KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और अपराधियों से साठगांठ को लेकर एक बार फिर बड़ा मामला सामने आया है। जिले के 13 पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें दो दारोगा, नौ पुलिसकर्मी और चार चौकीदार शामिल हैं। इन सभी पर बालू और शराब माफिया से मिलीभगत, ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित रहने और विभागीय आदेशों की अनदेखी करने के आरोप हैं।
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इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक (SSP) सुशील कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को निलंबित कर दिया है और अब इनके खिलाफ बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आरोप: बालू और शराब माफिया से मिलीभगत
पिछले कुछ महीनों से मुजफ्फरपुर में अवैध बालू खनन और शराब कारोबार तेजी से बढ़ा है। इसी सिलसिले में जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि कुछ पुलिसकर्मी और चौकीदार इन माफियाओं से सीधे या परोक्ष रूप से संपर्क में हैं। कई बार इन अधिकारियों द्वारा माफियाओं को सूचना देना, छापेमारी से पहले सतर्क कर देना और अवैध कारोबार में सहूलियत देना जैसे गंभीर आरोप सामने आए।
इन 9 पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित
निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों के नाम और पद निम्नलिखित हैं:
नाम | पद |
---|---|
संतोष कुमार | दारोगा |
जितेन्द्र कुमार | दारोगा |
शिव नारायण यादव | हवलदार |
आरती कुमारी | महिला सिपाही |
गरिमा सुधा | महिला सिपाही |
प्रियंका कुमारी | महिला सिपाही |
उषा किरण | महिला सिपाही |
विक्रम कुमार | सिपाही |
अरुण कुमार महतो | सिपाही |
इन सभी पुलिसकर्मियों को पहले नोटिस भेजा गया, मोबाइल कॉल के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने ड्यूटी पर वापस लौटने की कोशिश नहीं की। इसके चलते SSP ने इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
ड्यूटी से गैरहाजिर रहना बना बड़ी कार्रवाई की वजह
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये सभी कर्मचारी कई महीनों से बिना सूचना के ड्यूटी से गायब हैं। इससे न केवल थानों के कार्यों में रुकावट आ रही है, बल्कि कई आपराधिक मामलों की जांच भी प्रभावित हो रही है। इन पुलिसकर्मियों की गैरहाजिरी ने विभाग की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
“इन पुलिसकर्मियों को कई बार नोटिस देकर बुलाया गया, लेकिन इन्होंने जानबूझकर आदेशों की अनदेखी की। इसलिए इन्हें निलंबित किया गया है और अब बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है,” – SSP सुशील कुमार
DIG का निर्देश बना कार्रवाई की वजह
तिरहुत रेंज के DIG चंदन कुमार कुशवाहा ने कुछ समय पहले सभी जिलों के SP और SSP को निर्देश दिया था कि जो पुलिसकर्मी बिना सूचना के ड्यूटी से फरार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस आदेश के तहत मुजफ्फरपुर पुलिस ने सघन जांच अभियान चलाया और ऐसे कर्मियों की सूची तैयार की जो लंबे समय से ड्यूटी पर नहीं आए थे।
सरैया थाना के 4 चौकीदार भी सस्पेंड
मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र में तैनात चार चौकीदारों को भी अवैध शराब और बालू माफिया से संबंध रखने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित चौकीदारों के नाम:
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रंजीत कुमार
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सुनील कुमार
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राजकिशोर कुमार
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महेंद्र राय
इन सभी चौकीदारों पर आरोप है कि ये अवैध गतिविधियों में लिप्त माफियाओं को संरक्षण दे रहे थे और पुलिस को सटीक इनपुट देने में विफल रहे। इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद SSP ने खुद सरैया थाना का औचक निरीक्षण किया, जिसमें इनके खिलाफ ठोस सबूत मिले।
विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया
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नोटिस और संपर्क के बाद भी उपस्थित न होने पर निलंबन आदेश जारी किया गया।
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SSP द्वारा गठित जांच टीम ने सभी मामलों की समीक्षा की।
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सभी कर्मियों को सामान्य जीवन यापन भत्ता पर रखा गया।
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अब इन सभी को पुलिस सेवा से बर्खास्त करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इस कार्रवाई के पीछे मुख्य उद्देश्य क्या है?
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पुलिस विभाग में अनुशासन बहाल करना
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माफिया और अपराधियों से साठगांठ खत्म करना
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आम जनता का पुलिस पर भरोसा बनाए रखना
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विभागीय कार्यों की प्रभावशीलता में सुधार लाना
मुजफ्फरपुर में हुई यह बड़ी कार्रवाई सिर्फ एक उदाहरण नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि बिहार पुलिस अब जवाबदेही और पारदर्शिता के नए रास्ते पर आगे बढ़ रही है। अपराधियों से मिलीभगत रखने वाले कर्मियों को अब बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो।
SSP सुशील कुमार की इस कार्रवाई से एक कड़ा संदेश गया है कि कर्तव्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार अब स्वीकार नहीं होंगे। यह निर्णय आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी अनुशासन का आधार बन सकता है।
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