KKN गुरुग्राम डेस्क | राजधानी पटना के दानापुर इलाके में एक बार फिर से अपराधियों का तांडव देखने को मिला। इस बार पूर्व प्रखंड प्रमुख सुनील राय के 17 वर्षीय भतीजे श्रवण कुमार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि हत्या का कारण पुरानी रंजिश हो सकती है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच जारी है।
कौन था श्रवण कुमार?
श्रवण कुमार (उम्र 17 वर्ष) दानापुर के त्रिमूर्ति नगर, गोला रोड का रहने वाला था। वह संतोष कुमार का बेटा था और पूर्व प्रखंड प्रमुख सुनील राय का भतीजा था। श्रवण एक छात्र था और उसका किसी आपराधिक गतिविधि से कोई संबंध नहीं था।
बताया जा रहा है कि कुछ महीने पहले श्रवण का स्थानीय युवकों से किसी बात को लेकर विवाद और मारपीट हुई थी, जिसे अब इस घटना से जोड़ा जा रहा है।
घटना कैसे हुई? पूरी वारदात की जानकारी
शुक्रवार शाम को जब श्रवण अपने घर के पास मौजूद था, तभी अचानक एक युवक वहां पहुंचा, और पिस्टल निकालकर सीधे गोली मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:
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पहली गोली गले में लगी, जबकि दूसरी आंख के नीचे मारी गई।
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गोली लगने के बाद श्रवण वहीं गिर पड़ा।
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आसपास के लोगों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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हमलावर मौके से फरार हो गया।
इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है, बल्कि बिहार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति
घटना के कुछ ही देर बाद सिटी एसपी (पश्चिमी), दानापुर एएसपी, और थानाध्यक्ष भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक श्री भानु प्रताप सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार:
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एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम को मौके पर बुलाया गया।
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खून के नमूने, कारतूस, फिंगरप्रिंट जैसे अहम साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
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पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है।
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संभावित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
हत्या की वजह: पुरानी दुश्मनी की आशंका
पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, यह हत्या व्यक्तिगत रंजिश और बदले की भावना से की गई है। कुछ महीनों पहले श्रवण का स्थानीय युवकों के साथ विवाद और हाथापाई हुई थी, जो अब जानलेवा रूप में सामने आई है।
हालांकि, पुलिस का कहना है कि वह हर पहलू से जांच कर रही है, और किसी भी एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा—चाहे वह पारिवारिक विवाद हो, गैंगवार या राजनीतिक रंजिश।
स्थानीय लोगों में डर और प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी
घटना के बाद इलाके में भय और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दानापुर इलाका लगातार अपराधियों के निशाने पर रहा है, लेकिन पुलिस की सतर्कता कहीं नजर नहीं आती।
“दिनदहाड़े किसी छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और अपराधी फरार हो जाते हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?”
– एक स्थानीय नागरिक
वहीं कई लोगों ने पटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि जब एक पूर्व प्रमुख के परिवार के सदस्य की सुरक्षा नहीं हो सकती, तो आम नागरिक की क्या उम्मीद की जाए?
फॉरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर नजर
FSL टीम ने मौके से गोलियों के खोल, खून के नमूने और फिंगरप्रिंट लिए हैं। पुलिस इन सबूतों के आधार पर:
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हत्या में प्रयुक्त हथियार की पहचान करेगी
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फायरिंग की दूरी और दिशा का पता लगाया जाएगा
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारण और समय की पुष्टि होगी
इन सभी तथ्यों से जांच की दिशा स्पष्ट होने की उम्मीद है।
परिवार में मातम, शोक की लहर
श्रवण के घर में मातम का माहौल है। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की है।
पूर्व प्रमुख सुनील राय ने मीडिया से कहा:
“यह केवल मेरे परिवार की नहीं, पूरे समाज की हत्या है। अगर आज अपराधियों को सजा नहीं मिली तो कल कोई और बच्चा मारा जाएगा।”
बढ़ता अपराध और प्रशासन की नाकामी
पटना में 2025 की शुरुआत से अब तक हिंसक घटनाओं में 12% की वृद्धि दर्ज की गई है। दानापुर, कंकड़बाग और फुलवारी जैसे क्षेत्रों को हाई-रिस्क ज़ोन माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं:
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पुलिस बल की कमी
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कमजोर इंटेलिजेंस नेटवर्क
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राजनीतिक हस्तक्षेप
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अपराधियों को सजा न मिलना
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि बिहार की राजधानी में सुरक्षा इंतज़ाम सवालों के घेरे में हैं।
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