KKN गुरुग्राम डेस्क | अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हादसे ने न जाने कितनी जिंदगियां तबाह कर दीं, लेकिन राजस्थान के बांसवाड़ा से ताल्लुक रखने वाले प्रतीक जोशी और उनके परिवार की त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हादसे में एक ही परिवार के पांच सदस्य — पति, पत्नी, दो जुड़वां बेटियां और एक बेटा — काल के गाल में समा गए।
इस दर्दनाक हादसे से पहले परिवार ने एयरपोर्ट पर एक साथ ली गई सेल्फी को साझा किया था, जो अब उनकी आखिरी याद बन चुकी है। यह फोटो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोगों की आंखें नम कर रही है।
12 जून 2025 को, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो कि अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और 2 पायलट, यानी कुल 242 लोग सवार थे।
यह विमान एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था। बताया जा रहा है कि टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही विमान तकनीकी खराबी का शिकार हुआ, पायलट्स ने लगातार तीन बार ‘May Day, May Day, May Day’ मैसेज भेजा, लेकिन वे विमान को संभाल नहीं सके। दुर्घटना के बाद विमान पास के बीजे मेडिकल कॉलेज के होस्टल भवन से टकरा गया।
इस हादसे में डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी कोमी व्यास, जुड़वां बेटियां मिराया और प्रद्युत जोशी, तथा बेटा नकुल जोशी — सभी की मौत हो गई।
प्रतीक जोशी पेशे से डॉक्टर थे और लंदन में प्रैक्टिस करते थे।
कोमी व्यास उनकी पत्नी थीं और अक्सर सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहती थीं।
मिराया और प्रद्युत उनकी जुड़वां बेटियां थीं, जिनकी उम्र महज कुछ साल की थी।
नकुल जोशी परिवार का सबसे छोटा बेटा था।
हादसे से कुछ ही मिनट पहले उन्होंने एयरपोर्ट पर ली गई एक सेल्फी साझा की थी, जिसमें पूरा परिवार मुस्कुराता हुआ नजर आ रहा था। आज वही तस्वीर, सोशल मीडिया पर आखिरी मुस्कान बनकर वायरल हो रही है।
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास में पहला बड़ा क्रैश था। इससे पहले कई बोइंग मॉडलों में तकनीकी खराबी के मामले आए हैं, लेकिन ड्रीमलाइनर को एक सुरक्षित और उन्नत विमान माना जाता था।
विमान दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू हो चुकी है। भारतीय विमानन विभाग DGCA और Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) को जांच के लिए सुरक्षित कर लिया गया है।
प्रतीक जोशी के परिवार की मौत की खबर जैसे ही राजस्थान के बांसवाड़ा में पहुंची, वहां शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों ने परिवार को याद करते हुए कहा कि जोशी परिवार सेवा और सरलता का प्रतीक था। आज उनका घर वीरान है और पूरा मोहल्ला गहरे शोक में डूबा हुआ है।
लोग मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं, और सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि संदेशों की बाढ़ आ गई है।
क्या बोइंग 787 अब उतना सुरक्षित नहीं रहा?
क्या टेकऑफ से पहले पूरी तकनीकी जांच होती है?
क्या भारत में विमानन सुरक्षा मानकों की जरूरत फिर से समीक्षा की है?
यह हादसा केवल एक परिवार की मौत की कहानी नहीं है, यह विमानन प्रणाली पर सवाल उठाने वाली एक चेतावनी भी है।
जोशी परिवार की सेल्फी को देखकर लोग भावुक हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोग ‘RIP Joshi Family’ हैशटैग चला रहे हैं।
कई ने सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा मिले।
DGCA (Directorate General of Civil Aviation)
AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau)
बोइंग टेक्निकल टीम
तकनीकी गड़बड़ी का संभावित कारण
पायलट की कम्युनिकेशन रिकॉर्डिंग
एयर ट्रैफिक कंट्रोल की प्रतिक्रिया
ग्राउंड स्टाफ से जुड़ी जानकारी
प्रतीक जोशी और उनके परिवार की यह कहानी भारत के हजारों लोगों के दिल को छू गई है। उनकी मुस्कुराती हुई तस्वीर, जो उन्होंने खुशियों के साथ ली थी, अब वह आखिरी याद बन चुकी है। यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे देश के लिए विमान सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल है।
This post was published on जून 13, 2025 16:53
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