मुजफ्फरपुर में मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी की गई है, जिसमें रैयतों को लगभग 2.08 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए राशि की मांग की गई है। वहीं, भगवानपुर-रामदयालु एनएच-28 पर खबड़ा मंदिर के पास डिवाइडर के ग्रिल के टूटने से आवागमन खतरनाक हो गया है। इस लेख में हम इन दोनों मुद्दों का विश्लेषण करेंगे और इन पर ध्यान आकर्षित करेंगे।
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मीनापुर-टेंगराहा पथ चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण
मुजफ्फरपुर जिले में मीनापुर-टेंगराहा पथ का चौड़ीकरण किया जा रहा है ताकि लोगों का आवागमन और यातायात सुविधाजनक हो सके। इस परियोजना के तहत निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके लिए मौजा नंदना, चादर नंबर एक और चादर नंबर दो, साथ ही तवीबपुर उर्फ तालिमपुर में कुल 4.8 एकड़ भूमि अर्जित की गई है। इस भूमि अधिग्रहण के लिए 2.08 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया गया है, जो रैयतों को दिया जाएगा।
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मौजा नंदना (चादर नंबर एक) में 0.3110 एकड़ भूमि
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मौजा नंदना (चादर नंबर दो) में 1.9960 एकड़ भूमि
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तवीबपुर उर्फ तालिमपुर में 2.5090 एकड़ भूमि
अब इन भूमि मालिकों (रैयतों) को मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। समाहर्ता द्वारा इस मुआवजे की स्वीकृति मिल चुकी है और इसके लिए संबंधित जिला भू-अर्जन कार्यालय को रिपोर्ट सौंप दी गई थी। इसके आधार पर भुगतान के प्राक्कलन तैयार किए गए हैं और संबंधित विभाग से राशि की मांग की गई है।
मुआवजे की राशि का भुगतान जल्द हो
विभाग द्वारा मुआवजे की राशि को शीघ्र जारी करने की योजना बनाई गई है। पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को राशि मुहैया कराने के लिए निर्देश दिए गए हैं, ताकि रैयतों को शीघ्र मुआवजा दिया जा सके। इसके लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि रैयतों को उनका मुआवजा शीघ्र प्राप्त हो सके। भूमि अधिग्रहण की यह प्रक्रिया परियोजना को समय पर पूरा करने में मदद करेगी और साथ ही प्रभावित किसानों और भूमि मालिकों को उचित मुआवजा भी मिलेगा।
खतरे में पड़ी यात्रा: NH-28 पर टूटा डिवाइडर ग्रिल
वहीं दूसरी ओर, भगवानपुर-रामदयालु एनएच-28 पर स्थित खबड़ा मंदिर के पास एक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई है। यहां एनएच-28 पर डिवाइडर का ग्रिल टूटकर सड़क पर झुक गया है, जिससे यातायात में दिक्कतें आ रही हैं। यह डिवाइडर पहले इस मार्ग पर सुरक्षा के लिए लगा था ताकि वाहन चालक लेन का पालन कर सकें। लेकिन अब यह टूटकर सड़क की ओर झुकने के कारण वाहनों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
इस खतरनाक स्थिति को एक महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। जबकि भगवानपुर में ही एनएचएआई का कार्यालय स्थित है और यह मार्ग पटना और समस्तीपुर जाने के लिए प्रमुख रास्ता है। हैरानी की बात यह है कि एनएचएआई के पदाधिकारी भी इस रास्ते से यात्रा करते हैं, फिर भी इस सुरक्षा खतरे की ओर किसी का ध्यान नहीं गया।
ग्रिल के टूटने से बढ़े खतरे
डिवाइडर के टूटने से अब यह एक गंभीर सुरक्षा खतरा बन गया है। चूंकि यह हाईवे एक प्रमुख मार्ग है, यहां तेज रफ्तार से वाहन चलते हैं, और कोई भी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। वाहन चालक को इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, लेकिन अगर अभी भी मरम्मत का कार्य नहीं होता तो यह दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे सकता है। इस स्थिति से प्रतिदिन हजारों वाहन चालक प्रभावित हो रहे हैं जो इस रास्ते का उपयोग करते हैं।
एनएचएआई को इस सुरक्षा खतरे का शीघ्र समाधान करना चाहिए। इस समय सड़क के बीच में झुकी हुई ग्रिल एक बड़ी समस्या बन चुकी है। यदि तत्काल इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी बड़े हादसे के बाद ही यह मुद्दा गंभीर रूप से उठेगा। इससे पहले ही, एनएचएआई को मरम्मत कार्य शुरू कर देना चाहिए, ताकि यहां आवागमन करने वाले लोग सुरक्षित रह सकें। सड़क की मरम्मत और निगरानी के बिना इस तरह की स्थिति बनी रहती है, जो लंबे समय तक दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।
मुजफ्फरपुर के मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण और एनएच-28 पर सुरक्षा खतरे के बीच एक संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। जहां एक ओर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सही दिशा में चल रही है, वहीं दूसरी ओर खतरनाक स्थिति में सुधार की जरूरत है। मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण से यातायात को सुविधाजनक बनाने के लिए भूमि मालिकों को उचित मुआवजा देना जरूरी है, लेकिन साथ ही एनएच-28 पर डिवाइडर ग्रिल की मरम्मत और निगरानी भी बहुत महत्वपूर्ण है।
इन दोनों मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई होने से मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में आवागमन की स्थितियां बेहतर हो सकती हैं। विकास और सुरक्षा दोनों ही समान रूप से प्राथमिकता देने योग्य हैं ताकि नागरिकों का जीवन सुरक्षित और आरामदायक हो सके।
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