशास्त्रियों का कहना है कि तेल बाजार के अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच यह कदम आर्थिक संतुलन के लिए जरूरी था

क्या आगे और बढ़ेंगे दाम?

सरकार भले ही इसे एक बार की समीक्षा बता रही हो, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम और बढ़ते हैं तो आने वाले महीनों में और मूल्यवृद्धि हो सकती है

एलपीजी सिलेंडर की यह बढ़ी हुई कीमत सरकार के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील, और जनता के लिए वित्तीय रूप से चुनौतीपूर्ण है। सरकार को अब इस बढ़ोतरी का सामाजिक असर भी देखना होगा।

जनता फिलहाल इस बोझ को झेलेगी, पर उम्मीद की जा रही है कि आगामी समीक्षा में राहत दी जा सकती है।


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