एक सर्वे से पता चला है कि आज 42 प्रतिशत किसान खेती छोडऩे की इच्छा जता रहे हैं। एक दशक के भीतर देश में तकरीबन 2 लाख 90 हजार से ज्यादा किसान खुदकुशी कर चुके हैं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए जीन संबद्धृत बीजों को बढ़ावा देने का परिणाम ये हुआ कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 50 प्रतिशत से घट कर अब 15 प्रतिशत के आसपास आ गया है। कृषि पर निर्भर जनसंख्या 80 प्रतिशत से अधिक थी जो अब 54 प्रतिशत रह गई है। कृषि विकास दर तो डेढ़ प्रतिशत से भी कम पर आ गई है।
This post was last modified on फ़रवरी 25, 2020 12:41 अपराह्न IST 12:41
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