Ahmedabad Air India Plane Crash की जांच में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है। Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी को हादसे का संभावित कारण माना गया है।
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यह हादसा 12 जून 2025 को हुआ था जब Air India Flight AI-171 टेक-ऑफ के 26 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
हादसे की पृष्ठभूमि: टेक-ऑफ के तुरंत बाद हुआ विमान क्रैश
Air India का Boeing 787-8 Dreamliner विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भर रहा था। उड़ान के सिर्फ 26 सेकंड बाद विमान क्रैश हो गया।
इस दर्दनाक हादसे में 240 से अधिक यात्रियों की मृत्यु हो गई, जबकि एक यात्री चमत्कारी रूप से बच गया। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस भवन पर गिरा, जिससे कई जमीन पर मौजूद लोगों की भी जान गई।
AAIB Report 2025: इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर केंद्रित हुई जांच
AAIB की 12 जुलाई की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उड़ान भरने के तीन सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच कटऑफ स्थिति में चले गए।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से मिली बातचीत में एक पायलट ने पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?” दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।” इस रहस्य ने जांच को इलेक्ट्रॉनिक विफलता की दिशा में मोड़ दिया।
पिछले हिस्से में मिली इलेक्ट्रिकल आग के संकेत
विमान के पिछले हिस्से (empennage) में मिले मलबे में सीमित इलेक्ट्रिकल आग के निशान पाए गए हैं। यह संकेत इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट या सिस्टम फॉल्ट का प्रमाण हो सकते हैं।
इन्हीं संकेतों ने जांचकर्ताओं को इंजन की विफलता के संभावित कारण के रूप में Electrical System Failure की ओर निर्देशित किया है।
Auxiliary Power Unit (APU) सुरक्षित, ब्लैक बॉक्स को भारी नुकसान
पिछले हिस्से में स्थित APU यूनिट को सुरक्षित पाया गया है, लेकिन रियर ब्लैक बॉक्स को गंभीर क्षति हुई है। इससे डेटा निकालना कठिन हो गया।
हालांकि फ्रंट ब्लैक बॉक्स से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर ली गई है, जो जांच में सहायक है।
पूर्ववर्ती उड़ान में सेंसर में खराबी
हादसे से ठीक पहले वाली फ्लाइट AI-423 में पायलट ने “STAB POS XDCR” यानी Stabilizer Position Transducer की खराबी की शिकायत की थी।
यह सेंसर विमान की पिच को नियंत्रित करता है और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम को डेटा भेजता है। हालांकि इंजीनियरों ने जांच के बाद उड़ान को स्वीकृति दी, अब इसे व्यापक इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी से जोड़ा जा रहा है।
सेंसर, ट्रांसड्यूसर और रडर सुरक्षित रखे गए
पिछले हिस्से में मिले ट्रांसड्यूसर, APU और रडर पार्ट्स को जांच के लिए संरक्षित किया गया है। जांचकर्ताओं का मानना है कि सेंसर में आई खराबी ने ECU को गलत कमांड भेजा, जिससे इंजन बंद हो गए।
Ram Air Turbine (RAT) हुआ सक्रिय, पर ऊंचाई नहीं थी पर्याप्त
इंजन फेल होने के बाद Ram Air Turbine (RAT) सक्रिय हो गया, जो आपातकालीन बिजली देता है। लेकिन 625 फीट की ऊंचाई पर पायलटों के पास विमान को नियंत्रित करने का पर्याप्त समय नहीं था।
जीवित बचे यात्री का बयान
हादसे के एकमात्र जीवित यात्री विश्वास कुमार रमेश ने बताया कि केबिन की लाइट हरी और सफेद रंग में टिमटिमा रही थी, फिर तेज धमाका हुआ और विमान रुक गया।
यह बयान भी Electrical System Failure के सिद्धांत को मजबूत करता है।
ईंधन लीक की आशंका भी खारिज
एक अन्य जांच बिंदु के तहत ईंधन लीक की संभावना भी जांची गई थी। लेकिन फ्यूल टैंक और बोजर से लिए गए नमूने सामान्य पाए गए।
इससे यह साबित हुआ कि हादसे का कारण ईंधन की गड़बड़ी नहीं बल्कि विमान के अंदर की इलेक्ट्रॉनिक समस्या थी।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की टीम जांच में शामिल
इस जांच में अब Boeing, General Electric, NTSB (USA) और CAA (UK) के विशेषज्ञ भी शामिल हो गए हैं। सभी एजेंसियां भारत के AAIB के साथ मिलकर इस दुर्लभ तकनीकी विफलता को समझने में जुटी हैं।
आतंकवादी साजिश नहीं
गुजरात पुलिस ने हादसे में आतंकवाद की संभावना को खारिज कर दिया है। मलबे में कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली।
इससे स्पष्ट है कि यह एक तकनीकी कारणों से हुआ हादसा था, न कि किसी बाहरी साजिश का हिस्सा।
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया: पूरी Boeing 787 फ्लीट की जांच
हादसे के तुरंत बाद Air India ने अपने पूरे Boeing 787 बेड़े को ग्राउंड कर जांच शुरू की। जांच पूरी होने के बाद 26 विमानों को दोबारा उड़ान की अनुमति दी गई।
साथ ही एयर इंडिया ने इंटरनल ऑडिट और मेंटेनेंस प्रक्रियाओं की समीक्षा भी शुरू की।
अब तक की मुख्य बातें
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AI-171 हादसा टेक-ऑफ के 26 सेकंड बाद हुआ।
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240 से अधिक यात्रियों की मौत, एक ही यात्री बचा।
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पायलटों ने फ्यूल बंद नहीं किया, फिर भी दोनों इंजन बंद हुए।
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पिछले हिस्से में इलेक्ट्रिकल आग के संकेत मिले।
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STAB POS XDCR सेंसर की गड़बड़ी पहले दर्ज की गई थी।
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Ram Air Turbine सक्रिय हुआ, पर ऊंचाई कम होने से कोई राहत नहीं मिली।
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APU सुरक्षित, रियर ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त, फ्रंट से डेटा मिला।
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ईंधन लीक की आशंका खारिज, नमूने सामान्य पाए गए।
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आतंकवाद की संभावना खारिज, कोई विस्फोटक नहीं मिला।
आगे क्या?
AAIB और अंतरराष्ट्रीय टीमें अब इस बात की जांच कर रही हैं कि:
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इलेक्ट्रिकल फॉल्ट किस स्तर पर हुआ?
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ECU ने गलत कमांड क्यों भेजा?
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सेफ्टी सिस्टम कैसे फेल हुए?
जांच पूरी होने के बाद Final Report प्रकाशित की जाएगी।
विमानन क्षेत्र में बड़े बदलाव की संभावना
Ahmedabad Plane Crash ने दुनिया भर के एविएशन क्षेत्र को चौंका दिया है। अब विमानों के सॉफ्टवेयर सिस्टम, डेटा सिग्नल और सेफ्टी प्रोटोकॉल पर नए सवाल उठ रहे हैं।
DGCA भारत में जल्द ही Advanced Electrical System Checks को लेकर नए दिशानिर्देश जारी कर सकता है।
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