सरकारी दफ़्तरों में फाइलें तभी चलती हैं जब जेबें गरम हों — क्या वाकई ऐसा ही होता है? “अंजुमन” में आज सुनिए रवि कुमार की कहानी, जिसने भू-अधिकार प्रमाण पत्र के लिए भ्रष्ट सिस्टम से लड़ाई लड़ी। कैसे एक मामूली युवक ने शीतल बाबू जैसे रसूखदार दलालों की नींव हिला दी? क्या वाकई जनता की आवाज़ से बदलाव संभव है? पूरी कहानी सुनिए – सच्चाई, संघर्ष और क्रांति की प्रेरक दास्तां।
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