KKN गुरुग्राम डेस्क | पटना के अथमलगोला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चंदा गांव में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। सिर्फ एक इंच जमीन के विवाद को लेकर एक युवक ने अपने सगे चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान जितेंद्र यादव के रूप में हुई है।
घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, परिवार के बीच यह विवाद लंबे समय से चल रहा था, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह विवाद इतना हिंसक मोड़ लेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जितेंद्र यादव अपने पुराने विवादित जमीन पर घर बना रहे थे, जिसे लेकर उनके भाई और भतीजे को आपत्ति थी। गांववालों का कहना है कि विवाद महज एक इंच जमीन को लेकर था, लेकिन इसने दोनों पक्षों के बीच रिश्तों को कड़वाहट में बदल दिया।
घटना के दिन, जब जितेंद्र यादव निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे थे, तभी उनके भतीजे ने अचानक गोली चला दी, जिससे जितेंद्र वहीं गिर पड़े। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए और पुलिस को सूचना दी गई।
घटना के बाद मृतक के छोटे बेटे ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“हमारे परिवार में पहले से ही जमीन को लेकर थोड़ा बहुत विवाद था, लेकिन हमें नहीं पता था कि भतीजा ऐसा कर देगा। मेरे पिता बस अपना घर बना रहे थे, और उनके ही भतीजे ने गोली मार दी।”
बेटे के अनुसार, परिवार के दूसरे सदस्य पहले भी निर्माण कार्य में बाधा डालते रहे थे। इस मामले में पहले भी स्थानीय स्तर पर पंचायत बैठाई गई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।
घटना की जानकारी मिलते ही अथमलगोला थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। साथ ही, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (बाढ़-2) अभिषेक सिंह ने भी मामले की पुष्टि की।
पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से गंभीर रूप से घायल जितेंद्र यादव को बख्तियारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
पुलिस ने मृतक के बेटे के बयान के आधार पर आरोपी भतीजे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि घटना में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
एसडीपीओ अभिषेक सिंह ने कहा:
“यह पूरी तरह से पारिवारिक विवाद था जो बेहद दुखद स्थिति में बदल गया। जांच जारी है और आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।”
यह घटना बिहार में भूमि विवाद से जुड़ी बढ़ती हिंसक घटनाओं की एक और कड़ी है। राज्य के ग्रामीण इलाकों में जमीन को लेकर झगड़े आम हो गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
बिहार में हर साल हजारों भूमि विवाद के मामले दर्ज होते हैं।
2023 में ही 1500 से अधिक मामलों में जानलेवा हमले या हत्या की घटनाएं दर्ज की गई थीं।
इनमें से अधिकांश घटनाएं परिवार या रिश्तेदारों के बीच होती हैं, जहां सीमांकन या बंटवारे को लेकर विवाद होता है।
भारतीय दंड संहिता के तहत:
धारा 302 के अंतर्गत हत्या का दोषी पाए जाने पर उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है।
अगर यह साबित होता है कि हत्या पूर्व नियोजित थी, तो मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
इसके अतिरिक्त, आर्म्स एक्ट के तहत भी मुकदमा चलाया जाएगा यदि हथियार अवैध रूप से रखा गया हो।
घटना के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। एक ग्रामीण ने कहा:
“एक इंच जमीन के लिए किसी की जान लेना अमानवीय है। जितेंद्र भला आदमी था, किसी से दुश्मनी नहीं थी।”
गांव के अन्य लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। पंचायत प्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की भी अपील की है।
यह घटना न सिर्फ एक मानव त्रासदी है, बल्कि समाज के सामने एक गंभीर चेतावनी भी है। भूमि विवादों को सुलझाने के लिए सरकार को कानूनी प्रक्रियाओं को तेज करने, संपत्ति दस्तावेजों को डिजिटाइज़ करने, और स्थानीय स्तर पर समाधान के प्रयासों को बढ़ावा देने की जरूरत है।
जब तक जमीन के झगड़े को संविधान और समझदारी से नहीं सुलझाया जाएगा, तब तक ऐसे दर्दनाक हादसे होते रहेंगे।
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