KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी ने लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। अधिकतम तापमान कई जिलों में 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। लेकिन अब राहत की खबर सामने आ रही है। मौसम विभाग ने 12 जून को बिहार के कई हिस्सों में बारिश, आंधी और ठनका की चेतावनी जारी की है। इसके बाद तापमान में गिरावट और लोगों को गर्मी से राहत मिलने की संभावना है।
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अगले दो दिन रहेगा भीषण गर्मी का असर
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में 11 जून तक गर्मी का कहर जारी रहेगा। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। पटना, गया, भागलपुर, और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में लू जैसे हालात बने हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिन के समय घर से बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए।
12 जून को मौसम में आएगा बदलाव
12 जून को उत्तर और दक्षिण बिहार के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके साथ ही तेज हवाएं और बिजली गिरने की भी चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
बादलों के आने से धूप की तीव्रता में कमी आएगी, जिससे तापमान में गिरावट आएगी और आम जनता को राहत मिलेगी।
मानसून आने के लिए अनुकूल हो रहे हैं हालात
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बिहार में 11 जून से मानसून के प्रवेश के लिए अनुकूल स्थितियाँ बनने लगेंगी। संभावना है कि राज्य में मानसून 13 से 15 जून के बीच दस्तक देगा, जो कि सामान्य तिथि मानी जाती है।
इससे पहले 2024 में मानसून 5 दिन की देरी से आया था और राज्य में 20% कम बारिश हुई थी। लेकिन इस बार हालात बेहतर नजर आ रहे हैं।
मानसून का प्रवेश द्वार: किशनगंज
बिहार में मानसून आमतौर पर उत्तर-पूर्वी जिले किशनगंज से प्रवेश करता है और फिर धीरे-धीरे राज्य के बाकी हिस्सों में फैलता है। इसी मार्ग से 2025 में भी मानसून के आने की संभावना जताई जा रही है।
इस साल सामान्य से अधिक बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि बिहार में इस बार मानसून की बारिश सामान्य से 11% अधिक होगी। यदि यह पूर्वानुमान सटीक बैठता है, तो यह 2021 के बाद पहली बार होगा जब राज्य को सामान्य से अधिक वर्षा प्राप्त होगी।
खरीफ फसलों, विशेषकर धान और मक्का की खेती के लिए यह स्थिति बेहद अनुकूल मानी जा रही है।
पिछले वर्षों में मानसून आगमन और बारिश का विश्लेषण
वर्ष | मानसून आगमन | वर्षा स्थिति |
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2020 | 13 जून | सामान्य वर्षा |
2021 | 13 जून | सामान्य से अधिक |
2022 | 13 जून | सामान्य |
2023 | 12 जून | 23% कम वर्षा |
2024 | 20 जून | 20% कम वर्षा |
इस डेटा से साफ है कि समय पर मानसून का आना बिहार के जलवायु और कृषि दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
केरल में समय से पहले आया मानसून, लेकिन बिहार में देरी
इस साल मानसून 23 मई को ही केरल पहुंच गया था, जो तय समय से 8 दिन पहले था। हालांकि, पछुआ हवाओं के कारण इसका फैलाव उत्तर की ओर धीमा हो गया और यह फिलहाल पश्चिम बंगाल और सिक्किम में रुका हुआ है।
बिहार में मानसून की दस्तक में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन यह चिंताजनक नहीं है।
किसान तैयारी में जुटे, लेकिन बारिश का इंतजार
बिहार के किसान खेतों की जुताई और तैयारी में जुटे हैं, लेकिन बुआई का कार्य शुरू करने के लिए वे लगातार बारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का सुझाव है कि जब तक लगातार 40 मिमी बारिश न हो जाए, तब तक बुआई करना जोखिम भरा हो सकता है।
शहरी क्षेत्रों में बारिश से मिलेगी राहत, पर बढ़ सकती हैं समस्याएं
बारिश जहां तापमान में गिरावट और बिजली की खपत में कमी लाएगी, वहीं पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे शहरों में इससे कुछ समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं:
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जलजमाव और ट्रैफिक जाम
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मच्छरों की बढ़ोतरी से स्वास्थ्य समस्याएं
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बिजली आपूर्ति में बाधा
नगर निगमों को नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड में
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) ने सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। बिजली गिरने की घटनाओं को रोकने और जान-माल की रक्षा के लिए मोबाइल अलर्ट और स्थानीय घोषणाएं की जा रही हैं।
हालांकि आने वाले 2-3 दिन अब भी गर्म रहेंगे, लेकिन 12 जून से मौसम में बदलाव आने की संभावना है। मानसून के 13 से 15 जून के बीच राज्य में प्रवेश करने की उम्मीद है।
बिहार के नागरिकों, किसानों और अधिकारियों को चाहिए कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सावधानी बरतें।
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