KKN गुरुग्राम डेस्क | पटना में बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रदेश कार्यालय के बाहर एक पोस्टर चिपकाया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर सीधा हमला किया गया है। पोस्टर में चिराग पासवान के मुख्यमंत्री बनने के ख्वाब पर तंज कसा गया है और उन्हें “मुंगेरी लाल के हसीन सपने” कहकर नकारा गया है। इसके साथ ही सम्राट चौधरी के मुख्यमंत्री बनने की इच्छाओं पर भी कटाक्ष किया गया है। इस पोस्टर के जरिए आरजेडी ने बिहार की राजनीति में दोनों नेताओं को लेकर अपना विरोध प्रकट किया है।
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पोस्टर में चिराग पासवान पर हमला
आरजेडी द्वारा लगाए गए पोस्टर में चिराग पासवान को सोते हुए दिखाया गया है, और उनके ऊपर लिखा गया है, “मुंगेरी लाल के हसीन सपने।” इस पोस्टर के जरिए यह संदेश दिया गया है कि चिराग पासवान जो मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, वह केवल एक काल्पनिक और अव्यावहारिक विचार है। आरजेडी का आरोप है कि चिराग, जो बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी यह आकांक्षा पूरी नहीं होने वाली है।
आरजेडी के नेता संजू कोहली ने इस पोस्टर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चिराग पासवान के मुख्यमंत्री बनने के ख्वाब केवल एक धोखा हैं और वे अपनी पार्टी की राजनीति में असफल हो चुके हैं। इसके अलावा, पोस्टर में तेजस्वी यादव को “शुद्ध देसी बिहारी” के रूप में पेश किया गया है, जबकि चिराग पासवान को “बाहरी” कहा गया है, जो बिहार की राजनीति में अपनी जगह नहीं बना सकते। इस विवादास्पद पोस्टर ने बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
सम्राट चौधरी पर भी कटाक्ष
पोस्टर में सम्राट चौधरी पर भी हमला किया गया है, जो बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। पोस्टर में सम्राट चौधरी और चिराग पासवान को “मुकुट” पहने हुए दिखाया गया है, जो यह इशारा करता है कि दोनों नेता अपनी मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदों को लेकर अत्यधिक आशावादी हैं। पोस्टर में लिखा गया है, “ये लोग आपको धोखा देते आए हैं, बुझ जाइए चाचा।” इस संदेश में सम्राट चौधरी और चिराग पासवान की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर सीधे तौर पर सवाल उठाया गया है।
आरजेडी ने सम्राट चौधरी की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा पर भी तंज कसा है, और उसे धोखाधड़ी का हिस्सा बताया है। यह हमला सम्राट चौधरी की उस ख्वाहिश को लेकर है, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य में राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर बैठने की इच्छा जताई है। आरजेडी का कहना है कि इन नेताओं को बिहार की जनता से ज्यादा अपने व्यक्तिगत हितों का ध्यान है, और इसलिए वे एक दूसरे को धोखा दे रहे हैं।
आरजेडी का राजनीतिक हमला
यह पोस्टर चिराग पासवान और सम्राट चौधरी के बीच बढ़ती राजनीतिक जंग का प्रतीक है। आरजेडी द्वारा इस तरह के हमले से साफ हो गया है कि पार्टी बिहार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। तेजस्वी यादव और उनके समर्थकों का मानना है कि चिराग और सम्राट जैसे नेता केवल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर सक्रिय हैं और राज्य की वास्तविक समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
आरजेडी के इस कदम से यह भी स्पष्ट हो गया है कि बिहार में अगले चुनावों में राजनीतिक संघर्ष और भी तीव्र हो सकता है। चिराग पासवान और सम्राट चौधरी के बीच यह विवाद इस बात का प्रतीक है कि बिहार की राजनीति में अब छोटे दल भी अपनी सत्ता की आकांक्षा रखने लगे हैं, जो बड़े दलों के लिए चुनौती पैदा कर रहे हैं।
चिराग पासवान की राजनीति पर सवाल
चिराग पासवान, जो पहले केंद्रीय मंत्री रहे हैं और अब लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख हैं, उनकी राजनीति को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। वह अपनी पार्टी को बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है। उनके राजनीतिक फैसले और मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षाएं अक्सर आलोचनाओं का शिकार रही हैं। इस पोस्टर के जरिए आरजेडी ने उनके मुख्यमंत्री बनने के सपने को नकारा है और उन्हें राजनीति में असफल करार दिया है।
इसके अलावा, चिराग पासवान की पार्टी का रुख भी कई बार बदल चुका है। कभी भाजपा के साथ गठबंधन में रहे, तो अब उनकी पार्टी का झुकाव विपक्षी दलों की ओर है। यह चक्कर अब तक उनकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर करने का कारण बन चुका है। आरजेडी द्वारा उठाए गए इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि तेजस्वी यादव का नेतृत्व ही बिहार में सबसे प्रभावशाली है, और अन्य दलों के पास कोई मजबूत चुनौती देने की क्षमता नहीं है।
सम्राट चौधरी का राजनीतिक भविष्य
सम्राट चौधरी, जो बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं, उनकी राजनीति भी काफी दिलचस्प है। वह पहले भाजपा के साथ थे, लेकिन अब वह नीतीश कुमार की जदयू में शामिल हो गए हैं। सम्राट चौधरी ने कभी सार्वजनिक रूप से अपनी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की है, और आरजेडी द्वारा इस पर हमला करते हुए उन्हें ‘धोखेबाज’ तक कहा गया है। यह स्थिति बिहार में राजनीतिक अस्थिरता की ओर इशारा करती है, जहां विभिन्न दलों के नेता अपनी-अपनी राजनीति को लेकर सक्रिय हैं और अपने-अपने सपने देख रहे हैं।
सम्राट चौधरी के लिए भी यह हमला एक चुनौती हो सकता है, क्योंकि आरजेडी ने अब तक उन्हें कमजोर साबित करने की कोशिश की है। हालांकि, वह अपनी राजनीति को मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और आने वाले समय में उनके द्वारा उठाए गए कदम बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
बिहार की राजनीति: क्या होगा भविष्य?
बिहार की राजनीति में इन दोनों नेताओं की महत्वाकांक्षाओं ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है। एक ओर जहां आरजेडी लगातार तेजस्वी यादव की अगुवाई में अपनी ताकत बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर चिराग पासवान और सम्राट चौधरी जैसे नेता भी अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। यह राजनीतिक संघर्ष आगामी चुनावों में और भी गंभीर हो सकता है, जिससे बिहार के चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है।
आरजेडी द्वारा लगाए गए इस पोस्टर ने यह साफ कर दिया है कि बिहार में कोई भी दल अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। चिराग पासवान और सम्राट चौधरी की राजनीति को लेकर यह हमला आने वाले समय में कई और दिलचस्प मोड़ ला सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता किसे अपने नेतृत्व के रूप में स्वीकार करती है।
बिहार की राजनीति में तेजी से बदलाव हो रहा है, और इस बदलाव के पीछे कई प्रमुख नेता हैं जो अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चिराग पासवान और सम्राट चौधरी के लिए आरजेडी का यह हमला एक नई चुनौती बन सकता है। अब यह देखना होगा कि इन नेताओं की राजनीति कैसे विकसित होती है और बिहार की जनता किसे अपने नेता के रूप में स्वीकार करती है।
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