बॉलीवुड को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में दादा साहब फाल्के का महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय सिनेमा के संस्थापक माने जाने वाले दादा साहब फाल्के ने 1913 में ‘राजा हरिश्चंद्र’ नामक फिल्म बनाई, जो भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म थी। यह फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुई। लेकिन इस फिल्म के साथ एक और महत्वपूर्ण पहलू जुड़ा था, जो आज भी बॉलीवुड के इतिहास में एक अहम स्थान रखता है। ‘राजा हरिश्चंद्र’ में भारतीय सिनेमा की पहली डबल रोल वाली फिल्म का हिस्सा बनी। इस फिल्म में राम और सीता के किरदार निभाने वाले अभिनेता का नाम था अन्ना सालुंके।
बॉलीवुड में डबल रोल की शुरुआत
आजकल बॉलीवुड फिल्मों में यह आम बात हो गई है कि एक ही अभिनेता या अभिनेत्री दो या उससे ज्यादा किरदार निभाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड में डबल रोल की परंपरा की शुरुआत किसने की थी? यह परंपरा 112 साल पहले हुई थी, जब अभिनेता अन्ना सालुंके ने राम और सीता के दो महत्वपूर्ण किरदार निभाए थे। यह फिल्म थी ‘राजा हरिश्चंद्र’, जो भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म थी।
राजा हरिश्चंद्र: भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म
‘राजा हरिश्चंद्र’ फिल्म 1913 में रिलीज हुई थी, और इसे भारतीय सिनेमा के संस्थापक दादा साहब फाल्के ने डायरेक्ट किया था। यह फिल्म राजा हरिश्चंद्र की सत्य, त्याग और धर्म की कहानी पर आधारित थी। यह फिल्म भारतीय सिनेमा का पहला दीर्घकालिक फिल्म अनुभव था, जिसने भारतीय दर्शकों को सिनेमा के माध्यम से एक नई दिशा दी।
इस फिल्म में अभिनेता अन्ना सालुंके ने प्रमुख भूमिका निभाई थी, और उन्होंने इस फिल्म में राम और सीता के दो अलग-अलग किरदार निभाए थे। यह बॉलीवुड में डबल रोल की शुरुआत थी, जिसे आज भी एक अनोखा मील का पत्थर माना जाता है।
अन्ना सालुंके: बॉलीवुड के पहले डबल रोल अभिनेता
अन्ना सालुंके को बॉलीवुड का पहला डबल रोल अभिनेता माना जाता है। वह पहले अभिनेता थे, जिन्होंने एक ही फिल्म में दो अलग-अलग किरदार निभाए थे। इस फिल्म में उन्होंने राम और सीता दोनों ही किरदार निभाए थे, जो उस समय के लिए एक अनोखा और ऐतिहासिक कदम था।
जब दादा साहब फाल्के ने इस फिल्म को बनाने का निर्णय लिया, तो उन्होंने यह महसूस किया कि फिल्म में एक महिला किरदार होना आवश्यक है। लेकिन उस समय उन्हें कोई अभिनेत्री नहीं मिली, जो फिल्म में भूमिका निभा सके। इसके बाद, दादा साहब फाल्के ने अन्ना सालुंके से यह भूमिका निभाने का अनुरोध किया। अन्ना ने खुशी-खुशी इसे स्वीकार किया, और इस तरह वह पहले अभिनेता बने जिन्होंने एक ही फिल्म में पुरुष और महिला दोनों किरदार निभाए।
राजा हरिश्चंद्र: एक ऐतिहासिक फिल्म
राजा हरिश्चंद्र फिल्म का समय मात्र 40 मिनट था, जो उस समय के हिसाब से बहुत छोटा था। इसके बावजूद, दादा साहब फाल्के ने फिल्म को बेहद प्रभावशाली और आकर्षक बनाया। इस फिल्म में अन्ना सालुंके ने न केवल राम का किरदार निभाया बल्कि उन्होंने सीता का किरदार भी अदा किया। यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि इससे भारतीय सिनेमा के लिए नई दिशाएं खुली थीं।
अन्ना सालुंके का बॉलीवुड में योगदान
अन्ना सालुंके का योगदान भारतीय सिनेमा में बहुत महत्वपूर्ण था। वह पहले अभिनेता थे जिन्होंने एक ही फिल्म में राम और सीता दोनों के किरदार निभाए। इसके बाद, उन्होंने भारतीय सिनेमा में पुरुष और महिला दोनों रोल निभाने की परंपरा को स्थापित किया।
इससे पहले, फिल्म इंडस्ट्री में यह विचार नहीं था कि एक व्यक्ति दो किरदार निभा सकता है, लेकिन अन्ना ने इसे साबित किया और एक नई दिशा दी। इस फिल्म के बाद कई बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्रियां ने डबल रोल में अभिनय किया, लेकिन अन्ना सालुंके का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
अन्ना सालुंके की पहली मुलाकात दादा साहब फाल्के से
अन्ना सालुंके से दादा साहब फाल्के की पहली मुलाकात एक रेस्तरां में हुई थी, जहां अन्ना एक वेटर के तौर पर काम करते थे। दादा साहब फाल्के उस समय एक महिला अभिनेत्री की तलाश कर रहे थे, लेकिन जब उन्होंने अन्ना को देखा, तो उन्हें लगा कि वह इस किरदार के लिए उपयुक्त हो सकते हैं। दादा साहब ने उन्हें फिल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया और आखिरकार 15 रुपये मासिक वेतन पर अन्ना सालुंके ने फिल्म में काम करने का निर्णय लिया।
इस तरह अन्ना सालुंके की यात्रा शुरू हुई, और वह भारतीय सिनेमा के पहले डबल रोल अभिनेता के रूप में इतिहास में दर्ज हुए।
अन्ना सालुंके की फीस और फिल्म का महत्व
अन्ना सालुंके को उस समय 10 रुपये मासिक वेतन मिलते थे, जब वह रेस्तरां में काम करते थे। लेकिन दादा साहब फाल्के ने उन्हें 15 रुपये महीने की फीस पर फिल्म में काम करने के लिए मना लिया। इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा की दिशा बदल दी और अन्ना सालुंके के अभिनय के कारण भारतीय सिनेमा में एक नई परंपरा की शुरुआत हुई।
बॉलीवुड में डबल रोल की परंपरा
अन्ना सालुंके की डबल रोल की शुरुआत के बाद, भारतीय सिनेमा में कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने एक साथ दो किरदार निभाए। आज भी यह परंपरा बॉलीवुड फिल्मों में जारी है, और अभिनेता धर्मेन्द्र, अमिताभ बच्चन, सलमान खान जैसे सितारे इसके उदाहरण हैं।
डबल रोल न केवल सिनेमा के लिए एक कला रूप बन चुका है, बल्कि यह दर्शकों के लिए भी एक आकर्षक पहलू बन गया है। फिल्म निर्माता अब भी डबल रोल का इस्तेमाल करते हैं, ताकि वे कहानी में नई ड्रामा और दिलचस्प मोड़ जोड़ सकें।
अन्ना सालुंके और दादा साहब फाल्के का योगदान भारतीय सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा। अन्ना सालुंके ने राम और सीता दोनों के किरदार निभाकर भारतीय सिनेमा में एक नई परंपरा की शुरुआत की। आज भी डबल रोल बॉलीवुड की फिल्मों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। दादा साहब फाल्के की ‘राजा हरिश्चंद्र’ फिल्म ने भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी और अन्ना सालुंके के अभिनय ने उसे ऐतिहासिक बना दिया।
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