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टिकटॉक बैन: क्या भारत का उदाहरण या ट्रंप का फैसला तय करेगा इसका भविष्य?

TikTok Ban Saga: Will India’s Example or Trump’s Decision Define the App’s Future?

गुरुग्राम डेस्क | अमेरिका में टिकटॉक के संभावित बंद होने की अटकलों के बीच सवाल उठ रहा है कि क्या नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हस्तक्षेप करेंगे या बैन को लागू होने देंगे। 170 मिलियन यूजर्स के साथ अमेरिका टिकटॉक के राजस्व का प्रमुख स्रोत है। यह स्थिति भारत में 2020 के बैन की याद दिलाती है, जिसने शॉर्ट-वीडियो ऐप बाजार को नया रूप दिया।

अमेरिका में टिकटॉक बैन: क्या हो रहा है?

1. सुप्रीम कोर्ट का फैसला

  • 17 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने एक कानून को बरकरार रखा, जिसमें ByteDance को टिकटॉक के अमेरिकी संचालन को बेचने या 19 जनवरी तक बंद करने का निर्देश दिया गया है।
  • यह कानून ऐप्पल और गूगल ऐप स्टोर से ऐप को हटाने का आदेश देता है, लेकिन पहले से डाउनलोड किए गए ऐप्स को हटाने की आवश्यकता नहीं है।

2. टिकटॉक का रुख

  • टिकटॉक ने घोषणा की है कि यदि स्पष्टता नहीं मिली, तो यह “बंद” हो जाएगा।
  • कंपनी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बिना समर्थन के ऐप की सेवाएं जारी रखना असंभव होगा।

भारत में टिकटॉक बैन: एक सबक

2020 में भारत ने 59 चीनी ऐप्स, जिसमें टिकटॉक भी शामिल था, को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से बैन कर दिया।

  1. शॉर्ट-वीडियो बाजार में खालीपन: टिकटॉक के 200 मिलियन यूजर्स को अचानक सेवा बंद होने का सामना करना पड़ा।
  2. प्रतिस्पर्धियों का उभार Reels और YouTube Shorts ने इस खालीपन को भरते हुए बाजार पर कब्जा किया।
  3. स्थानीय ऐप्स का संघर्षचिंगारी और मित्रों जैसे घरेलू ऐप्स शुरुआत में लोकप्रिय हुए, लेकिन लंबे समय तक टिक नहीं पाए।

कौन होगा बैन से सबसे बड़ा लाभार्थी?

1. मेटा और यूट्यूब का दबदबा

  • मेटा (Instagram और Facebook) और YouTube टिकटॉक के बाजार हिस्से का बड़ा भाग हासिल करेंगे।
  • के अंत तक, Instagram और YouTube मिलकर शॉर्ट-वीडियो बाजार का 71% हिस्सा संभाल सकते हैं।

2. अन्य प्लेटफार्मों को फायदा

  • SnapchatPinterest, और X जैसे प्लेटफार्म भी बढ़ती मांग का लाभ उठा सकते हैं।

ट्रंप का टिकटॉक पर रुख

1. 2020 में टिकटॉक के खिलाफ कार्रवाई

  • 2020 में ट्रंप ने टिकटॉक को या तो बेचने या बैन करने की वकालत की थी।

2. 2025 में बदला रुख

  • अब, ट्रंप ने टिकटॉक को “बचाने” का वादा किया है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात कही है।
  • उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और टिकटॉक के सीईओ शोउ ज़ी च्यू से बातचीत की है, जिससे समाधान की संभावना जताई जा रही

अमेरिका में टिकटॉक का भविष्य न केवल शॉर्ट-वीडियो ऐप उद्योग के लिए बल्कि वैश्विक डिजिटल परिदृश्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप का हस्तक्षेप ऐप को बचा सकता है या प्रतियोगी प्लेटफार्म बाजार का नियंत्रण हासिल कर लेंगे।


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