KKN गुरुग्राम डेस्क | आज यानी 14 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई, लेकिन बाजार दिन के सबसे निचले स्तर से रिकवर करने में सफल रहा। सेंसेक्स ने 500 से अधिक अंकों की रिकवरी की और सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन को 199.76 अंक यानी 0.26% की गिरावट के साथ 75,939.21 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 102.15 अंक या 0.44% गिरकर 22,929.25 पर बंद हुआ।
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शेयर बाजार लाइव अपडेट्स: गिरावट के बीच बाजार की रिकवरी
दिन के पहले हिस्से में बाजार गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था। सुबह 2:38 बजे, सेंसेक्स 282.82 अंक यानी 0.37% नीचे 75,856.15 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, निफ्टी 134.20 अंक यानी 0.58% की गिरावट के साथ 22,929.25 पर था। बाजार में कुछ प्रमुख कंपनियां जैसे कि अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स लगातार गिरावट में थी, जो निफ्टी के गिरने का कारण बनीं।
दोपहर के अपडेट्स: गिरावट की दिशा में निरंतरता
दोपहर 1:10 बजे, सेंसेक्स 644 अंक गिरकर 75,494 पर आ गया था, जबकि निफ्टी 237 अंक गिरकर 22,793 पर ट्रेड कर रहा था। निफ्टी के टॉप लूजर्स में BEL, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, श्रीराम फाइनेंस और सन फार्मा शामिल थे। ये स्टॉक्स प्रमुख गिरावट का कारण बने।
शेयर बाजार में गिरावट जारी, कई स्टॉक्स लोअर सर्किट पर
12:15 PM तक, शेयर बाजार में गिरावट लगातार जारी रही। सेंसेक्स 541 अंक गिरकर 75,557 पर आ गया था, और निफ्टी 185 अंक गिरकर 22,846 पर था। NSE पर 380 स्टॉक्स 52 हफ्ते के लो पर आ गए थे। इस दौरान 2381 स्टॉक्स गिरावट में थे, जबकि केवल 356 स्टॉक्स में बढ़त थी। इसके अलावा, 182 स्टॉक्स में लोअर सर्किट लगा था, जो बाजार की बढ़ती अस्थिरता को दर्शाता है।
शेयर बाजार में हलचल जारी, बड़ी कंपनियां गिरावट में
11:40 AM के आसपास सेंसेक्स में 421 अंक की गिरावट आई, जो 75,717 तक पहुंच गई थी। वहीं, निफ्टी भी 156 अंक गिरकर 22,875 पर था। इस समय NSE पर 150 स्टॉक्स ने लोअर सर्किट को छुआ, जबकि 341 स्टॉक्स ने 52 हफ्ते के लो को छुआ।
शेयर बाजार की शुरुआत: मजबूत लेकिन अस्थिर
शेयर बाजार आज वेलेंटाइन डे के मौके पर सकारात्मक शुरुआत के साथ खुला। सेंसेक्स 250 अंक बढ़कर 76,388 पर खुला, और निफ्टी ने 65 अंकों की बढ़त के साथ 23,096 पर शुरुआत की। हालांकि, दिन के पहले हिस्से में बाजार धीरे-धीरे गिरावट की ओर बढ़ता गया।
ग्लोबल संकेतों का असर: भारतीय बाजार पर प्रभाव
ग्लोबल मार्केट से मिली सकारात्मक खबरों ने भारतीय शेयर बाजार को कुछ हद तक सपोर्ट किया, लेकिन इसके बावजूद भारतीय बाजार गिरावट की तरफ बढ़ता नजर आया। वॉल स्ट्रीट पर अच्छी बढ़त के बाद एशियाई बाजारों ने भी बढ़त के साथ शुरुआत की, लेकिन भारतीय बाजार इन संकेतों का पूरा फायदा नहीं उठा पाया।
ग्लोबल मार्केट के संकेत और भारतीय शेयर बाजार की दिशा
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एशियाई बाजारों की स्थिति: जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.15% गिरा, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स 0.31% बढ़ा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.14% और कोस्डैक 0.74% मजबूत हुआ। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स ने मजबूत शुरुआत का संकेत दिया।
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वॉल स्ट्रीट का असर: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के व्यापारिक नीति संबंधी बयान के बाद, वॉल स्ट्रीट में तेजी देखी गई। डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.77% बढ़कर 44,711.43 पर बंद हुआ, जबकि S&P 500 में 1.04% की बढ़त देखी गई। नैस्डैक भी 1.50% बढ़कर 19,945.64 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार की दिशा: क्या कारण हैं गिरावट के?
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें मुख्य कारणों में ग्लोबल मार्केट की अस्थिरता, प्रमुख कंपनियों का प्रदर्शन, और भारत में आर्थिक आंकड़े शामिल हैं। विशेष रूप से, अडानी समूह की कंपनियां जैसे अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स, जो निफ्टी के प्रमुख लूजर्स में शामिल हैं, ने निफ्टी के गिरने का कारण बना। इसके अलावा, बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में भी कमजोरी देखी जा रही है।
सेंसेक्स और निफ्टी में किस क्षेत्र में आई गिरावट?
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बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र: इस क्षेत्र के प्रमुख शेयरों में गिरावट देखी गई, जो पूरी अर्थव्यवस्था और निवेशकों की मानसिकता पर असर डालते हैं।
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अडानी समूह के स्टॉक्स: अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स के शेयरों में गिरावट ने भारतीय बाजार को दबाव में डाल दिया।
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फार्मा सेक्टर: सन फार्मा जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियों में गिरावट ने भी बाजार की कमजोरी को बढ़ाया।
निफ्टी और सेंसेक्स के लिए आने वाले सप्ताह में क्या उम्मीदें?
आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, अगर वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत मिलते हैं, तो बाजार में रिकवरी हो सकती है। निवेशकों को बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर पर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ये क्षेत्र लगातार गिरावट का सामना कर रहे हैं।
अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप अपनी पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करें और जोखिम कम करने के लिए स्टॉक्स का चुनाव सावधानी से करें। वर्तमान में, सेंसेक्स के लिए प्रमुख समर्थन स्तर 75,000 और 75,500 हैं, जबकि निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण स्तर 22,800 और 23,000 हो सकते हैं।
कौन-कौन सी कंपनियां और सेक्टर हो सकते हैं प्रभावित?
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बैंकिंग और वित्तीय कंपनियां: अगर बाजार में गिरावट जारी रहती है तो यह कंपनियां और प्रभावित हो सकती हैं।
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अडानी समूह के स्टॉक्स: अडानी समूह के स्टॉक्स में बढ़ती अस्थिरता और गिरावट के कारण ये निवेशकों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकते हैं।
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कमोडिटी स्टॉक्स: अगर वैश्विक कमोडिटी की कीमतें और बढ़ती हैं, तो यह सेक्टर सकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है।
आज के शेयर बाजार के अपडेट्स ने यह स्पष्ट किया कि भारतीय शेयर बाजार में फिलहाल अस्थिरता जारी है। हालांकि, दिन के अंत में कुछ रिकवरी जरूर हुई, लेकिन अभी भी बाजार में गिरावट का दबाव है। निवेशकों को सुझाव दिया जाता है कि वे इस उतार-चढ़ाव के बीच सावधानी बरतें और अपनी निवेश रणनीति को पुनः जांचें।
अगर आप एक लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो मौजूदा गिरावट को एक अवसर के रूप में देख सकते हैं, लेकिन शॉर्ट-टर्म निवेशक को सतर्क रहना चाहिए। किसी भी प्रकार के निवेश निर्णय लेने से पहले बाजार की स्थितियों का गहराई से अध्ययन करना जरूरी है।
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