कहानी है टिकटपुर की—एक ऐसा काल्पनिक कस्बा, जहां नेता बनने का सपना अब बच्चों तक पहुंच गया है। जहां टी-स्टॉल अब टी-कैम्पेन सेंटर बन चुके हैं और पान की दुकान पर घोषणापत्र तैयार होता है। • टिकटपुर की गलियों में कैसे बच्चे भी फुचका पार्टी के वादे करने लगे? • सोशल मीडिया पर टिकट की होड़ क्यों मची है? • गठबंधन सिंह के दरबार में कौन सा उम्मीदवार सबसे भारी पड़ेगा? सुनिए और देखिए, टिकटपुर की वो कहानी, जो हकीकत से ज्यादा सच्ची लगती है।
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