नई दिल्ली। गुड्स और सर्विस टैक्स जीएसटी 1 जुलाई से लागू हो जाएगा। जीएसटी को लॉन्च करने के लिए 30 जून को आधी रात में संसद के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कहतें हैं कि आजादी के बाद से देश का सबसे बड़ा कर सुधार के रूप में देखा जा रहा है। आजादी के बाद ऐसा पहली बार होगा जब आधी रात को संसद का सत्र बुलाया गया है। इससे पहले 14 अगस्त 1947 को बुलाया गया था। जिसमें देश को आजादी मिलने का ऐलान किया गया था।
जानकार बतातें हैं कि जीएसटी लागू हो जाने के बाद आम जनता को कई तरह के टैक्स देने से राहत मिलेगी। उन्हें सिर्फ एक टैक्स देना होगा। जीएसटी में टैक्स रेट्स को चार भागों 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत में विभाजित किया गया है। जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर यानी इनडायरेक्ट टैक्स है। जीएसटी के तहत वस्तुओं और उत्पादों पर एक प्रकार का समान टैक्स लगाया जाता है। भारतीय संविधान के मुताबिक राज्य और केंद्र सरकारें अभी अपने-अपने हिसाब से वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लगाती हैं।
जीएसटी में तीन अंग होंगे- केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी। केंद्रीय और इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागू करेगा जबकि एसजीएसटी राज्य लागू करेगा।
बैंकिंग, इंश्योरेंस और रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड्स इन्वेस्टमेंट पर फिलहाल सर्विस टैक्स की दर 15 फीसदी है। जीएसटी लागू होने के बाद इसमें 3 प्रतिशत का इजाफा हो जाएगा और यह रेट 18 फीसदी हो जाएगा। मुख्य तौर पर तीन तरह के इंश्योरेंस होते हैं- टर्म इंश्योरेंस प्लान्स, यूलिप और भविष्य निधि (मनी बैक समेत)। इन तीनों पर 15 प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। जीएसटी लागू होने के बाद क्रेडिट कार्ड का बिल और बैकिंग ट्रांजैक्शन पर लगने वाले सर्विस टैक्स भी महंगा हो जाएगा। वर्तमान में 15 प्रतिशत की दर से सर्विस टैक्स लगाया जाता है जो बढ़कर जीएसटी के तहत 18 प्रतिशत हो जाएगा।
मोबाइल फोन कुछ राज्यों में सस्ते होंगे और कुछ राज्यों के लिए महंगे। जीएसटी के तहत मोबाइल के लिए टैक्स रेट 12 फीसदी तय हुआ है। जिन राज्यों में वैट 14 फीसदी था वहां के लोगों के लिए मोबाइल फोन सस्ता होगा। लेकिन कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों में वैट 5 फीसदी है इसलिए वहां के लोगों को मोबाइल पर 12 फीसदी टैक्स देना होगा और वहां मोबाइल महंगे हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त मोबाइल बिल का पेमेंट महंगा होगा। लेकिन इसमें भी आगे कमी हो सकती है। अभी 15 प्रतिशत लगता है। एक जुलाई से बिल भरेंगे तो 18 प्रतिशत बिलिंग अमाउंट पर टैक्स लगेगा। कई टेलिकॉम कंपनियों ने जीएसटी की दर को कम करने की मांग की है।
इस बीच जीएसटी लागू होने के बाद फ्लाइट में इकोनॉमी क्लास में यात्रा करना पहले से सस्ता हो जाएगा। लेकिन बिजनेस क्लास में सफर करने वालों को थोड़ा ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
जीएसटी लागू होने के बाद फाइव स्टार होटल में रहना भी महंगा पड़ेगा। नए नियम के तहत 2,500 से 7500 रुपए के बीच वाले होटल रूम पर 18 प्रतिशत का टैक्स लगेगा। 7,500 और उससे ऊपर वाले रूम पर 28 प्रतिशत टैक्स लगेगा। वर्तमान में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री 18 से 25 प्रतिशत के बीच टैक्स लगाती हैं।
कुछ स्थितियों में रेस्टोरेंट में खाना सस्ता पड़ सकता है। जीएसटी के अंतर्गत रेस्टोरेंट में लगने वाला सर्विस टैक्स और वैट दोनों को जोड़ दिया गया है। एयर कंडीशन रेस्टोरेंट में फूड बिल पर 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा जबकि नॉन एसी रेस्टोरेंट में 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। हालांकि रेस्टोरेंटों द्वारा एसी और नॉन एसी सीटिंग दोनों के लिए 18 प्रतिशत ही चार्ज करेंगी।
जीएसटी के लागू होने पर सैर सपाटा महंगा होगा। जीएसटी में टूर एंड ट्रैवल पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा जो अभी 15 फीसदी लगता है। यानी टैक्स रेट 3 फीसदी बढ़ जाएगा। ओला और उबर से यात्रा करना सस्ता पड़ेगा। रेल यात्रियों को एसी और फर्स्ट क्लास में सफर करने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे। हालांकि नॉन एसपी ट्रेन यात्रा को जीएसटी से बाहर रखा गया है। इसी प्रकार जीएसटी के तहत सभी कारों पर 28 फीसदी का टैक्स लगाया गया है। वहीं छोटी कारों (1200 सीसी तक) पर एक फीसदी का सेस तथा 1500 सीसी तक की कारों पर 3 प्रतिशत सेस लगाया जाएगा। एसयूवी और अन्य लग्जरी कारों पर 15 फीसदी तक का सेस लगाया गया है। कुल मिला कर मध्यम वर्ग को जीएसटी के लागू होने के आरंभिक दिनो में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
This post was published on जून 28, 2017 19:55
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