KKN गुरुग्राम डेस्क | तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD), जो भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है, ने 18 कर्मचारियों को हिंदू परंपराओं के उल्लंघन के कारण बर्खास्त कर दिया। TTD के नियमों के अनुसार, मंदिर और इससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदू कर्मचारी ही कार्य कर सकते हैं।
जांच में पाया गया कि 18 कर्मचारी गैर-हिंदू परंपराओं का पालन कर रहे थे, जो TTD की आचार संहिता के खिलाफ है। इस कार्रवाई के तहत, इन कर्मचारियों को उनके वर्तमान पदों से हटा दिया गया और TTD के किसी भी हिंदू धार्मिक कार्यक्रम या अनुष्ठान में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
कर्मचारियों की बर्खास्तगी के कारण क्या हैं?
TTD लंबे समय से इस नीति का पालन करता आ रहा है कि केवल हिंदू धर्म को मानने वाले व्यक्ति ही मंदिर में कार्य कर सकते हैं। यह नियम 1989 के एंडोमेंट एक्ट द्वारा समर्थित है, जो यह सुनिश्चित करता है कि सभी कर्मचारी हिंदू परंपराओं का पालन करें।
हाल ही में आंतरिक जांच में पाया गया कि 18 कर्मचारी हिंदू धर्म के अलावा अन्य परंपराओं का पालन कर रहे थे, जिससे TTD की नीतियों का उल्लंघन हुआ।
TTD बोर्ड द्वारा दिए गए विकल्प:
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को दो विकल्प दिए गए हैं:
- अन्य सरकारी विभागों में तबादला
- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के लिए आवेदन
यदि वे इन विकल्पों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
TTD का हिंदू धार्मिक परंपराओं को बनाए रखने पर जोर
TTD के चेयरमैन बी.आर. नायडू ने स्पष्ट किया कि तिरुमला हिंदू आस्था का प्रतीक बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि TTD मंदिरों में केवल हिंदू कर्मचारियों को काम करने की अनुमति होगी।
TTD के धार्मिक नियम और प्रावधान:
- TTD अधिनियम के अनुसार, मंदिर प्रशासन और इससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदू कर्मचारी ही नियुक्त किए जा सकते हैं।
- 1989 का एंडोमेंट एक्ट यह सुनिश्चित करता है कि मंदिर प्रशासन में हिंदू धर्म के नियमों का पालन किया जाए।
- आंध्र प्रदेश धर्मार्थ एवं हिंदू धार्मिक संस्थानों और बंदोबस्ती अधिनियम (AP Charitable and Hindu Religious Institutions and Endowments Subordinate Service Rules) के तहत, मंदिरों के कर्मचारियों को हिंदू धर्म का पालन करना अनिवार्य है।
संविधान और कानून: TTD के फैसले का समर्थन
TTD का यह फैसला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(5) द्वारा समर्थित है, जो धार्मिक संस्थानों को अपने ही धर्म के अनुयायियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश धर्मार्थ और हिंदू धार्मिक संस्थानों से संबंधित नियमों के अनुसार, धार्मिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को हिंदू धर्म मानना आवश्यक है।
इस कानूनी समर्थन के चलते, TTD का निर्णय संवैधानिक और वैधानिक रूप से उचित माना जा रहा है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
बीजेपी और हिंदू संगठनों का समर्थन
बीजेपी नेता और TTD बोर्ड के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने इस निर्णय का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि TTD को सख्ती से अपने नियमों का पालन करना चाहिए और गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए।
विभिन्न हिंदू संगठनों ने भी इस कदम का स्वागत किया, यह कहते हुए कि मंदिरों में हिंदू परंपराओं का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
विरोध और विवाद
हालांकि इस फैसले को व्यापक समर्थन मिला है, कुछ मानवाधिकार संगठनों और धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं ने इसे धार्मिक भेदभाव बताया।
TTD अधिकारियों ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि तिरुमला एक पवित्र हिंदू तीर्थस्थल है और यहां की धार्मिक परंपराओं को संरक्षित रखना आवश्यक है।
तिरुमला मंदिर का हिंदू धर्म में महत्व
तिरुमला तिरुपति मंदिर हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। इसे TTD द्वारा संचालित किया जाता है, और हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।
TTD को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि मंदिर की धार्मिक परंपराएं अक्षुण्ण रहें। इसी उद्देश्य से यह नियम बनाया गया कि मंदिर में केवल हिंदू कर्मचारी कार्य करेंगे।
इस नियम को लागू करके, TTD यह सुनिश्चित कर रहा है कि हिंदू परंपराएं बिना किसी बदलाव के बनी रहें और भक्तों को शुद्ध धार्मिक अनुभव मिले।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: TTD के हिंदू परंपराओं को बनाए रखने के प्रयास
- 2016 में, TTD ने फिर से पुष्टि की थी कि केवल हिंदू धर्म को मानने वाले कर्मचारी ही मंदिर में कार्य कर सकते हैं।
- 2018 में, इसी तरह का विवाद सामने आया था, जब कुछ गैर-हिंदू कर्मचारी धार्मिक नियमों का उल्लंघन करते पाए गए थे।
- पिछले कुछ वर्षों में, TTD अधिनियम में कई संशोधन किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मंदिर प्रशासन पूरी तरह से हिंदू परंपराओं का पालन करे।
इसलिए, TTD का कर्मचारियों को बर्खास्त करने का यह फैसला कोई नया कदम नहीं है, बल्कि मंदिर की धार्मिक मान्यताओं को बनाए रखने की पुरानी नीति का हिस्सा है।
TTD के फैसले का भविष्य में प्रभाव
इस घटना के बाद, TTD अपने भर्ती मानकों को और सख्त बना सकता है, ताकि भविष्य में इस तरह के उल्लंघनों को रोका जा सके।
TTD बोर्ड की संभावित भविष्य की रणनीतियाँ:
- भर्ती प्रक्रिया में हिंदू धर्म की अनिवार्यता की गहन जांच।
- नए कर्मचारियों के लिए धार्मिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना।
- मौजूदा कर्मचारियों की समय-समय पर धार्मिक आचार संहिता की समीक्षा करना।
TTD द्वारा 18 कर्मचारियों की बर्खास्तगी यह दर्शाती है कि मंदिर प्रशासन तिरुमला में हिंदू परंपराओं की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। संविधान और राज्य के कानूनों द्वारा समर्थित यह निर्णय मंदिर की धार्मिक परंपराओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
TTD के इस फैसले से जुड़े मुख्य बिंदु:
✅ TTD ने 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को नियमों के उल्लंघन पर बर्खास्त किया।
✅ इन कर्मचारियों को सरकारी विभाग में स्थानांतरण या VRS लेने का विकल्प दिया गया।
✅ संविधान के अनुच्छेद 16(5) और आंध्र प्रदेश धर्मार्थ एवं हिंदू धार्मिक संस्थान अधिनियम के तहत यह निर्णय कानूनी रूप से उचित।
✅ बीजेपी और हिंदू संगठनों ने फैसले का समर्थन किया, जबकि कुछ मानवाधिकार समूहों ने इसे भेदभाव करार दिया।
✅ भविष्य में TTD अपनी नीतियों को और कड़ा कर सकता है।
TTD का यह कदम हिंदू धार्मिक परंपराओं को संरक्षित करने के प्रयासों का हिस्सा है, और इस मामले में आगे भी कड़े नियम लागू किए जा सकते हैं।
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