KKN गुरुग्राम डेस्क | 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। अब पाकिस्तान की ओर से लगातार 12वीं रात एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमने इसका सख्त और करारा जवाब दिया है।
5-6 मई की रात को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के कई सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी की। गोलीबारी जिन क्षेत्रों में हुई, उनमें शामिल हैं:
कुपवाड़ा
बारामूला
पुंछ
राजौरी
मेंढर
नौशेरा
सुंदरबनी
अखनूर
गनीमत रही कि सांबा और कठुआ जिलों में अभी तक कोई फायरिंग की खबर नहीं आई है। लेकिन सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 25 फरवरी 2021 को सीजफायर का समझौता दोबारा प्रभावी हुआ था, जो 2003 के मूल समझौते की पुनः पुष्टि थी। इस समझौते का उद्देश्य सीमा पर शांति बनाए रखना और नागरिकों की जान-माल की रक्षा करना था।
लेकिन हाल की घटनाएं दर्शाती हैं कि यह समझौता अब लगभग अप्रभावी हो गया है। 740 किलोमीटर लंबी एलओसी पर पाकिस्तान लगातार उल्लंघन कर रहा है, जिससे सीमावर्ती जिलों के हजारों लोग खतरे में हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 भारतीय नागरिकों की जान चली गई। इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ का हाथ माना जा रहा है। हमले के बाद से ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक मोर्चों पर सख्त कदम उठाए हैं।
भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं:
1960 में हुई यह संधि पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी। भारत ने इसका आंशिक निलंबन कर दिया है।
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल रद्द कर दिए गए और उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया।
अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए चल रहे व्यापार को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया।
पाक उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
पाकिस्तान के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर निष्कासित कर दिया गया।
भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स और यूट्यूब चैनल्स पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को आतंक के खिलाफ खुली कार्रवाई की अनुमति दी है।
भारत की खुफिया एजेंसियां इस समय ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ के खिलाफ पुख्ता सबूत इकट्ठा कर रही हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि:
हमलावरों को सीमापार से प्रशिक्षण मिला था
उनके पास विदेशी हथियार और संचार उपकरण थे
उनकी गतिविधियों को पाकिस्तानी सैन्य तंत्र का समर्थन प्राप्त था
लगातार हो रही गोलीबारी ने सीमावर्ती गांवों में रहने वाले नागरिकों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। खेतों में काम करना, बच्चों का स्कूल जाना और सामान्य जीवन जीना अब जोखिम भरा बन गया है।
पुंछ और राजौरी जैसे जिलों में लोग रात को बंकरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी 2021 में हुए संघर्ष विराम समझौते को इस समय गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, तो दूसरी ओर आतंकी गतिविधियों का समर्थन करता प्रतीत हो रहा है।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते। जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को नहीं रोकता, तब तक सीमा पर तनाव बना रहेगा और नागरिकों की जान जोखिम में पड़ती रहेगी।
This post was published on मई 6, 2025 12:37
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