विभागीय आदेश को दिखा रहे ठेंगा, रोजाना बना रहे हाजिरी
दो शिक्षकों को मिली बेल, 143 की बेल प्रक्रिया कोर्ट में लंबित
145 फर्जी शिक्षकों की पहचान कर बीईओ ने कराई थी एफआईआर
कौशलेन्द्र झा
मीनापुर। प्रखंड में शिक्षक नियोजन फर्जीवाड़े में एक और कारस्तानी का खुलासा हुआ है। दरअसल शिक्षा विभाग ने जिन 145 फर्जी शिक्षकों की पहचान कर पिछले साल बर्खास्त कर दिया था, उनमें से 80 शिक्षक आज भी स्कूलों में अपनी हाजिरी बना रहे हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि इन 145 फर्जी शिक्षकों पर बीईओ ने मीनापुर थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई हुई है। इनमें से दो शिक्षिकाओं ने कोर्ट से बेल ले ली है। बाकी 143 शिक्षकों को पुलिस फरार बताकर ढूढ़ नहीं पा रही है, जबकि इनमें से अधिकांश की स्कूलों में रोजाना हाजिरी बन रही है।
बीईओ ने हाजिरी नहीं बनाने का दे रखा है आदेश
प्रखंड के दो दर्जन से अधिक विद्यालयों के बर्खास्त शिक्षकों की हाजिरी बनाए जाने का मामला सामने आने पर अधिकारी अपने बचाव में अलग-अलग तर्क देने लगे हैं। बीईओ राजेश कुमार सिन्हा बताते हैं कि कार्यालय ने पत्र जारी कर सभी स्कूलों के प्रधान शिक्षक को चिह्नित किए गए फर्जी शिक्षकों से हाजिरी नहीं बनाने का आदेश दिया हुआ है। हालांकि बीईओ ने स्वीकार किया है कि विभागीय आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कई फर्जी शिक्षक अब भी अपने विद्यालय में हाजिरी बना रहे हैं।
विद्यालय प्रधान ने आदेश मिलने से किया इनकार
खुटौना के प्रधानाध्यापक हरिचरण सहनी ने बताया कि इस तरह का कोई भी विभागीय आदेश उन्हें नही मिला है। इसी प्रकार हरपुरबक्स के प्रधानाध्यापक कामेश्वर सिंह व हरका मानशाही के प्रधानाध्यापक गणेश राम सहित अधिकांश विद्यालय प्रधान बताते हैं कि इस तरह का कोई भी विभागीय आदेश उन्हें नहीं मिला है। अलबत्ता, समाचार पत्रों के माध्यम से ही हाजिरी नहीं बनाने की खबरें पढ़ने को मिलती रहती हैं।
ये है मामला
विभागीय जांच के दौरान मीनापुर के 145 नियोजित शिक्षकों के फर्जी होने की पुष्टि हुई है। दिसम्बर 2016 में डीएओ कार्यालय से जारी पत्र के आलोक में मीनापुर के बीईओ ने इसी वर्ष 12 फरवरी को चिह्नित सभी 145 फर्जी नियोजित शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज कराई। इसमें से दो शिक्षकों को जमानत मिल चुकी है। बाकी शिक्षकों की जमानत की प्रक्रिया अदालत में अभी लंबित है। बावजूद इसके इनमें से अधिकांश शिक्षक अपने विद्यालय में हाजिरी बना रहें हैं। दूसरी ओर पुलिस उन्हें फरार बता कर कार्रवाई करने से बच रही है। जाहिर है पुलिस की नजरों में फरार चल रहे इन शिक्षकों का विद्यालय में मौजूद रहना पुलिस व प्रशासन के दावों की कलई खोलने के लिए पर्याप्त है।
Article Contents
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.