25 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार किया। उन्होंने इंदिरा गांधी का कार्यकाल पार कर दिया और अब वह भारत के दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनका कार्यकाल अब 4078 दिन हो चुका है, जबकि इंदिरा गांधी का कार्यकाल कुल 4077 दिन था, जो कि 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक था। अब केवल पंडित जवाहरलाल नेहरू ही हैं, जिनका कार्यकाल नरेंद्र मोदी से अधिक है।
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मोदी का कार्यकाल: एक ऐतिहासिक मील का पत्थर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक सफर एक लंबा और बेहद दिलचस्प रहा है। वह पिछले दो दशकों से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं। सबसे पहले उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और फिर भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया। उनका प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल लगातार बढ़ता जा रहा है, और उनके नेतृत्व में बीजेपी ने कई चुनावों में जीत हासिल की है। यह उनके नेतृत्व की दृढ़ता और राजनीतिक रणनीतियों का परिणाम है कि वह आज दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री बन चुके हैं।
मोदी के कार्यकाल के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय राजनीति में कई बदलाव आए। उनके कार्यकाल को लेकर कई रिकॉर्ड बने, जो भारतीय राजनीति के इतिहास में अहम स्थान रखते हैं।
भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने लंबे समय तक सेवा की। उनसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नाम यह रिकॉर्ड था। मोदी ने इसे पार करते हुए भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल हासिल किया।
गैर-हिंदी भाषी राज्य से प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड:
नरेंद्र मोदी गुजरात राज्य से आते हैं, और वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो गैर-हिंदी भाषी राज्य से हैं, और उनका कार्यकाल इतना लंबा रहा।चुनी हुई सरकार का सबसे लंबा कार्यकाल:
यदि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल को भी गिना जाए, तो नरेंद्र मोदी पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने किसी चुनी हुई सरकार के सबसे लंबे समय तक मुखिया रहते हुए शासन किया।पहले और गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री जिन्होंने लगातार दो कार्यकाल पूरे किए:
नरेंद्र मोदी ने अपने दो कार्यकाल पूरे किए, और वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने गैर-कांग्रेसी पार्टी से अपने कार्यकाल को मजबूती से जारी रखा।मोदी ने दो बार बहुमत से सरकार बनाई:
मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने दम पर बहुमत प्राप्त किया और फिर दो बार सरकार बनाई। यह एक ऐतिहासिक मील का पत्थर था, क्योंकि इंदिरा गांधी के बाद मोदी ही थे, जिन्होंने दोबारा बहुमत के साथ सत्ता हासिल की।तीसरी बार लगातार जीतने वाले प्रधानमंत्री:
नरेंद्र मोदी पंडित नेहरू के बाद दूसरे नेता हैं, जिन्होंने केंद्र सरकार का लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर नेतृत्व किया है।नरेंद्र मोदी का चुनावी रिकॉर्ड:
मोदी अब तक 6 चुनावों में जीत हासिल करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। 2002, 2007 और 2012 में वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, और फिर 2014, 2019, और 2024 में लोकसभा चुनावों में शानदार जीत प्राप्त की।
मोदी का प्रभाव और नेतृत्व
नरेंद्र मोदी का कार्यकाल भारत की राजनीति में बड़े बदलावों और नीतियों के साथ जुड़ा रहा है। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जिनमें विकासात्मक योजनाएं, आर्थिक सुधार, और विदेश नीति की दिशा में अहम परिवर्तन शामिल हैं। उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कड़े फैसले और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाएं उन्हें एक निर्णायक नेता के रूप में पेश करती हैं।
बीजेपी के नेतृत्व में मोदी ने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी। उनका नेतृत्व भारतीय राजनीति को आधुनिक और ग्लोबल दृष्टिकोण में स्थापित करता है। उनकी नीतियों में डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने व्यापारिक और सामाजिक बदलाव लाने का काम किया।
मोदी की राजनीतिक यात्रा
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक के रूप में कार्य करना शुरू किया था। इसके बाद वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने, जहां उन्होंने एक मजबूत नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। 2002 में गुजरात दंगों के बाद उनका कार्यकाल कुछ विवादों से घिरा, लेकिन उन्होंने अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत किया और अंततः 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद कई प्रमुख योजनाओं का आगाज हुआ, जैसे GST और फाइनेंशियल इन्क्लूजन।
उनकी नीतियों में आत्मनिर्भर भारत, राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी निवेश को बढ़ावा देना शामिल था। कोविड-19 महामारी के दौरान उनके नेतृत्व की कड़ी परीक्षा हुई, और उन्होंने वैक्सीनेशन अभियान और आर्थिक पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
मोदी की वैश्विक उपस्थिति
प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक कूटनीति ने भारत को विश्व स्तर पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया। उन्होंने अमेरिका, रूस, जापान, और अन्य देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक रिश्ते स्थापित किए। उनके नेतृत्व में भारत ने UN में महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावी भागीदारी की और विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
COVID-19 महामारी के दौरान मोदी ने भारत के वैक्सीनेशन प्रयासों को वैश्विक स्तर पर साझा किया, जिससे भारत की वैश्विक भूमिका और बढ़ी।
आलोचनाएँ और चुनौतियां
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की आलोचनाएं भी हुईं, विशेषकर किसान आंदोलन और धार्मिक सहिष्णुता को लेकर। इसके अलावा, आर्थिक असमानता और रोजगार संकट जैसे मुद्दों पर भी उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, इन आलोचनाओं के बावजूद मोदी ने लोकसभा चुनावों में लगातार जीत हासिल की, और उनके नेतृत्व में भाजपा ने अपनी स्थिति को मजबूत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण दौर को दर्शाता है। उन्होंने न केवल भारतीय राजनीति में नई राह दिखाई, बल्कि उन्होंने विकासात्मक नीतियों, सुरक्षा और विदेशी नीति में भी अहम कदम उठाए। उनका रिकॉर्ड न केवल भारत के सबसे प्रभावशाली नेताओं में उनका नाम दर्ज कराता है, बल्कि वह भारतीय राजनीति के एक निर्णायक और दूरदर्शी नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं।
उनके नेतृत्व, दृढ़ नायकत्व, और विकासवादी दृष्टिकोण ने भारत को एक नई दिशा दी है, और उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में लंबे समय तक याद किया जाएगा।
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