KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ट्रैफिक जाम से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अखाड़ाघाट में बुढ़ी गंडक नदी पर एक नया फोरलेन पुल बनाने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है। इस पुल के निर्माण से ना केवल शहर की यातायात व्यवस्था को राहत मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय संपर्क भी बेहतर होगा।
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वर्ष 2027 तक इस पुल को पूरी तरह से चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बीच भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया भी साथ-साथ चल रही है।
मानसून से पहले पिलर निर्माण पर जोर
फिलहाल सबसे ज़्यादा फोकस नदी में पिलर गाड़ने के कार्य पर है। चूंकि मानसून के दौरान बुढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, इसलिए मशीनों के संचालन में रुकावट आ सकती है। इसी कारण निर्माण एजेंसी तेजी से पाइलिंग कार्य कर रही है।
परियोजना इंजीनियर के अनुसार:
“हमारा प्रयास है कि मानसून से पहले नदी के अंदर के सभी पिलर स्थापित कर लिए जाएं ताकि आगे का काम समय से पूरा हो सके।”
पुल निर्माण से जुड़े प्रमुख तथ्य
अखाड़ाघाट पुल परियोजना राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जो शहरी विकास और बेहतर यातायात के लिए बनाई गई है। इस परियोजना के प्रमुख बिंदु हैं:
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चार लेन (फोरलेन) की क्षमता वाला पुल
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सुरक्षित पैदल पथ और बैरियर
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मौजूदा पुल के समानांतर नया मार्ग
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शहर और राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच बेहतर संपर्क
यह पुल मुजफ्फरपुर और आसपास के ज़िलों को तेज और सुगम यात्रा की सुविधा देगा।
भूमि अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया शुरू
पुल निर्माण के लिए जिन क्षेत्रों में भूमि की आवश्यकता है, वहां भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ हो गया है। जिला प्रशासन ने बताया है कि सभी प्रभावित परिवारों को नियमानुसार मुआवजा दिया जा रहा है।
“जिन लोगों की ज़मीन परियोजना में ली जा रही है, उन्हें अधिसूचना भेजी गई है और जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया पूरी होगी।”
यह कदम कानूनी विवादों से बचने और परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
जाम की पुरानी समस्या होगी खत्म
अखाड़ाघाट स्थित वर्तमान पुल लंबे समय से ओवरलोड है और यहां रोजाना कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और कार्यालयों के समय पर तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
नए पुल से क्या मिलेगा लाभ:
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ट्रैफिक का 60% भार कम होगा
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आपातकालीन वाहनों के लिए रास्ता मिलेगा
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यात्रा का समय घटेगा
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ईंधन की बचत होगी
अखाड़ाघाट क्षेत्र का रणनीतिक महत्व
अखाड़ाघाट मुजफ्फरपुर का एक अत्यधिक व्यस्त और व्यावसायिक इलाका है। यहां से कई ज़िले जैसे सीतामढ़ी, दरभंगा, मोतिहारी आदि को जोड़ने वाले मार्ग गुजरते हैं। वर्तमान में केवल एक पुल पर यातायात निर्भर है, जिससे ट्रैफिक बोझ अत्यधिक बढ़ चुका है।
नए पुल के निर्माण से:
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एक विकल्प मार्ग मिलेगा
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दोतरफा यातायात सुचारू रूप से चलेगा
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भविष्य के शहरी विस्तार को समर्थन मिलेगा
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस परियोजना की खबर ने शहरवासियों में उम्मीद और राहत की भावना पैदा की है।
स्थानीय निवासी रितेश कुमार कहते हैं:
“हर दिन ऑफिस जाते समय 30 मिनट का जाम लगता है। अगर यह पुल बन गया तो बहुत सुविधा होगी, खासकर स्कूली बच्चों और मरीजों के लिए।”
व्यापारी वर्ग भी खुश है क्योंकि ट्रैफिक कम होने से ट्रांसपोर्ट लागत घटेगी और समय की बचत होगी।
निर्माण की अनुमानित समयसीमा
सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, पुल निर्माण की समयरेखा इस प्रकार है:
चरण | समय |
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नींव और पिलर निर्माण | जून – अक्टूबर 2025 |
संरचना निर्माण | नवंबर 2025 – दिसंबर 2026 |
फिनिशिंग और टेस्टिंग | जनवरी – जुलाई 2027 |
उद्घाटन और उपयोग | अगस्त 2027 |
परियोजना की निगरानी के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट और रियल-टाइम ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया गया है।
पर्यावरण और सुरक्षा के इंतजाम
परियोजना को पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। कुछ विशेष उपाय:
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कम आवाज़ वाली मशीनों का इस्तेमाल
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नदी में मलबा न फैले इसका इंतजाम
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धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव
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पैदल यात्रियों के लिए अस्थायी मार्ग
मुजफ्फरपुर के अखाड़ाघाट में बन रहा यह नया फोरलेन पुल ना केवल शहर की सड़कों को राहत देगा बल्कि शहरी विकास और यातायात सुधार में एक मील का पत्थर साबित होगा। अगर कार्य तय समय पर पूरा हो जाता है तो यह परियोजना:
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जाम से निजात दिलाएगी
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परिवहन को सुगम बनाएगी
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आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी
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शहरी जीवन स्तर में सुधार लाएगी
केकेएन लाइव इस परियोजना से जुड़ी सभी अपडेट्स, तस्वीरें और नागरिक प्रतिक्रियाएं आपके सामने लाता रहेगा।