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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखलाया, बोला- जवाब देंगे लेकिन वक्त, जगह और तरीका हमारा होगा

Operation Sindoor: India's Precision Strikes and Pakistan's Retaliation Escalate Tensions

KKN गुरुग्राम डेस्क | ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में किए गए सैन्य हमलों के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट साफ देखी जा रही है। भारतीय सेना द्वारा की गई इस निर्णायक कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया, जिसमें लगभग 70 आतंकवादी मारे गए

पाकिस्तानी सेना ने इस हमले में लोगों के मारे जाने की पुष्टि तो की है, लेकिन वह इन हताहतों को आम नागरिक बताकर दुनिया को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। वहीं पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि “हम भारत को जवाब देंगे, लेकिन वक्त, जगह और तरीका हमारा होगा।

भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक: ऑपरेशन सिंदूर का असर

6-7 मई की रात भारतीय सेना ने एक सटीक और योजनाबद्ध हमले के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी अड्डों को टारगेट किया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले का जवाब थी जिसमें 22 अप्रैल को 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

इन हमलों में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी शामिल था, जहां आतंकवादी गतिविधियों की प्लानिंग होती थी और मदरसे की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग दी जाती थी। भारत ने यह हमला पूरी खुफिया जानकारी के आधार पर किया, ताकि केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया जाए।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: गीदड़ भभकी और प्रोपेगेंडा

हमले के बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने एक बयान जारी किया और कहा कि भारत को इसका जवाब मिलेगा, लेकिन इसका समय और स्थान पाकिस्तान तय करेगा। यह बयान स्पष्ट रूप से इस बात को दर्शाता है कि पाकिस्तान इस हमले से बुरी तरह बौखला गया है।

पाकिस्तानी सेना का यह भी दावा है कि हमलों में आम नागरिक मारे गए हैं और कुछ मस्जिदों को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने विशेष रूप से सुभान अल्लाह मस्जिद का जिक्र किया जो बहावलपुर में स्थित है।

हालांकि भारतीय सेना ने साफ किया है कि ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। भारत की कार्रवाई पूरी तरह से सर्जिकल और संयमित थी।

मसूद अजहर को बड़ा नुकसान, परिवार के 10 सदस्य मारे गए

बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं। इसमें उसकी पत्नी, बेटा, बहन और अन्य करीबी रिश्तेदार शामिल हैं।

मसूद अजहर ने खुद इस बात की पुष्टि की है और एक बयान में कहा कि “अच्छा होता कि मैं भी मर जाता।” यह बयान इस बात का प्रमाण है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ कार्रवाई ही नहीं की, बल्कि उन लोगों को भी निशाना बनाया जो सीधे इन हमलों की योजना और क्रियान्वयन से जुड़े थे।

जैश का मुख्यालय और मदरसे तबाह, आतंकी ढांचा कमजोर

जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर के पास स्थित है, जहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी। यहां मदरसा अल-साबिर और जामिया मस्जिद अल-सुभान भी स्थित हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता था। भारतीय सेना के हमले में यह पूरा ढांचा ध्वस्त हो गया।

स्थानीय पाकिस्तानी सूत्रों के अनुसार, सिर्फ बहावलपुर में ही 13 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। भारत का कहना है कि इन सबका संबंध आतंकवादी संगठनों से था। यह हमला जैश के ऑपरेशनल नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका है।

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा: आतंकियों को बचाने की कोशिश

पाकिस्तान लगातार यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत की कार्रवाई में मासूम नागरिक मारे गए हैं। लेकिन दुनिया जानती है कि पाकिस्तान वर्षों से आतंकवाद को पनाह देता आया है।

भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की असलियत उजागर की है और इस बार भी ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह दिखा दिया कि अगर पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देगा, तो भारत चुप नहीं बैठेगा।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन और भारत की सटीक रणनीति

भारत की इस सैन्य कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के संयम और आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी है। भारत ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह केवल प्रतिक्रिया नहीं करता, बल्कि सटीक रणनीति के तहत कार्य करता है।

भारत ने पाकिस्तान के किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ आतंकी नेटवर्क को नष्ट करना था।

क्या होगा आगे? भारत सतर्क, पाकिस्तान दबाव में

पाकिस्तान ने भले ही जवाबी कार्रवाई की धमकी दी हो, लेकिन भारत ने अपनी सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है और खुफिया एजेंसियां भी पूरी तरह अलर्ट पर हैं।

वहीं पाकिस्तान की सरकार पर आंतरिक दबाव भी बढ़ रहा है। एक ओर वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ रहा है, तो दूसरी ओर भारत के इस कदम से उसके आतंकी संगठनों की कमर टूट गई है

ऑपरेशन सिंदूर भारत के आतंकवाद के खिलाफ चल रहे संघर्ष का एक ऐतिहासिक पड़ाव बन गया है। इस सैन्य कार्रवाई ने न केवल आतंकवादियों को मारा है, बल्कि उन्हें मनौवैज्ञानिक रूप से भी झटका दिया है।

भारत ने एक बार फिर दुनिया को यह बता दिया है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की होगी, तो भारत किसी भी स्तर तक जाने को तैयार है। पाकिस्तान की बौखलाहट इस बात का सबूत है कि ऑपरेशन सिंदूर ने उसे आतंरिक और वैश्विक स्तर पर हिला दिया है।


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