KKN गुरुग्राम डेस्क | मुजफ्फरपुर में चंदवारा पुल को दरभंगा फोरलेन से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके तहत 12 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यह प्रक्रिया मुजफ्फरपुर के पांच गांवों में संपन्न होगी, और इस अधिग्रहण के लिए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह कदम सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे चंदवारा पुल और दरभंगा फोरलेन के बीच सीधा संपर्क स्थापित किया जा सके। इस परियोजना को लेकर प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
भूमि अधिग्रहण के लिए गठित 6 सदस्यीय समिति
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने भूमि अधिग्रहण के कार्यों की निगरानी के लिए एक छह सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति में अपर समाहर्ता, राजस्व विभाग, उप विकास आयुक्त, जिला भू-अर्जन अधिकारी, डीसीएलआर (पूर्वी) और जिला अवर निबंधक के साथ-साथ वरीय परियोजना अभियंता शामिल हैं। यह समिति भूमि का स्थल निरीक्षण करने और अधिग्रहण की प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा करने की जिम्मेदारी निभाएगी।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भूमि का मूल्यांकन करें और यह सुनिश्चित करें कि अधिग्रहण की प्रक्रिया में कोई विवाद न उत्पन्न हो। भूमि के मूल्य निर्धारण में वर्तमान बाजार दर को ध्यान में रखा जाएगा, ताकि मुआवजे की राशि सही तरीके से निर्धारित की जा सके। यह पहल प्रशासन की ओर से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए की गई है।
मुआवजे का निर्धारण और भूमि की दर
इस अधिग्रहण प्रक्रिया में मुआवजे के निर्धारण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कमेटी द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किए गए भूमि खरीद और बिक्री के आंकड़ों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके आधार पर, भूमि की दर निर्धारित की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भूमि मालिकों को उचित मुआवजा मिले। मुआवजा भुगतान का निर्धारण बाजार मूल्य के आधार पर होगा, जो कि भूमि अधिग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह परियोजना 120 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है और इसका उद्देश्य चंदवारा पुल को दरभंगा फोरलेन से जोड़ना है। इससे न केवल यातायात की सुगमता होगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
भूमि अधिग्रहण के पेच को सुलझाने के लिए जनसुनवाई
शनिवार को चंदवारा पुल के एप्रेच पथ (संपर्क मार्ग) के निर्माण में भूमि अधिग्रहण से जुड़े पेच को सुलझाने के लिए एक जनसुनवाई का आयोजन किया गया। यह जनसुनवाई मुजफ्फरपुर के जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज परिसर में आयोजित की गई। इस दौरान बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, जिला भू-अर्जन कार्यालय और सामाजिक प्रभाव का आकलन करने वाली संस्था के अधिकारियों ने रैयतों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की।
जनसुनवाई के दौरान कई रैयतों ने मुआवजे को लेकर अपनी चिंताओं का इजहार किया। उनका कहना था कि जो मुआवजा दर (एमवीआर) निर्धारित की गई है, वह संतोषजनक नहीं है। रैयतों का यह भी कहना था कि मुआवजे का निर्धारण भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिर से किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने मुआवजे की राशि को सही तरीके से बढ़ाए जाने की मांग की।
मुआवजे को लेकर आश्वासन
बीएसबीसीसीएल (बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड) की वरीय परियोजना अभियंता ई. रूबी रानी ने रैयतों को आश्वासन दिया कि जो भी एमवीआर निर्धारित किया जाएगा, उसके आधार पर चार गुना से अधिक मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। रैयतों ने मांग की कि उन मकानों को बचाया जाए, जो इस संपर्क मार्ग के निर्माण के दौरान प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सिपाहपुर नहर के पास उस खाली जमीन का अधिग्रहण करने की भी मांग की, जो इस परियोजना के लिए उपयुक्त हो सकती है।
इस पर, ई. रूबी रानी ने कहा कि अगले सप्ताह से एलाइनमेंट मार्किंग का कार्य शुरू किया जाएगा और जहां तक संभव होगा, मकानों को बचाया जाएगा। रैयतों की इस मांग को सरकार और प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और हर संभव कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से पहले नोटिस
जनसुनवाई के दौरान रैयतों ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले उचित नोटिस देने की मांग भी की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की अपील की कि उन्हें समय से पूर्व सूचित किया जाए, ताकि वे अपनी ज़मीन के बारे में उचित निर्णय ले सकें। वरीय परियोजना अभियंता ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी और सभी रैयतों को पहले सूचित किया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण के बाद के कदम
जनसुनवाई के बाद, वरीय परियोजना प्रबंधक ने अधिकारियों के साथ सिपाहपुर क्षेत्र का निरीक्षण भी किया। यह निरीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और भूमि की सटीक पहचान की जा सके। इस निरीक्षण के बाद, अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि भूमि का अधिग्रहण पूरी तरह से पारदर्शी और बिना किसी विवाद के किया जाएगा।
इस परियोजना का महत्व
यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे मुजफ्फरपुर और दरभंगा के बीच यातायात की बेहतर सुविधा भी मिलेगी। यह परियोजना सड़क नेटवर्क में सुधार लाएगी और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देगी। 120 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से, मुजफ्फरपुर और दरभंगा के बीच यात्रा का समय कम होगा, और दोनों शहरों के बीच संपर्क मजबूत होगा।
मुजफ्फरपुर में चंदवारा पुल को दरभंगा फोरलेन से जोड़ने के लिए भूमि अधिग्रहण का यह कदम राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि इसका असर स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी पड़ेगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा रहा है, और सभी रैयतों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। इस परियोजना का पूरा होना राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएगा और क्षेत्रीय विकास को गति देगा।
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