KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार सरकार ने शनिवार देर शाम राज्य में 18 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया है। इस फेरबदल में सबसे चर्चित नाम भानु प्रताप सिंह का है, जिन्हें अब पटना सिटी (पश्चिम) का नया एसपी (पुलिस अधीक्षक) बनाया गया है। इससे पहले वे दानापुर में वन पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी (SDPO) के पद पर तैनात थे।
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भानु प्रताप सिंह को उनके सख्त और बेबाक पुलिसिंग स्टाइल के लिए जाना जाता है। वह उन युवा अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने बहुत कम समय में जनता और प्रशासन, दोनों के बीच अपनी मजबूत छवि बना ली है।
भानु प्रताप सिंह: एक कड़क और निडर आईपीएस अधिकारी की पहचान
2021 बैच के आईपीएस अधिकारी भानु प्रताप सिंह का नाम आज बिहार पुलिस में दबंग छवि वाले अधिकारियों में लिया जाता है। उन्हें अक्सर “लाठीचार्ज एक्सपर्ट”, “एक्शन हीरो”, और “सिंघम स्टाइल ऑफिसर” जैसे उपनामों से पुकारा जाता है।
उनकी एक खास पहचान है – जेब में हाथ डालकर पैदल गश्त करना, जिससे अपराधियों में खौफ पैदा हो जाता है। भानु प्रताप सिंह का मानना है कि पुलिस की उपस्थिति और तेवर ही अपराधियों के लिए सबसे बड़ा संदेश होता है।
दानापुर में साहसिक कार्रवाइयों से पाई लोकप्रियता
दानापुर में कार्यरत रहते हुए भानु प्रताप सिंह ने कई बड़े और चुनौतीपूर्ण मामलों को अपने साहसिक निर्णयों और त्वरित कार्रवाई से संभाला:
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दिसंबर 2024 में, उन्होंने राजद विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया। यह मामला बेहद संवेदनशील था क्योंकि ऐसे मामलों में अक्सर पुलिस अधिकारी राजनीतिक दबाव में काम करने से बचते हैं।
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कुख्यात कालिया गैंग के गुर्गों को गिरफ्तार कर उनके पास से अवैध हथियारों का जखीरा बरामद किया। इस ऑपरेशन की राज्य स्तर पर सराहना हुई।
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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अनशन को भी उन्होंने संयमपूर्वक समाप्त करवाया। इस कार्य में उन्होंने किसी प्रकार की हिंसा के बिना कानून व्यवस्था बनाए रखी।
शुरुआती जीवन और UPSC की तैयारी
भानु प्रताप सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी के रहने वाले हैं। उन्होंने हिंदी साहित्य को वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर 2018, 2019 और 2020 में लगातार तीन बार UPSC परीक्षा पास की।
2018 में वे UPPCS परीक्षा में भी चयनित हुए थे। वे हिंदी साहित्य में परास्नातक हैं और सिविल सेवा की तैयारी के दौरान उन्होंने अपने विषय के साथ गहरी पकड़ बनाई।
प्रशिक्षण और शुरुआती पोस्टिंग
आईपीएस चयनित होने के बाद भानु प्रताप सिंह की प्रारंभिक पोस्टिंग नालंदा में बतौर प्रशिक्षु अधिकारी हुई। इसके बाद वे मुजफ्फरपुर में टाउन एएसपी बनाए गए, जहां उन्होंने अपनी कड़क छवि और राजनीतिक हस्तक्षेप के खिलाफ सख्त रुख के कारण सुर्खियाँ बटोरीं।
एक वायरल वीडियो में वह यह कहते नजर आए:
“जब तक मैं यहां हूं, नेतागिरी नहीं चलेगी।”
यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली।
क्यों खास हैं आईपीएस भानु प्रताप सिंह?
भानु प्रताप सिंह जैसे अधिकारी पुलिस महकमे में बदलाव की मिसाल बनते जा रहे हैं। वे उन गिने-चुने अधिकारियों में से हैं, जो फील्ड में रहकर अपराधियों से सीधे टकराना पसंद करते हैं।
उनकी कुछ खास खूबियां इस प्रकार हैं:
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राजनीतिक दबाव की परवाह किए बिना कार्रवाई करना
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बदमाशों, गैंगस्टरों और बाहुबलियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाना
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जनता से सीधा संवाद और विश्वास कायम करना
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प्रोटेस्ट और विवादित घटनाओं को संयम से संभालना
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पुलिसिंग में फिटनेस और फील्ड प्रजेंस पर जोर देना
पटना सिटी (पश्चिम) में नई जिम्मेदारी, जनता की उम्मीदें बढ़ीं
पटना सिटी का पश्चिमी क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील इलाका माना जाता है। यहां अपराध, ट्रैफिक, भीड़ प्रबंधन और वीआईपी मूवमेंट जैसे कई पुलिसिंग चैलेंज रहते हैं।
भानु प्रताप सिंह की कड़क छवि और साहसी नेतृत्व से उम्मीद की जा रही है कि वह इस क्षेत्र में:
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अपराध पर नियंत्रण लाएंगे
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स्थानीय स्तर पर सक्रिय गैंग और अवैध कारोबार को खत्म करेंगे
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जनता और पुलिस के बीच संवाद को मजबूत करेंगे
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तेजी से FIR दर्ज कर कार्रवाई को प्राथमिकता देंगे
जनता और सोशल मीडिया पर मिल रही तारीफें
भानु प्रताप सिंह की कार्यशैली को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों की खूब सराहना देखने को मिल रही है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उन्हें #DabangIPS और #BhanuPratapSingh जैसे ट्रेंडिंग हैशटैग से लोग समर्थन और प्रशंसा दे रहे हैं।
कई नागरिकों ने लिखा कि ऐसे अधिकारी ही पुलिस विभाग की साख को मजबूत करते हैं और जनता का भरोसा जीतते हैं।
आईपीएस भानु प्रताप सिंह आज उन चंद अधिकारियों में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपने काम से बेहद कम समय में प्रभावशाली पहचान बनाई है। वे न सिर्फ कानून का पालन करवाने में यकीन रखते हैं, बल्कि जनता की सुरक्षा और न्याय को सर्वोपरि मानते हैं।
पटना सिटी में बतौर एसपी उनकी तैनाती से न सिर्फ प्रशासनिक स्तर पर बल्कि जनता में भी उम्मीदें जगी हैं कि अपराध मुक्त, सुरक्षित और कानून-सम्मत समाज की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
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