KKN गुरुग्राम डेस्क | केंद्रीय बजट 2025, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को पेश किया, ने बीमा क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा की है। सरकार ने बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी है। इस ऐलान के बाद बीमा कंपनियों के शेयरों में उछाल देखा गया और इस फैसले से उद्योग में बड़े बदलाव और विकास की उम्मीद जताई जा रही है।
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हालांकि, बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि कर छूट की सीमा बढ़ाई जाएगी और बीमा प्रीमियम पर जीएसटी (GST) में कटौती की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य और टर्म इंश्योरेंस को अधिक किफायती बनाया जा सके। हालांकि, बजट 2025 में इस पर कोई बदलाव नहीं किया गया। लेकिन एफडीआई सीमा बढ़ाने और नई बीमा योजनाओं के विस्तार से रोबोटिक सर्जरी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को बीमा कवरेज में शामिल करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
एफडीआई सीमा बढ़ने के बाद बीमा शेयरों में उछाल
बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई की घोषणा के बाद, एचडीएफसी लाइफ, एलआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस, एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ और स्टार हेल्थ जैसी प्रमुख बीमा कंपनियों के शेयरों में 3% तक की वृद्धि देखी गई।
मूडीज रेटिंग्स (Moody’s Ratings) के अनुसार, बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाने से:
✅ लाभ मार्जिन (profit margins) में सुधार होगा
✅ उद्योग में विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा
✅ वित्तीय भंडार (financial reserves) मजबूत होंगे
✅ नई कंपनियों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया तेज होगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह नया एफडीआई नियम केवल उन निवेशकों पर लागू होगा जो अपनी पूरी प्रीमियम निवेश राशि भारत में लगाएंगे। साथ ही, मौजूदा एफडीआई दिशानिर्देशों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा ताकि निवेशकों को बेहतर अवसर मिल सकें।
इस नीति में बदलाव सरकार की वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने, वित्तीय क्षेत्र को सशक्त बनाने और आम नागरिकों के लिए बीमा सेवाओं को अधिक सुलभ बनाने की रणनीति का हिस्सा है।
रोबोटिक सर्जरी और उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के लिए बीमा कवरेज की बढ़ती मांग
स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं, और अब मरीज उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे रोबोटिक सर्जरी के लिए बीमा कवरेज की मांग कर रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी, जो आधुनिक तकनीक का उपयोग करके की जाती है, कई फायदे प्रदान करती है:
???? छोटी चीरा विधि (minimally invasive procedure) जिससे कम दर्द और जल्दी रिकवरी होती है
???? अधिक सटीकता और सुरक्षा
???? जटिल सर्जरी को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता
अब कई बीमा कंपनियां रोबोटिक सर्जरी को अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में शामिल कर रही हैं। बढ़े हुए एफडीआई निवेश से बीमा कंपनियां और अधिक व्यापक योजनाएं पेश कर सकेंगी, जिससे मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं बिना आर्थिक बोझ के उपलब्ध होंगी।
बजट 2025: बीमा पर जीएसटी कटौती और कर छूट की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं
बजट 2025 से पहले, विश्लेषकों ने बीमा को अधिक किफायती बनाने के लिए निम्नलिखित बदलावों की सिफारिश की थी:
???? हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कटौती
???? आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80D के तहत कर छूट सीमा बढ़ाना
वर्तमान में, बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी लागू होता है, जिससे बीमा योजनाएं आम जनता के लिए महंगी हो जाती हैं। अगर इस पर जीएसटी दर कम की जाती, तो यह अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर सकता था और देश में बीमा कवरेज का विस्तार होता।
इसी तरह, विशेषज्ञों ने धारा 80D के तहत कर छूट सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया था:
✔️ सभी करदाताओं के लिए ₹50,000 तक की छूट
✔️ वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹1,00,000 तक की छूट
अगर यह बदलाव होता, तो लोग अपने हेल्थ इंश्योरेंस पर अधिक कर छूट प्राप्त कर सकते थे, जिससे बेहतर और व्यापक बीमा योजनाओं को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ती।
हालांकि, बजट 2025-26 में न तो जीएसटी कटौती की गई और न ही कर छूट सीमा बढ़ाई गई। अब विशेषज्ञों की नजर अगले हफ्ते पेश होने वाले नए इनकम टैक्स बिल पर टिकी है, जिससे इस संबंध में कुछ नए बदलाव आ सकते हैं।
स्वास्थ्य बीमा पर कर छूट क्यों जरूरी है?
हालांकि नई कर व्यवस्था (new tax regime) कर छूट को बढ़ावा नहीं देती, लेकिन वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर छूट की अनुमति देना:
✅ लोगों को स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा
✅ परिवारों के लिए वित्तीय सुरक्षा में सुधार करेगा
✅ मेडिकल खर्चों को कम करेगा
✅ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाएगा
अगर धारा 80D के तहत कर छूट सीमा बढ़ा दी जाती, तो स्वास्थ्य बीमा अधिक किफायती हो सकता था, खासकर मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए, जो लगातार बढ़ती चिकित्सा लागत से जूझ रहे हैं।
हालांकि, सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है, लेकिन बीमा खरीदने के लिए कर प्रोत्साहन पर कोई घोषणा अभी तक नहीं हुई है।
बढ़ी हुई एफडीआई सीमा के बाद बीमा उद्योग का भविष्य
बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई की मंजूरी से उद्योग में बड़े बदलाव आने की संभावना है:
???? वैश्विक बीमा कंपनियां भारत में निवेश करने को प्रोत्साहित होंगी
???? नई और बेहतर बीमा योजनाएं लॉन्च की जाएंगी
???? किफायती प्रीमियम विकल्प उपलब्ध होंगे
???? बीमा दावों (claim settlements) की प्रक्रिया और तेज होगी
इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को मिलेगा:
✔️ बेहतर हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्लान्स
✔️ प्रतिस्पर्धात्मक प्रीमियम दरें
✔️ बेहतर कवरेज और क्लेम निपटान प्रक्रिया
✔️ रोबोटिक सर्जरी जैसी आधुनिक चिकित्सा सेवाओं तक बेहतर पहुंच
सरकार का यह निर्णय भारत की दीर्घकालिक वित्तीय सुधार योजनाओं के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, वित्तीय समावेशन और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार करना है।
केंद्रीय बजट 2025-26 ने बीमा क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए हैं, विशेष रूप से 100% एफडीआई सीमा वृद्धि से निवेश और विकास को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कर छूट सीमा और जीएसटी कटौती की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं।
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