KKN गुरुग्राम डेस्क | शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में नरमी की खबरों के बीच निवेशकों ने सुरक्षित निवेश साधनों (जैसे सोना और चांदी) से दूरी बनानी शुरू कर दी। इस बदलते रुझान का सीधा असर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिखा, जहां सोने और चांदी दोनों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
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यह गिरावट ऐसे समय में हुई है जब निवेशकों की धारणा अपेक्षाकृत जोखिम लेने की ओर झुकी हुई है और शेयर बाजारों में तेजी देखी जा रही है।
सोने की कीमतों में गिरावट: जून डिलीवरी में 1.11% की गिरावट
एमसीएक्स पर 5 जून 2025 को डिलीवरी वाले सोने की कीमत ₹93,179 से घटकर ₹92,135 प्रति 10 ग्राम हो गई, यानी 1.11% की गिरावट।
सोने की कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण:
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भारत-पाक तनाव में कमी:
दोनों देशों के बीच हालिया कूटनीतिक वार्ताओं से सीमा पर तनाव कम हुआ है। इससे निवेशकों की सोने में रुचि में कमी आई है, क्योंकि अब जोखिम की धारणा पहले जैसी नहीं रही। -
अंतरराष्ट्रीय सोने के दाम में गिरावट:
वैश्विक स्तर पर सोना $2,354 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले सप्ताह की तुलना में हल्का कमजोर रहा। -
डॉलर इंडेक्स में मजबूती:
डॉलर मजबूत होने से विदेशी निवेशकों के लिए सोना महंगा हुआ है, जिससे मांग पर असर पड़ा। -
रुपये की मजबूती:
भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले थोड़ा मजबूत हुआ है, जिससे आयातित सोना सस्ता पड़ा और स्थानीय बाजार में कीमतों में नरमी देखी गई।
चांदी की कीमतों में भी गिरावट: जुलाई डिलीवरी में 1.13% की गिरावट
चांदी ने भी सोने के नक्शेकदम पर चलते हुए गिरावट दर्ज की। 4 जुलाई 2025 की डिलीवरी वाली चांदी की कीमत ₹95,915 से घटकर ₹94,828 प्रति किलोग्राम हो गई, यानी 1.13% की गिरावट।
चांदी की गिरावट के कारण:
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सुरक्षित निवेश की मांग में कमी
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वैश्विक बाजारों में चांदी की कीमतों में गिरावट
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घरेलू मांग में कमी और निवेशकों की सतर्कता
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औद्योगिक मांग में कोई बड़ा उछाल नहीं
विशेषज्ञों की राय: बाजार का विश्लेषण
अनिल कुमार, सीनियर कमोडिटी विश्लेषक, दिल्ली:
“भारत-पाकिस्तान तनाव में नरमी के चलते निवेशकों को अब सोना-चांदी में उतनी सुरक्षा नहीं दिख रही। लोग अब शेयर बाजार और अन्य रिटर्न देने वाले विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं।”
सोनिया मेहता, मेटल स्ट्रैटेजिस्ट, ग्लोबल कमोडिटीज:
“चांदी की गिरावट असामान्य नहीं है। औद्योगिक मांग जब स्थिर हो और सुरक्षित निवेश का आकर्षण घटे, तब चांदी का दाम अक्सर सोने के साथ गिरता है।”
अंतरराष्ट्रीय बाजारों का असर
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स्पॉट गोल्ड: $2,354 प्रति औंस
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स्पॉट सिल्वर: $28.75 प्रति औंस
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कॉमेक्स (COMEX) गोल्ड फ्यूचर्स: कमजोर
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एशियाई शेयर बाजार: तेज़ी के साथ खुले
इससे साफ है कि केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी निवेशक अब कमोडिटी मार्केट से इक्विटी या रियल एसेट्स की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।
सोना-चांदी की कीमतें (MCX): 17 मई 2025
कमोडिटी | डिलीवरी तिथि | पिछला भाव | वर्तमान भाव | गिरावट (%) |
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सोना | 5 जून 2025 | ₹93,179 | ₹92,135 | -1.11% |
चांदी | 4 जुलाई 2025 | ₹95,915 | ₹94,828 | -1.13% |
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भू-राजनीतिक स्थिरता बनी रहती है तो सोना-चांदी के दाम और भी नीचे जा सकते हैं।
संभावित रुझान:
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सोना ₹91,000 तक गिर सकता है
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चांदी ₹93,000 – ₹96,500 के दायरे में रह सकती है
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विदेशी मुद्रा में स्थिरता बनी रही तो गिरावट का दौर जारी रह सकता है
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निवेशक लंबी अवधि के लिए वैकल्पिक निवेश साधनों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं
ज्वेलरी बाजार पर असर
इस गिरावट का असर अब जल्द ही स्थानीय बाजारों में भी देखने को मिल सकता है। खासकर दिल्ली, मुंबई, पटना, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों में सोने के गहनों के रेट में कमी आने की संभावना है।
शादी-ब्याह के सीजन में ग्राहकों की संख्या बढ़ सकती है, जो कीमतों के स्थिर होने के बाद खरीदारी को तैयार हैं।
17 मई 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में जो गिरावट देखी गई, वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कमी का संकेत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भू-राजनीतिक स्थिरता का सीधा असर निवेश के रुझान पर पड़ता है।
हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वह बाजार की चाल को समझकर ही अपनी निवेश रणनीति बनाएं। क्योंकि भविष्य में फिर से कोई भी राजनीतिक या आर्थिक उथल-पुथल कीमतों को प्रभावित कर सकती है।
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