ग्रामीण इलाको मे लगातार मिल रही बिजली ने किया कमाल
प्रदेश जाने के बजाय गांव मे ही खोल लिया अपना प्रतिष्ठान
बिजली आधारित कामो को गांव मे बढ रहा क्रेज
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। कुछ वर्षो पूर्व तक ग्रामीण इलाको के लोग लालटेन व ढिबरी युग मे जीने को विवश थे। किंतु गांवो के लिए यह कहानी पुरानी बाते हो गयी है। अब शहर के राहो पर अपना गांव चल चुका है। अब गांवो को 18 से 20 घंटे बिजली मिलने लगा है। नतिजतन बिजली की बेहतर स्थिति को देखते हुए गांव मे भी लघु व कुटिर उधोग खुलने लगे है। सबसे बड़ी बात यह है कि 40 प्रतिशत घरो मे केरोसिन का दिया जलना बंद हो गया है। बिजली की उपलब्धता बेहतर रहने से लोगो ने घरो मे इन्वर्टर लगा लिया है। गरीब परिवारो ने सोलर व बिजली से चार्ज होने
वाले इमरजेंसी लाइट खरीद लिया है। दो सौ से पांच सौ रूपये के बीच यह लाइट आता है। एक दिन चार्ज होने के बाद यह लाइट दो दिनो तक जलता है। यह लाइट कई वर्षो तक जलता है.छेगन नेउरा के हिमांशु गुप्ता,गंजबजार के सुधा देवी,रीता देवी बताती है कि डिबिया मे केरोसिन डालने का झंझट खत्म। बिजली कटे तो झट से बटन दबाये रोशनी आ जायेगी। प्रियदर्शी इलेक्ट्रोनिक्स के प्रोपराइटर र
आनलाइन कामो का बढा डिमांड
मुस्तफागंज बाजार पर वसुधा केंद्र पर आनलाइन पैक्स का मेम्बर बनाया जा रहा है। पैक्स मेम्बर बनने वालो की काफी भीड़ है। केंद्र को संचालन करने वाली रागिनीगंधा,रश्मिगंधा,प्रतिक कुमार व गुड्डु यादव बताते है कि बिजली बेहतर रहने से आनलाइन कामो की संख्या मे वृद्धी हुई है। अन्य कामो मे भी कस्टमर आ रहे है। टेंगरारी मे धनराज उच्च विधालय टेंगरारी के सामने नीराला कम्प्युटर क्लासेज चल रहा है। छात्र सत्यम कुमार,अजीत कुमार,संचालक अरूण कुमार बताते है कि बिजली बेहतर रहने के कारण अब गांव मे कम्प्युटर शिक्षा ग्रहण करना आसान हो गया है। पहले कम्प्युटर सीखने शहर जाना पड़ता था। टेंगरारी के सुधीर डिसुजा बताते है कि गांव मे भी तेजी से इलेक्ट्रोनिक्स का दुकान तेजी से खुलने
कृषि रोड मैप मे भी किसानो की बल्ले बल्ले
जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार व्यस्तता के वावजूद खुद बिजली से खेतो मे पटवन करते है। उन्होने कहां कि बिजली रहने से किसानो को काफी फायदा है। अब राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रपति द्वारा लांच किये गये कृषि रोड मैप मे भी किसानो के लिए बहुत कुछ है। उसमे एक ही बिजली कनेक्शन पर किसान दो एचपी के मोटर से कही भी पटवन कर सकते है। इसके लिए अलग अलग खाता और खेसरा नम्बर पर अलग अलग कनेक्शन लेने की जरूरत नही है। सिवाइपट्टी थाना क्षेत्र के सोढना माधोपुर गांव के राजदेव प्रसाद पांच से एकड़ जमीन मे बिजली से पटवन करते है। हजारो रूपये डीजल मे खर्च हो जाता था। अब उनका आटा चक्की भी बिजली से ही चलता है।
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