KKN गुरुग्राम डेस्क | अयोध्या के श्रीराम मंदिर में स्वर्णिम शिखर की स्थापना ने देशभर के श्रद्धालुओं के मन में उत्साह और भक्ति की लहर दौड़ा दी है। इस भव्य शिखर की चमक दूर से ही दिखाई देती है, जो मंदिर की दिव्यता को और भी बढ़ा देती है। यह स्वर्णिम शिखर न केवल वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्तों की आस्था और समर्पण का प्रतीक भी है।
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स्वर्णिम शिखर: आस्था और भव्यता का प्रतीक
श्रीराम मंदिर के गर्भगृह के ऊपर स्थापित यह स्वर्णिम शिखर शुद्ध सोने से निर्मित है, जो सूर्य की किरणों में चमकता हुआ दूर से ही दिखाई देता है। यह शिखर न केवल मंदिर की भव्यता को बढ़ाता है, बल्कि यह भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र भी बन गया है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह: 3 से 5 जून 2025
श्रीराम मंदिर में दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 3 से 5 जून 2025 के बीच किया जाएगा। इस दौरान राम दरबार सहित 14 नए मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर किया जा रहा है, जो हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
कलश यात्रा: महिलाओं की अगुवाई में
2 जून को सरयू जल कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। उन्होंने सरयू नदी से पवित्र जल लेकर यज्ञ मंडप तक यात्रा की। यह यात्रा अयोध्या के विभिन्न प्रमुख स्थलों से होकर गुजरी, जिसमें वीणा चौक, राम पथ, श्रृंगार हाट, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, रामकोट और रंगमहल बैरियर शामिल हैं।
राम दरबार की स्थापना
5 जून को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। ये मूर्तियाँ जयपुर के सफेद संगमरमर से निर्मित हैं और इन्हें मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा।
मंदिर परिसर में अन्य देवालयों की स्थापना
राम मंदिर परिसर में 14 नए मंदिरों की स्थापना की जा रही है, जिनमें भगवान शिव, गणेश, हनुमान, सूर्य देव, देवी दुर्गा और देवी अन्नपूर्णा के मंदिर शामिल हैं। इन सभी मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को की जाएगी।
भक्तों के लिए सुविधाएं
राम मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं, जिनमें 45 मिनट में दर्शन की व्यवस्था, सुरक्षा के लिए ड्रोन निगरानी, स्वच्छता और पेयजल की व्यवस्था शामिल है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में 1100 वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
डिजिटल दर्शन की सुविधा
जो भक्त अयोध्या नहीं आ सकते, उनके लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने डिजिटल दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है। भक्त अब घर बैठे ही मंदिर की भव्यता और प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आनंद ले सकते हैं।
अयोध्या: एक वैश्विक धार्मिक केंद्र
श्रीराम मंदिर की भव्यता और धार्मिक महत्व ने अयोध्या को एक वैश्विक धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे अयोध्या की आध्यात्मिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है।
श्रीराम मंदिर का स्वर्णिम शिखर न केवल एक वास्तुकला की उपलब्धि है, बल्कि यह भक्तों की आस्था और समर्पण का प्रतीक भी है। यह मंदिर आने वाले समय में भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र बना रहेगा।
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