Home Bihar Muzaffarpur मीनापुर के बाढ़ पीड़ितों में पनप रहा आक्रोश आखिरकार फूट ही पड़ा

मीनापुर के बाढ़ पीड़ितों में पनप रहा आक्रोश आखिरकार फूट ही पड़ा

बाढ़ में डुबा घर
बाढ़ में डुबा घर

विशेष शाखा के अधिकारी ने सरकार को कर दिया था अगाह

जख्मी मुखिया

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर के चार लाख से अधिक बाढ़ पीड़ितो में असंतोष है। समुचित सरकारी मदद नहीं मिलने से निराश बाढ़ पीड़ितो का गुस्सा अब फुटने भी लगा है। 31 जुलाई की शाम में रघई पंचायत के मुखिया चन्देश्वर प्रसाद पर हुए जानलेवा हमला इसका सबसे बड़ा मिशाल है। गौर करने वाली बात ये है कि विशेष शाखा ने पत्र लिख कर पहले ही सरकार को इसकी सूचना दे दी थीं। बावजूद इसके समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाने से लोग भड़क गए। इस बीच बीडीओं ने भी जिला प्रशासन को एक पत्र लिखा। इसमें 25 हजार पॉलीथिन की मांग की गई है। बतातें चलें कि मीनापुर की सभी 28 पंचायतो में बाढ़ का पानी तबाही का कारण बना हुआ है। हालांकि, अंचल प्रशासन पिपराहां असली पंचायत को आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित मानती है। किंतु, बाकी बचे 27 पंचायतो तक समुचित राहत नहीं पहुंचने को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो चुकी है।

मीनापुर का 20 पंचायत ब्लैकआउट

विशेष शाखा के अधिकारी विनय कुमार सिंह ने सरकार को लिखे गोपनीय पत्र में मीनापुर के करीब 4 लाख बाढ़ पीड़ितो की परेशानी से सरकार को अवगत करा दिया है। विशेष शाखा के अधिकारी ने लिखा है कि मीनापुर में एक दर्जन से अधिक मोबाइल टावर में पानी प्रवेश कर जाने से ठप है। मीनापुर का टेलीफोन एक्सचेंज एक सपताह से ठप है। इससे बाढ़ प्रभावित लोगो का बाहरी दुनिया से संपर्क टूट गया है। इसके अतिरिक्त बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से एक सप्ताह से बनघारा पावर सब स्टेशन बंद है। नतीजा, 600 ट्रांसफार्मर से जुड़े बाढ़ग्रस्त 20 पंचायत पांच रोज से ब्लैकआउट है। अधिकारी ने लिखा है कि अंधेरे में सांप और बिच्छू का आतंक बढ़ गया है। जल भराव वाले दर्जनों गांव में चारा के अभाव में पशुओ का पेट भरना मुश्किल हो रहा है। लिहाजा सरकार के प्रति लोगों में आक्रोश गहराने लगा है।

प्रशासन का दावा

खुले में बाढ़ पीड़ित भोजन बनाते हुये 

बीडीओ ने बताया कि बाढ़ वाले इलाके में 25 सामुदायिक किचन चला कर आठ हजार से अधिक बाढ़ पीड़ितो को दोनो शाम का भोजन दिया जा रहा है। बाढ़ में फंसे लोगो को बाहर निकालने के लिए 13 निजी नौका दिनरात काम पर लगा है। अभी तक तीन हजार पॉलीथिन का वितरण कर दिया गया है। बाढ़ पीड़ितो के सर्वे का काम अंतिम चरण में है। इसके पूरा होते ही सभी के खाते में मुआवजा की रकम भेज दी जायेगी। इस बीच बाड़ाभारती के पंसस मंजू देवी ने सड़क पर शरण लिए विस्थापितों के लिए अपने स्तर से जेनरेटर लगा दिया है।

जन प्रतिनिधियों में है असंतोष

बाढ़ से विस्थापित लोगों की तबाही देख कर अब माननीय भी मुखर होने लगे है। विधायक मुन्ना यादव ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बाढ़ पीड़ितो के बीच प्रयाप्त राहत चलाने की मांग की है। जिला पार्षद वीणा देवी और पूर्व जिला पार्षद मिथलेश यादव ने बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए प्रत्येक गांव में कम से कम एक नाव देने की मांग की है। इस बीच बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी आने के साथ ही गांव की समस्या भी बाहर आने लगी है। कोइली के मुखिया अजय सहनी ने बताया कि उनके गांव चैनपुर के कई घरों में कमर से उपर तक पानी भरा है। ब्रहण्डा के मो. सदरुल खां ने बताया कि गांव की स्थिति चिंताजन बन गई है। घोसौत के पूर्व मुखिया साबिर अली, बहबल बाजार के बिन्देश्वर प्रसाद और मझौलिया के सरपंच रतन राय ने बताया कि बड़ी संख्या में बाढ़ में फंसे लोगों के सामने भोजन और मवेशी के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है। उपेन्द्र सहनी बतातें है कि खरार में बाढ़ पीड़ितो की सुधि लेने कोई नहीं आया। बेलाहीलच्छी, रानीखैरा सहित दर्जनो गांव तक मदद नहीं पहुंच पा रहा है। रामसजीवन यादव ने बताया कि बाढ़ पीड़ितो में आक्रोश है। कमोवेश यही हाल अन्य गांवों का भी है।


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