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सोनी राजदान के शांति अपील वाले पोस्ट से मचा बवाल, आलिया भट्ट की नागरिकता पर उठे सवाल

Alia Bhatt's mother Soni Razdan faces criticism

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे हालिया तनाव के बीच, बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान द्वारा शांति की अपील ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक शांति याचिका साझा की, जिसके बाद उन्हें जमकर ट्रोल किया गया और लोगों ने उनकी बेटी आलिया की नागरिकता पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए।

सोनी राजदान ने जो शांति संदेश साझा किया था, वह सोशल मीडिया पर “सबसे बढ़कर – शांति याचिका पर हस्ताक्षर करें। लिंक बायो में है।” इस तरह का था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने वह पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक ये मुद्दा सुर्खियों में आ चुका था।

 सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा

सोनी राजदान की शांति अपील को कई यूजर्स ने भारत के खिलाफ बयान समझा और इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा:

“शांति एक आदर्श लक्ष्य है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि संघर्ष की शुरुआत कौन कर रहा है। हमारे सैनिक टारगेट ऑपरेशन चला रहे हैं, जबकि दूसरी ओर आवासीय इलाकों पर हमले हो रहे हैं। ऐसे में शांति की बात करना, वो भी बिना संदर्भ के, बहुत अजीब लगता है।”

इस टिप्पणी में आगे लिखा गया कि:

“और ये अपील उस व्यक्ति द्वारा की जा रही है जिसकी बेटी (आलिया भट्ट) विदेशी नागरिक होते हुए भारत के सभी विशेषाधिकारों का आनंद ले रही है। ये बात ईमानदारी और जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती है।”

सोनी राजदान का स्पष्टीकरण

इन आलोचनाओं के बाद सोनी राजदान ने जवाब देते हुए कहा:

“मेरी शांति की अपील भारत के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए थी। भारत तो केवल जवाबी कार्रवाई कर रहा है और ये पूरी तरह उचित है। मुझे लगता है लोग बिना पूरी बात जाने जल्द निष्कर्ष पर पहुंच गए।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह एक जनरल स्टेटमेंट था और युद्ध के विनाश को लेकर उनकी चिंता स्वाभाविक है।

“जो भी व्यक्ति युद्ध से गुजर चुका है, वह किसी और के लिए यह कभी नहीं चाहेगा।”

 नागरिकता का मुद्दा फिर चर्चा में

सोनी राजदान और उनकी बेटी आलिया भट्ट की ब्रिटिश नागरिकता पहले भी विवादों में रही है। इस बार भी शांति पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने पूछा कि क्या विदेशी नागरिकों को भारतीय सेना और राजनीति जैसे मुद्दों पर बोलने का अधिकार है?

हालांकि, सोनी पहले भी स्पष्ट कर चुकी हैं कि वे भारत में टैक्स देती हैं, ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारक हैं और उनका जुड़ाव भारत से भावनात्मक और व्यावहारिक दोनों रूपों में है।

🇮🇳 आलिया भट्ट की प्रतिक्रिया

विवाद के बीच आलिया भट्ट ने भी भारतीय सेना के समर्थन में बयान दिया, जिससे यह साफ हो गया कि वह अपनी मां के बयान से खुद को अलग कर रही हैं।

आलिया ने लिखा:

“मैं आज और हर दिन अपने सशस्त्र बलों को सलाम करती हूं। जय हिंद।”

इस बयान को उनकी ओर से देश के प्रति समर्थन और राष्ट्रवाद का संकेत माना गया।

 सोशल मीडिया पर बढ़ता दबाव

यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि सोशल मीडिया पर मशहूर हस्तियों को किस तरह की जवाबदेही निभानी पड़ती है। एक छोटी सी पोस्ट भी राजनीतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विवाद का कारण बन सकती है।

सोनी राजदान के बयान पर त्वरित प्रतिक्रिया और आलोचना यह दर्शाती है कि जनता अब सेलिब्रिटी बयानों को केवल शो-बिजनेस के नजरिए से नहीं देखती, बल्कि उनके सामाजिक प्रभाव को भी मापती है।

क्या इस विवाद का असर पड़ेगा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद से ना सिर्फ सोनी राजदान बल्कि आलिया भट्ट की सार्वजनिक छवि भी प्रभावित हो सकती है। विशेषकर जब भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई चल रही हो और ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाइयों से देश में राष्ट्रवादी भावनाएं उच्चतम स्तर पर हों।

ऐसे में किसी भी तरह का “नरम बयान” या “शांति की अपील” जनता को गलत संकेत दे सकता है, भले ही उसका उद्देश्य सही क्यों ना हो।

सोनी राजदान की शांति की अपील एक सामान्य मानवीय सोच का प्रतीक हो सकती है, लेकिन इस तरह के संवेदनशील समय में ऐसे बयानों का राजनीतिक और सामाजिक असर भी होता है। इस विवाद ने यह एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि सेलिब्रिटी की हर बात सोशल मीडिया पर सार्वजनिक समीक्षा के घेरे में होती है।

जहां एक ओर किसी भी नागरिक को शांति की बात कहने का अधिकार है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्र की सुरक्षा और सेना के सम्मान से जुड़ी परिस्थितियों में शब्दों के चयन में सावधानी आवश्यक है।


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