सोमवार, जून 23, 2025
होमKKN Specialभारत के प्रमुख जलाशयों में जल संकट

भारत के प्रमुख जलाशयों में जल संकट

Published on

Follow Us : Google News WhatsApp

पन बिजली परियोजना पर भी पड़ सकता है असर

नई दिल्ली। भारत को आने वाले दिनो में जबरदस्त जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 23 नवम्बर को समाप्त सप्ताह के दौरान 101.077 बीसीएम जल संग्रहण आंका गया। बतातें चलें कि यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का मात्र 64 प्रतिशत है। इसके पहले 16 नवम्बर को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 66 प्रतिशत था। ताजा जल संग्रहण स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 96 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 95 प्रतिशत बताया जा रहा है।
बतातें चलें कि इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं, जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली भी पैदा करते हैं।

हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीय जल आयोग की निगरानी में हैं। इनमें कुल उपलब्ध संग्रहण 12.18 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 68 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 60 प्रतिशत थी।
इसी प्रकार पूर्वी क्षेत्र झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 14.43 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 77 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 82 प्रतिशत थी।
वही, पश्चिमी क्षेत्र गुजरात तथा महाराष्ट्र में सीडब्ल्यूसी की निगरानी में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं, जिनमें कुल उपलब्ध संग्रहण 19.63 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 73 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 80 प्रतिशत थी
इसी तरह मध्य क्षेत्र के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जिनमें कुल उपलब्ध संग्रहण 24.58 बीसीएम है, जो कुल संग्रहण क्षमता का 58 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 84 प्रतिशत थी।
दक्षिणी क्षेत्र के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, एपी एवं कनार्टक, केरल एवं तमिलनाडु में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जिनमें कुल उपलब्ध संग्रहण 30.27 बीसीएम है, जो इनकी कुल संग्रहण क्षमता का 59 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 42 प्रतिशत थी।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है, उनमें हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उत्तराखंड, एपी एवं आंध्र प्रदेश, कनार्टक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। पिछले वर्ष की इसी अवधि में समान संग्रहण करने वाले राज्यों में पंजाब और महाराष्ट्र है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम संग्रहण वाले राज्यों में राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

बिहार में गर्मी छुट्टियों के बाद स्कूल फिर हर्षोल्लास के साथ खुले; 23 जून से ‘स्वागत सप्ताह’ का शुभारंभ

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक (कक्षा 1–8) स्कूलों...

आमिर खान की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल, जावेद अख्तर ने की तारीफ

KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान की नई फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ बॉक्स ऑफिस...

बिहार चुनाव 2025 से पहले मुकेश सहनी का बड़ा ऐलान

KKN गुरुग्राम डेस्क | जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नज़दीक आ रहा है, राजनीतिक...

आज का राशिफल: 23 जून 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क | आज का दिन कई राशियों के लिए नई संभावनाएं, आर्थिक...

More like this

राम मंदिर पुजारी भर्ती योजना: बढ़ती मंदिरों की संख्या के कारण अब नए पुजारियों की भर्ती की जाएगी

KKN गुरुग्राम डेस्क | अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ मंदिर परिसर...

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: योग के माध्यम से शरीर के सात चक्रों को जागृत करें

KKN गुरुग्राम डेस्क | पूरी दुनिया आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 मना रही है।...

कैलेंडर का चक्र: 2025 और 1941 की समानता क्या मानी जाए संकेत या संयोग?

KKN गुरुग्राम डेस्क | दुनिया भर में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष के बीच, हाल ही...
Install App Google News WhatsApp