सोमवार, जून 23, 2025
होमBiharराजनीति की बेदी पर बली चढ़ाने की परंपरा

राजनीति की बेदी पर बली चढ़ाने की परंपरा

Published on

Follow Us : Google News WhatsApp

मौत पर भारी है सियासत का खेल

KKN न्यूज ब्यूरो। हमारे देश की बिडंबना है कि हम आपदा की मुश्किल हालात में भी राजनीति करने से नहीं चूकते है। कोरोना वायरस मौत बन कर मंडरा रही है और सरकारो की नजर वोटबैंक पर है। सूबे की सरकारे प्रवासी कामगारो को लेकर जो खेल शुरू कर चुकीं है। आखिरकार, इसका अंजाम क्या होगा और नुकसान किसका होगा? सियासतदानो पर इसका कोई फर्क नहीं पड़़ने वाला है। क्योंकि, उन्हें तो राजनीति करनी है। सवाल उठता है कि इस राजनीति में जिनकी जान चली गई, उनका जिम्मेदार कौन होगा? शायद कोई नहीं। क्योंकि, यह राजनीति है और राजनीति की बेदी पर बली देने की पुरानी पंरपंरा रही है।

ब्लड जांच में देरी क्यों

दस रोज बीतने के बाद अब विदेश से आये लोगो का ब्लड लिया जा रहा है। ताकि, कोविड-19 की जांच हो सके। क्या सरकार और उनके कारिंदो को नहीं पता है कि इस बीच जो संपर्क में आये होंगे, उनका क्या होगा? कमोवेश यही हाल प्रवासी मजदूरो का है। लॉकडाउन को ठेंगा दिखा कर पैदल चलते हुए यह मजदूर हजारो की संख्या में बिहार के गांवो में प्रवेस कर रहें हैं। सवाल उठता है कि सरकार के उस घोषणा का क्या, जिसमें इनको कोरंटाइन करके आईसोलेशन वार्ड में रखने का दावा किया जा रहा है। सच ये कि मजदूर सीधे अपने घर पहुंच रहें है। अब गिनती शुरू होगी। काम पूरा होते-होते दो सप्ताह और लग जायेगा।

राजनीति का बदरंग चेहरा

अब राजनीति का बदरंग चेहरा देखिए। प्रवासी कामगारो के साथ कोरोना का वायरस आया तो बिहार के गांवो को सम्भाल पाना मुश्किल हो जायेगा। खैर, जब होगा, तब देखेंगे। फिलहाल तो हमारे सियासतदान यह साबित करने में लगे हैं कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है? यूपी वाले दिल्ली पर और दिल्ली वाले यूपी पर आरोप लगा रहें है। इस सब के बीच प्रवासी कामगारो का बिहार और यूपी के गांवो में धड़़ल्ले से प्रवेस जारी है। सरकारे बता रही है कि वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक दूरी ही एक मात्र उपाय है और वहीं सरकार मजदूरो की भारी भीड़़ जमा करके उनको अपने प्रदेश में जाने के लिए उसका भी रही है। दरअसल, यही राजनीति है। यदि इनमें कोई भी संक्रमित हुआ तो गांव का गांव उजड जायेगा। सरकारे मदद को आयेगी… राजनीति भी होगा… पर, नुकसान की भरपाई नहीं होगा और इसके लिए कोई जिम्मेदार भी नहीं होगा। क्योंकि, यह राजनीति है।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

ओशो की नाव: मांझी, मौन और आत्मा की यात्रा

क्या आपने कभी किसी ऐसे मांझी को देखा है, जो नदी नहीं... आत्मा को...

सलमान खान ने किया खुलासा: ‘तेरे नाम’ का हेयरस्टाइल पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से लिया गया था प्रेरणा

KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान ने नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हो रहे 'द...

‘हिना खान की ऑनस्क्रीन मां’ ने अपने वैवाहिक जीवन के अंत की घोषणा की

KKN गुरुग्राम डेस्क | टीवी इंडस्ट्री में एक और मशहूर अभिनेत्री ने अपने पति...

राम मंदिर पुजारी भर्ती योजना: बढ़ती मंदिरों की संख्या के कारण अब नए पुजारियों की भर्ती की जाएगी

KKN गुरुग्राम डेस्क | अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ मंदिर परिसर...

More like this

राम मंदिर पुजारी भर्ती योजना: बढ़ती मंदिरों की संख्या के कारण अब नए पुजारियों की भर्ती की जाएगी

KKN गुरुग्राम डेस्क | अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ मंदिर परिसर...

बिहार पेंशन वृद्धि: चुनावी साल में राजनीति तेज, नीतीश कुमार पर आरोप और प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही मुख्यमंत्री नीतीश...

मुजफ्फरपुर में चंदवारा पुल को दरभंगा फोरलेन से जोड़ने के लिए 12 एकड़ भूमि का अधिग्रहण, 6 सदस्यीय समिति गठित

KKN गुरुग्राम डेस्क | मुजफ्फरपुर में चंदवारा पुल को दरभंगा फोरलेन से जोड़ने के...
Install App Google News WhatsApp