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बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं: नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद चिराग पासवान का बड़ा बयान

'Jamai Politics' in Bihar? Political Storm Brews Over Commission Restructuring and Family Appointments

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज होती जा रही है। इस राजनीतिक सरगर्मी के बीच सोमवार को बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला, जब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। यह मुलाकात न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि एनडीए (NDA) गठबंधन की मजबूती का भी स्पष्ट संकेत देती है।

 नीतीश कुमार और चिराग पासवान की मुलाकात ने खींचा सबका ध्यान

पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी भी उपस्थित रहे। चिराग पासवान अपने जीजा एवं जमुई से सांसद अरुण भारती के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट किया और दोनों नेता आपस में मुस्कुराते नजर आए। नीतीश कुमार ने भी चिराग पासवान का गर्मजोशी से स्वागत किया, जिससे मुलाकात की अहमियत और दोस्ताना माहौल का संकेत मिला।

 चिराग पासवान का बड़ा बयान: “बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं”

मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा जताया और कहा:

“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस वक्त हमारे एनडीए गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं। मुझे सिर्फ उम्मीद ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास है कि चुनाव परिणामों के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के साथ एक मजबूत सरकार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनेगी।”

इसके साथ ही उन्होंने एक बड़ा और स्पष्ट संदेश देते हुए कहा:

“फिलहाल बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है।”

यह बयान ना केवल उनकी व्यक्तिगत स्थिति स्पष्ट करता है, बल्कि एनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी पूर्णविराम लगाता है।

 राजनीतिक पृष्ठभूमि: पहले रिश्ते में थी तल्खी, अब दिख रही है एकजुटता

गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान ने अपनी पार्टी को एनडीए से अलग करके जदयू (JDU) के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे। उस समय उन्होंने खुद को नरेंद्र मोदी का ‘हनुमान’ बताया था और नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर बयान दिए थे।

हालांकि, अब जब जदयू फिर से एनडीए में लौट चुकी है और भाजपा, लोजपा (रामविलास) के साथ मिलकर 2025 का चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है, ऐसे में चिराग पासवान और नीतीश कुमार की यह मुलाकात गठबंधन की मजबूती का संकेत मानी जा रही है।

 2025 बिहार चुनाव की रणनीति में NDA की स्पष्टता

इस मुलाकात के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि NDA मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं चाहता। नीतीश कुमार को ही 2025 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया जाएगा और सभी घटक दल इसी पर सहमति रखते हैं। चिराग पासवान का यह बयान उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

एनडीए की इस रणनीति से यह भी साबित होता है कि वे विपक्षी गठबंधन INDIA की चुनौतियों को लेकर सजग हैं और किसी भी आंतरिक मतभेद को खुलकर सामने नहीं आने देना चाहते।

 बैठक के खास पहलू

  •  स्थान: मुख्यमंत्री आवास, पटना

  •  उपस्थित: नीतीश कुमार, चिराग पासवान, अरुण भारती, विजय कुमार चौधरी

  •  भेंट: चिराग ने गुलदस्ता देकर नीतीश का किया स्वागत

  •  प्रमुख बयान: “बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है”

  •  मीडिया कवरेज: सभी प्रमुख न्यूज चैनलों और पोर्टलों ने इसे हेडलाइन बनाया

 क्या संकेत दे रही है यह मुलाकात?

यह मुलाकात कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है:

  1. गठबंधन की मजबूती: नीतीश और चिराग की मुलाकात यह दर्शाती है कि एनडीए दलों के बीच अब कोई कड़वाहट नहीं बची है।

  2. चुनावी तैयारी: यह एक प्रकार की चुनाव पूर्व रणनीतिक बैठक भी मानी जा सकती है, जिसमें भविष्य की सीट शेयरिंग और प्रचार योजना पर चर्चा हो सकती है।

  3. जनता के लिए संदेश: जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की जा रही है कि NDA एकजुट है और स्थिर नेतृत्व देने के लिए प्रतिबद्ध है।

  4. विपक्ष पर दबाव: विपक्षी दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर स्पष्टता नहीं है, वहीं NDA ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाया है।

 चिराग की भूमिका: भविष्य का चेहरा या सहयोगी?

चिराग पासवान को अक्सर युवा नेता और दलित राजनीति का उभरता चेहरा माना जाता है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वे 2025 में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर सकते हैं। लेकिन अपने ताजा बयान से उन्होंने यह साफ कर दिया कि फिलहाल उनकी प्राथमिकता गठबंधन की एकता और मजबूत सरकार है।

यह भी संभव है कि वे भविष्य में एक बड़े रोल के लिए खुद को तैयार कर रहे हों, लेकिन इस समय वे नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाने के पक्षधर हैं।

 

बिहार में राजनीतिक उठापटक के बीच चिराग पासवान और नीतीश कुमार की मुलाकात एक बड़ा संदेश देती है — NDA में अब मतभेद नहीं, बल्कि मजबूती है। चिराग का स्पष्ट समर्थन और बयान कि “मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं” ना केवल नीतीश कुमार की स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि NDA को भी एकजुट और संगठित दिखाता है।

बिहार की राजनीति में यह मुलाकात आने वाले दिनों में कई समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।


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