KKN गुरुग्राम डेस्क | आज, 17 मई को बिहार दो विपरीत मौसमी स्थितियों का सामना कर रहा है। राज्य के एक हिस्से में तेज आंधी, बारिश और वज्रपात की संभावना जताई गई है, वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी और उमस का प्रकोप देखने को मिलेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 31 जिलों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि पटना, आरा, बक्सर सहित 7 शहरों में हीटवेव की चेतावनी दी गई है।
मुख्य बिंदु (Top Highlights):
-
बिहार के 31 जिलों में येलो और ऑरेंज अलर्ट
-
कई क्षेत्रों में आंधी, बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी
-
दक्षिण बिहार के 7 शहरों में भीषण गर्मी का अलर्ट
-
तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की संभावित गिरावट
-
कुछ जिलों में 60 किमी/घंटा तक की तेज हवाएं चल सकती हैं
बिहार में मौसम का बदलाव: दोहरी चुनौती
मौसम विभाग के अनुसार, आज बिहार में अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न मौसम की स्थिति देखने को मिलेगी। राज्य के उत्तर और पूर्वी भागों में गरज के साथ बारिश और वज्रपात, जबकि दक्षिणी भागों में तेज गर्मी और उमस का दौर रहेगा।
यह परिवर्तन ट्रफ लाइन (निम्न दबाव रेखा) के बनने और बंगाल की खाड़ी से आ रही पुरवाई हवाओं के कारण हुआ है, जिससे वातावरण अस्थिर बना हुआ है।
दक्षिण बिहार में हीटवेव का कहर
इन 7 शहरों में गर्मी से राहत नहीं
IMD ने दक्षिण बिहार के 7 प्रमुख शहरों में हीटवेव (Hot and Humid Day) की चेतावनी दी है:
-
पटना
-
आरा
-
बक्सर
-
अरवल
-
सासाराम
-
भभुआ
-
औरंगाबाद
यहां तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होने से उमस और पसीने की शिकायतें बढ़ेंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि हीट इंडेक्स (Heat Index) 2–3°C अधिक महसूस हो सकता है।
पटना में असहनीय उमस
राजधानी पटना में बादल छाए रहने की संभावना है, लेकिन तापमान में किसी बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। आस-पास के जिलों में आंधी और बारिश हो सकती है, लेकिन पटना खुद तेज गर्मी और उमस का अनुभव करेगा।
अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट के कारण शहरों में तापमान और गर्मी अधिक महसूस होती है, जिससे बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ता है।
31 जिलों में वज्रपात और तेज आंधी की चेतावनी
ऑरेंज अलर्ट वाले जिले (गंभीर मौसम की चेतावनी):
-
सुपौल
-
अररिया
-
किशनगंज
-
मधेपुरा
-
सहरसा
-
पूर्णिया
-
कटिहार
-
पश्चिम चंपारण
-
पूर्वी चंपारण
-
गोपालगंज
-
सीवान
-
सारण
-
बक्सर
-
भोजपुर
-
कैमूर
-
रोहतास
-
अरवल
इन जिलों में 60 किमी/घंटा तक की तेज हवाएं, हल्की से मध्यम बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। प्रशासन ने लोगों को खुले में मोबाइल का प्रयोग न करने, बिजली के खंभों से दूर रहने और घर के अंदर सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
येलो अलर्ट वाले जिले (मध्यम जोखिम):
-
सीतामढ़ी
-
शिवहर
-
मधुबनी
-
दरभंगा
-
मुजफ्फरपुर
-
वैशाली
-
समस्तीपुर
-
पटना
-
बेगूसराय
-
शेखपुरा
-
नालंदा
-
जहानाबाद
-
गया
-
नवादा
यहां 30–40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और कहीं-कहीं वज्रपात की संभावना भी है। यद्यपि इन क्षेत्रों में खतरा थोड़ा कम है, फिर भी सतर्कता आवश्यक है।
मौसम विज्ञानियों की राय: ऐसा क्यों हो रहा है?
मौसम विभाग के अनुसार दो प्रमुख कारण हैं जो इस मौसमी अस्थिरता को जन्म दे रहे हैं:
1. ट्रफ लाइन का निर्माण:
बिहार के ऊपर बनी निम्न दबाव की ट्रफ लाइन गरज-चमक और बारिश की गतिविधियों को जन्म देती है।
2. बंगाल की खाड़ी से पुरवाई हवाएं:
बंगाल की खाड़ी से आने वाली आर्द्र हवाएं, राज्य के मध्य और उत्तर भागों में बादल और वर्षा की स्थिति पैदा कर रही हैं।
इन दोनों मिलकर न केवल वर्षा ला रही हैं बल्कि तापमान को भी स्थिर कर रही हैं।
तापमान का अनुमान: हल्की गिरावट संभव
बारिश और बादलों के कारण अगले 2–3 दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2–3 डिग्री की गिरावट आ सकती है। हालांकि हीटवेव झेल रहे क्षेत्रों में यह राहत तुरंत महसूस नहीं होगी।
मुख्य शहरों के लिए तापमान अनुमान (17 मई 2025):
शहर | अधिकतम तापमान (°C) | न्यूनतम तापमान (°C) | अलर्ट प्रकार |
---|---|---|---|
पटना | 40–41 | 27–28 | गर्मी (येलो) |
पूर्णिया | 34–36 | 24–25 | तूफान (ऑरेंज) |
गया | 39–40 | 26–27 | गर्मी (येलो) |
दरभंगा | 35–36 | 25–26 | तूफान (येलो) |
आरा | 41–42 | 28 | गर्मी (येलो) |
सार्वजनिक सलाह: क्या करें और क्या न करें
आंधी-तूफान के समय:
-
खुले स्थान पर मोबाइल फोन का प्रयोग न करें
-
पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे न खड़े हों
-
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद रखें
गर्मी के समय:
-
भरपूर पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स लें
-
दोपहर 12 से 4 बजे तक धूप में बाहर न निकलें
-
हल्के सूती कपड़े पहनें और सिर ढकें
बिहार का मौसम तकनीकी उन्नयन: एआई से पूर्वानुमान
बिहार मौसम विभाग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से 10 दिन पहले तूफान और वज्रपात का पूर्वानुमान लगाने की दिशा में काम कर रहा है। यह तकनीक विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में जान-माल की सुरक्षा के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।
दैनिक जीवन और कृषि पर असर
-
कृषि कार्य बाधित हो रहे हैं क्योंकि बारिश का पैटर्न अनिश्चित हो गया है
-
बिजली खपत में भारी वृद्धि देखी जा रही है
-
स्वास्थ्य समस्याएं जैसे लू, डिहाइड्रेशन, और थकावट तेजी से बढ़ रही हैं
17 मई 2025 को बिहार में मौसम के दो चेहरे सामने आए हैं—एक तरफ आंधी-तूफान, दूसरी ओर झुलसाती गर्मी। यह मौसमी अस्थिरता जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौती का संकेत है। सतर्कता, जागरूकता और तकनीकी सशक्तता के ज़रिए ही इन खतरों से निपटा जा सकता है।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.