Home Bihar तबादला नहीं चाहते शिक्षक तो अब खुद कर सकते हैं आवेदन रद्द

तबादला नहीं चाहते शिक्षक तो अब खुद कर सकते हैं आवेदन रद्द

BPSC Announces 7279 Teaching Vacancies for Special Schools in Bihar

KKN गुरुग्राम  डेस्क | बिहार के लाखों स्कूली शिक्षकों के लिए एक राहत की खबर है। राज्य शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों को मौका दिया है जो पहले ऐच्छिक तबादला (वॉलंटरी ट्रांसफर) के लिए आवेदन कर चुके थे, लेकिन अब वे तबादला नहीं कराना चाहते

शिक्षकों को अब ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन को ऑनलाइन वापस लेने की सुविधा मिल गई है। यह पहल शिक्षकों की सुविधा और पारदर्शिता के दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

 महत्वपूर्ण जानकारी एक नजर में

  • कुल 1.90 लाख शिक्षक तबादले के लिए आवेदन कर चुके थे

  • इनमें से 1.30 लाख शिक्षकों को तबादले की मंजूरी मिली है

  • अब जो शिक्षक अपने तबादले से संतुष्ट नहीं हैं, वे आवेदन वापस ले सकते हैं

  • ई-शिक्षा कोष पोर्टल आज से शुरू हो गया है

  • 20 जून 2025 से ट्रांसफर लेटर जारी होने शुरू हो जाएंगे

  • डीईओ कार्यालय जाने की कोई आवश्यकता नहीं, सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है

ई-शिक्षा कोष पोर्टल क्या है?

ई-शिक्षा कोष पोर्टल बिहार शिक्षा विभाग द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए शिक्षक अपनी:

  • तबादला संबंधित आवेदन

  • आवेदन की स्थिति

  • ट्रांसफर लेटर की जानकारी

  • वर्तमान और नए विद्यालय की स्थिति

आसानी से देख और प्रबंधित कर सकते हैं।

 क्यों शुरू किया गया है यह आवेदन वापसी विकल्प?

तबादला के लिए आवेदन करने के बाद कई शिक्षकों ने महसूस किया कि:

  • उन्हें जो नया स्कूल आवंटित हुआ, वह उनकी सुविधा के अनुसार नहीं है

  • पारिवारिक या स्वास्थ्य कारणों से वे स्थानांतरण नहीं कर सकते

  • कुछ शिक्षक वर्तमान विद्यालय में ही बने रहना चाहते हैं

ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए, शिक्षा विभाग ने यह विकल्प शुरू किया है ताकि शिक्षकों को अपनी स्थिति के अनुसार निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिल सके।

कौन शिक्षक ले सकते हैं आवेदन वापस?

वह शिक्षक जिनकी स्थिति निम्नलिखित में से किसी एक जैसी है:

  • तबादला आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अब ट्रांसफर नहीं कराना चाहते

  • तबादला स्वीकृत हो गया है, लेकिन आवंटित विद्यालय पसंद नहीं आया

  • किसी आपात कारण से स्थानांतरण संभव नहीं है

वे अपने लॉगिन आईडी और पासवर्ड से पोर्टल पर आवेदन वापस ले सकते हैं।

 आवेदन वापस कैसे लें – स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया

  1. ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर जाएं (URL विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा)

  2. अपनी टीचर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें

  3. “मेरे तबादला आवेदन” सेक्शन पर क्लिक करें

  4. “आवेदन वापस लें” विकल्प चुनें

  5. स्क्रीन पर आए कन्फर्मेशन को पढ़ें और पुष्टि करें

  6. सफलतापूर्वक आवेदन वापसी के बाद एक रसीद डाउनलोड कर लें

 20 जून से जारी होंगे ट्रांसफर लेटर

बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ के अनुसार:

“जिन शिक्षकों ने आवेदन वापस नहीं लिया है, उन्हें 20 जून से ट्रांसफर लेटर मिलने शुरू हो जाएंगे। सारी जानकारी ई-शिक्षा कोष ऐप और पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी।”

शिक्षक अपने नए विद्यालय का विवरण भी पोर्टल पर देख सकते हैं। अब किसी को भी डीईओ कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

 इस कदम से ट्रांसफर प्रक्रिया को क्या लाभ मिलेगा?

  • जो शिक्षक तबादला नहीं चाहते, वे अपने विद्यालय में ही रह सकेंगे

  • नई रिक्तियों के लिए अन्य शिक्षक पात्र बनेंगे

  • स्थानांतरण प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और तर्कसंगत हो जाएगी

  • जिला शिक्षा कार्यालयों पर भीड़ और कार्यभार कम होगा

  • शिक्षक स्वयं डिजिटल रूप से प्रक्रिया नियंत्रित कर सकेंगेशिक्षकों की प्रतिक्रिया

 सीमा कुमारी, प्राथमिक शिक्षक, गया:

“मैंने ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया था लेकिन पोस्टिंग ऐसी जगह हुई जहाँ जाना संभव नहीं था। यह विकल्प मेरे लिए राहत है।”

 मुकेश शर्मा, शिक्षक, दरभंगा:

“ऑनलाइन प्रक्रिया से सब कुछ सरल हो गया है। शिक्षा विभाग का यह फैसला सराहनीय है।”

 चुनौतियां भी मौजूद हैं

हालांकि यह सुविधा स्वागत योग्य है, लेकिन कुछ चुनौतियां हैं:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी

  • पोर्टल की तकनीकी समस्याएं या सर्वर ओवरलोड

  • अधिक आवेदन वापसी होने पर स्थानांतरण सूची में फेरबदल की जरूरत

इसके लिए विभाग ने तकनीकी सहायता टीमों को अलर्ट पर रखा है।

आवेदन वापस लेने के बाद आगे क्या होगा?

  • शिक्षक उसी विद्यालय में बने रहेंगे

  • उनका रिकॉर्ड पोर्टल पर स्वतः अपडेट हो जाएगा

  • वे इस चक्र के तबादले के लिए फिर पात्र नहीं होंगे

  • भविष्य में वे फिर से आवेदन कर सकते हैं (यदि विभाग अनुमति देता है)

 शिक्षा विभाग का डिजिटल विजन

इस सुविधा के पीछे शिक्षा विभाग का बड़ा उद्देश्य है:

  • स्कूल प्रशासन का डिजिटलीकरण

  • शिक्षकों को सुविधा और पारदर्शिता देना

  • तबादला प्रणाली में डेटा आधारित निर्णय

  • पूरे राज्य में शिक्षकों की संतुलित नियुक्ति

बिहार सरकार का यह कदम न केवल शिक्षकों की सुविधा के लिए है, बल्कि यह दर्शाता है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था अब डिजिटल और पारदर्शी दिशा में बढ़ रही है।

शिक्षकों को अब अपनी स्थिति के अनुसार ऑनलाइन निर्णय लेने की आज़ादी है, जो कि शिक्षा व्यवस्था को और भी उत्तरदायी और संवेदनशील बनाता है।

 dimgrey-bison-994082.hostingersite.com पर जुड़े रहें, शिक्षा से जुड़ी हर बड़ी खबर, सरकारी पोर्टल अपडेट और शिक्षक हित की योजनाओं की जानकारी सबसे पहले पाने के लिए।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Ad

NO COMMENTS

Leave a ReplyCancel reply

Exit mobile version