KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य सरकार ने जनता को एक बड़ा तोहफा देते हुए स्वास्थ्य विभाग में 41,000 पदों पर भर्ती का ऐलान किया है। यह ऐलान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राजधानी पटना में आयोजित एक समारोह में किया, जहां 288 विशेषज्ञ डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए।
सरकार का यह कदम न केवल बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि बेरोजगार युवाओं को भी व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा। आइए जानते हैं इस भर्ती से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियां:
बिहार सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इन 41,000 पदों में डॉक्टरों के अलावा नर्स, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वॉय, टेक्नीशियन, क्लर्क, और हेल्थ असिस्टेंट जैसे पद शामिल हैं। इससे राज्य के सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और पीएचसी (Primary Health Centre) की सेवाओं में सुधार आएगा।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि:
अभी 8500 चिकित्सकों की बहाली की प्रक्रिया जारी है।
अगले 15 दिनों में 722 सामान्य चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी।
41,000 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया जा चुका है।
सभी नियुक्तियां अगले 3 महीनों में पूरी करने का लक्ष्य है।
समारोह में नियुक्त किए गए विशेषज्ञ डॉक्टरों को लैपटॉप भी प्रदान किया गया। इसका उद्देश्य यह है कि स्वास्थ्य कर्मी अब डिजिटल माध्यम से मरीजों की हेल्थ प्रोफाइल तैयार करें और डिजिटल हेल्थ रिकार्ड बनाए जाएं।
“डॉक्टरों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना राज्य के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जरूरी है। डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।” – मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री
सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले उम्मीदवारों को बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
वेबसाइट पर जाएं: http://state.bihar.gov.in/health
“Recruitment” सेक्शन में जाएं।
जारी नोटिफिकेशन पढ़ें और पात्रता की जांच करें।
आवेदन फॉर्म भरें, दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।
आवेदन की हार्ड कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बीते 5 दिनों में 17 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। अब तक 3.96 करोड़ लोगों को यह कार्ड जारी किया जा चुका है। योजना के तहत राज्य में 1.79 करोड़ परिवारों को कवर करना है।
“हमारा लक्ष्य है कि स्वास्थ्य सेवाएं गरीब से गरीब तक पहुंचे, और आयुष्मान भारत योजना के जरिए हम इस लक्ष्य को तेजी से पूरा कर रहे हैं।” – मंगल पांडेय
इस भर्ती अभियान में राज्य के पिछड़े और दूरदराज के जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहतर हो सके। खासतौर पर सीमांचल, कोसी, और चंपारण जैसे क्षेत्रों में अधिक संख्या में नियुक्तियां की जाएंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 41,000 पदों की नियुक्ति से राज्य के सरकारी अस्पतालों में न केवल मानव संसाधन की कमी दूर होगी, बल्कि सुविधाओं में भी व्यापक सुधार होगा। जांच सुविधाएं, ओपीडी सेवाएं और आपातकालीन सेवाएं सुदृढ़ होंगी।
नए भर्ती होने वाले डॉक्टरों और स्टाफ को ई-हॉस्पिटल सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इससे मरीजों की हेल्थ हिस्ट्री ऑनलाइन स्टोर होगी और इलाज में पारदर्शिता बढ़ेगी।
इस अवसर पर बिहार स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे:
प्रत्यय अमृत – अपर मुख्य सचिव एवं विकास आयुक्त
मनोज कुमार सिंह – स्वास्थ्य विभाग सचिव
सुहर्ष भगत – कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति
आदित्य प्रकाश – अपर सचिव
बिहार सरकार की यह पहल राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकती है। जहां एक ओर रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, वहीं दूसरी ओर राज्य की आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ बेहतर तरीके से मिलेगा। यह निर्णय न केवल चुनावी नजरिए से अहम है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी बेहद सराहनीय है।
This post was published on जून 1, 2025 14:21
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