KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने इस बार चुनाव को पारदर्शी और तकनीकी दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVM) और वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) यूनिट्स का व्यापक स्तर पर प्रबंध किया है।
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बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार राज्य भर के मतदान केंद्रों पर 25% अतिरिक्त बैलेट यूनिट (BU), 25% अतिरिक्त कंट्रोल यूनिट (CU) और 35% अतिरिक्त VVPAT मशीनें रिजर्व में रखी जाएंगी।
बिहार चुनाव 2025: ईवीएम और वीवीपैट की तैयारियां
चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान के दिन किसी भी तकनीकी गड़बड़ी से प्रक्रिया बाधित न हो, सभी जिलों में ईवीएम और वीवीपैट की चरणबद्ध जांच और आपूर्ति शुरू कर दी है।
तैयारियों में शामिल मुख्य बिंदु:
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25% अतिरिक्त बैलेट यूनिट्स
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25% अतिरिक्त कंट्रोल यूनिट्स
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35% अतिरिक्त वीवीपैट यूनिट्स
यह रिजर्व स्टॉक किसी भी आकस्मिक खराबी या तकनीकी समस्या की स्थिति में तुरंत बदलाव के लिए रखा गया है।
इस बार सिर्फ ECIL द्वारा निर्मित EVM का होगा उपयोग
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में केवल इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL), हैदराबाद द्वारा निर्मित ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा।
हालांकि देश में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) भी ईवीएम बनाता है, लेकिन इस बार ECIL की 1.75 लाख ईवीएम मशीनें ही बिहार में उपयोग की जाएंगी।
ईवीएम की चरणबद्ध जांच जारी
चुनाव आयोग ने सभी जिलों में ईवीएम की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। इसके लिए ECIL के इंजीनियरों को जिलों में तैनात किया जा रहा है। यह प्रक्रिया जून 2025 तक पूरी हो जाएगी।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DM/DEO) इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
अतिरिक्त ईवीएम क्यों जरूरी हैं?
बिहार जैसे बड़े राज्य में जहां चुनाव कई चरणों में होते हैं और भौगोलिक स्थिति भी विविध है, ईवीएम में तकनीकी खराबी की संभावना बनी रहती है। इससे निपटने के लिए:
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अतिरिक्त ईवीएम मतदान केंद्रों पर उपलब्ध रहेंगी
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मॉक पोल (टेस्ट वोटिंग) के दौरान भी इनका इस्तेमाल होगा
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मतदान के दौरान किसी भी मशीन के खराब होने पर तुरंत बदलाव किया जाएगा
इससे मतदाता अनुभव में बाधा नहीं आएगी और चुनाव की प्रक्रिया विश्वसनीय बनी रहेगी।
VVPAT: पारदर्शिता और मतदाता भरोसे का माध्यम
वोटिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब हर ईवीएम के साथ VVPAT (वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन अनिवार्य हो गई है। ये मशीनें हर डाले गए वोट का पेपर ट्रेल देती हैं, जिससे मतदाता को पुष्टि मिलती है कि उनका वोट सही स्थान पर गया है।
2025 चुनाव में विशेष व्यवस्था:
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35% अतिरिक्त VVPAT मशीनें
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हर ईवीएम के साथ VVPAT अनिवार्य
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किसी विवाद की स्थिति में VVPAT पर्ची से ऑडिट संभव
15 से अधिक उम्मीदवार होने पर दो EVM का उपयोग
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी विधानसभा क्षेत्र में 15 से अधिक उम्मीदवार होते हैं, तो वहां दो ईवीएम मशीनें लगाई जाएंगी।
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एक EVM में कुल 16 बटन होते हैं
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15 उम्मीदवारों के लिए
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1 बटन NOTA (इनमें से कोई नहीं) के लिए
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इसलिए अधिक उम्मीदवारों की स्थिति में अतिरिक्त मशीन जोड़कर प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा।
बिहार चुनाव 2025: संभावित टाइमलाइन
हालांकि चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक तिथि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन तैयारियों को देखकर संभावना है कि चुनाव सितंबर से अक्टूबर 2025 के बीच कराए जाएंगे।
कार्यक्रम | संभावित तिथि |
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अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन | जुलाई 2025 |
ईवीएम आपूर्ति पूर्ण | अगस्त 2025 |
चुनाव अधिसूचना जारी | अगस्त अंत 2025 |
मतदान | सितंबर-अक्टूबर 2025 |
मतगणना | अक्टूबर अंत 2025 |
चुनाव आयोग का उद्देश्य: पारदर्शी और तकनीक आधारित चुनाव
भारत निर्वाचन आयोग निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान दे रहा है:
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तकनीक आधारित जवाबदेही
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हर बूथ पर पारदर्शिता
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कंट्रोल रूम से रियल टाइम निगरानी
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खराब मशीनों की जानकारी के लिए मोबाइल ऐप अलर्ट
अतिरिक्त EVM और VVPAT की व्यवस्था इसी रणनीति का हिस्सा है, जिससे चुनाव प्रणाली मजबूत, भरोसेमंद और निष्पक्ष बन सके।
जन जागरूकता अभियान भी होंगे शुरू
चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपैट की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए:
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वोटर अवेयरनेस कैंप लगाए जाएंगे
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डेमो वैन गांव और शहरों में जाएगी
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शॉर्ट वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया और WhatsApp पर साझा की जाएंगी
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वॉलंटियर्स मतदाताओं को NOTA और VVPAT की जानकारी देंगे
इसका उद्देश्य है डिजिटल साक्षरता कम होने वाले क्षेत्रों में भी मतदान प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए की जा रही तैयारियां दर्शाती हैं कि भारत निर्वाचन आयोग इस बार चुनाव को और भी पारदर्शी, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अतिरिक्त ईवीएम और वीवीपैट, चरणबद्ध परीक्षण, और जन जागरूकता अभियान जैसी पहलें इस बात का संकेत हैं कि चुनाव आयोग इस बार किसी भी गड़बड़ी की संभावना को न्यूनतम करना चाहता है।
यह व्यवस्था न केवल मतदाताओं का भरोसा बढ़ाएगी, बल्कि लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित होगी।
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