KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार सरकार ने राज्य की शिक्षा प्रणाली को डिजिटल रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के बाद मिडिल स्कूलों में भी कंप्यूटर शिक्षा शुरू की जाएगी। इस योजना के पहले चरण में 31,297 सरकारी मध्य विद्यालयों को स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर लैब से लैस किया जाएगा।
बिहार शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को वित्त विभाग से मंजूरी मिल गई है। इसका उद्देश्य छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही तकनीकी ज्ञान से जोड़ना है ताकि वे भविष्य में डिजिटल इंडिया अभियान में सक्रिय भूमिका निभा सकें। यह निर्णय शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की पहल पर लिया गया था, जिन्होंने दिसंबर 2024 में प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू करने के निर्देश दिए थे।
इस योजना के पहले चरण में कक्षा 6वीं, 7वीं और 8वीं के छात्रों को कंप्यूटर विषय पढ़ाया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षित कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से डिज़ाइन की गई किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह कंप्यूटर शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी और नियमित रूप से पढ़ाई जाएगी।
शिक्षा विभाग के मुताबिक, हर मिडिल स्कूल में एक आधुनिक कंप्यूटर लैब की स्थापना की जाएगी जिसमें छात्र व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। स्मार्ट क्लास की व्यवस्था के अंतर्गत स्कूलों में प्रोजेक्टर, डिजिटल बोर्ड और इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी ताकि डिजिटल सामग्री का प्रयोग करके पढ़ाई को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
कंप्यूटर शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रशिक्षित कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती करेगी। इन शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा और बच्चों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। नियुक्ति के लिए पात्रता और चयन प्रक्रिया की जानकारी शिक्षा विभाग जल्द ही जारी करेगा।
इस योजना का दूसरा चरण प्राथमिक शिक्षा स्तर के लिए है, जिसमें कक्षा 3 से 5 के छात्रों को बेसिक कंप्यूटर स्किल्स जैसे कि कीबोर्ड और माउस का इस्तेमाल, फोल्डर बनाना, फाइल सेव करना और Microsoft Word, Excel, PowerPoint जैसे सॉफ्टवेयर का परिचय कराया जाएगा। इस चरण में 40,566 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को जोड़ा जाएगा।
यह योजना बिहार सरकार के “डिजिटल बिहार” विजन का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य के बच्चों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करना और उन्हें भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करना है। डिजिटल शिक्षा से ना सिर्फ छात्रों की सीखने की क्षमता बढ़ेगी बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं और करियर के लिए भी मजबूत आधार मिलेगा।
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक की पहुंच अभी सीमित है। इस योजना से गांवों के बच्चों को भी वही तकनीकी शिक्षा मिलेगी जो अब तक सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित थी। इससे शिक्षा में समानता और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार इस योजना के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान कर रही है। हर स्कूल को कंप्यूटर लैब और स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाए
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