KKN गुरुग्राम डेस्क | उत्तर प्रदेश में पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रयागराज से जल्द ही ई-अटल बस सेवा (E-Atal Bus Service) अयोध्या के लिए शुरू की जाएगी। लखनऊ और रॉबर्ट्सगंज जैसे शहरों में सफल संचालन के बाद अब यह सेवा अयोध्या तक विस्तारित होने जा रही है।
Article Contents
यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार के इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य में हरित (ग्रीन) परिवहन प्रणाली को मजबूत करना और धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी अयोध्या को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
अब प्रयागराज से अयोध्या के लिए चलेगी ई-अटल बस सेवा
जल्द ही शुरू होने वाली यह सेवा प्रयागराज से अयोध्या के बीच यात्रियों को एक आरामदायक, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती यात्रा अनुभव देगी। इस बस सेवा की खास बात यह है कि यह पूर्णतः इलेक्ट्रिक (Electric Buses) होगी, जिससे यात्रा के दौरान प्रदूषण न के बराबर होगा।
फिलहाल प्रयागराज से लखनऊ और रॉबर्ट्सगंज के लिए यह सेवा पहले से संचालित हो रही है। अब अयोध्या को तीसरा बड़ा धार्मिक और पर्यटन केंद्र माना जा रहा है, जिसे यह ग्रीन बस सेवा जोड़ेगी।
ई-अटल बस सेवा: अभी किन मार्गों पर संचालित है?
प्रयागराज से निम्नलिखित शहरों के लिए ई-अटल इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं:
गंतव्य | स्थिति | किराया (₹) |
---|---|---|
लखनऊ | चालू | ₹386 |
रॉबर्ट्सगंज | चालू | ₹318 |
प्रतापगढ़ | आंशिक रूप से चालू | TBD |
सुल्तानपुर | आंशिक रूप से चालू | TBD |
ऊंचाहार | चालू | TBD |
गोपीगंज | चालू | TBD |
कुंडा | चालू | TBD |
खागा | चालू | TBD |
हंडिया | चालू | TBD |
इन सभी मार्गों पर प्रदूषण रहित यात्रा संभव हो चुकी है और यात्रियों को क्लीन, सस्ती और सुगम परिवहन सुविधा मिल रही है।
अयोध्या रूट क्यों है खास?
राम मंदिर निर्माण और अयोध्या को एक ग्लोबल धार्मिक-पर्यटन हब के रूप में विकसित किए जाने के बाद यहां यात्रियों और श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।
अब ई-अटल बस सेवा के जरिए प्रयागराज से अयोध्या तक का सफर अधिक सुरक्षित, आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल हो जाएगा।
“अयोध्या रूट धार्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इलेक्ट्रिक बसें न केवल आरामदायक होंगी, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेंगी,” — रोडवेज अधिकारी, प्रयागराज।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बना गेम-चेंजर
ई-बस सेवाओं के सफल संचालन के लिए चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। अब तक लखनऊ और रॉबर्ट्सगंज में चार्जिंग स्टेशन तैयार हो चुके हैं, जिससे इन रूटों पर सफल संचालन हो रहा है।
अयोध्या में भी चार्जिंग स्टेशन का कार्य अंतिम चरण में है, जिसके पूरा होते ही यहां के लिए सेवा आरंभ कर दी जाएगी।
चार्जिंग स्टेशन स्थिति:
-
लखनऊ – पूरी तरह सक्रिय
-
रॉबर्ट्सगंज – संचालन प्रारंभ
-
अयोध्या – तैयार होने की स्थिति में
महाकुंभ से शुरू हुई थी पहल
प्रयागराज क्षेत्रीय रोडवेज को महाकुंभ 2025 से पहले 24 ई-अटल इलेक्ट्रिक बसें मिली थीं। महाकुंभ के दौरान इन बसों को शटल सेवा के रूप में प्रयोग किया गया था।
इस आयोजन के बाद योजना थी कि इन बसों को 200 किलोमीटर की परिधि में स्थित प्रमुख शहरों के लिए संचालित किया जाए, लेकिन आसपास के जिलों में चार्जिंग स्टेशन न होने के कारण सेवा स्थगित हो गई थी।
अब जैसे-जैसे चार्जिंग पॉइंट्स तैयार हो रहे हैं, रूट विस्तार की योजना भी चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित हो रही है।
यात्रियों को मिलेंगे ये लाभ
ई-अटल बस सेवा के जरिए यात्रियों को निम्नलिखित प्रमुख लाभ मिलते हैं:
-
शून्य प्रदूषण: डीजल की जगह इलेक्ट्रिक बैटरी, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं
-
आधुनिक सुविधाएं: जीपीएस ट्रैकिंग, आरामदायक सीटें, और साइलेंट इंजन
-
सस्ती यात्रा: निजी वाहनों या टैक्सी की तुलना में कम किराया
-
सुरक्षित सफर: प्रशिक्षित चालक, तकनीकी निगरानी
-
धार्मिक पर्यटन में वृद्धि: अयोध्या, काशी और प्रयागराज जैसे शहरों को जोड़ने से श्रद्धालुओं को सीधा लाभ
प्रयागराज से अयोध्या रूट का महत्व
यह मार्ग भारत के दो महान धार्मिक स्थलों — प्रयागराज (त्रिवेणी संगम और महाकुंभ स्थल) और अयोध्या (राम जन्मभूमि) — को आपस में जोड़ता है।
इन दोनों शहरों के बीच इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होने से न केवल आवागमन सरल होगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश को हरित राज्य के रूप में भी आगे बढ़ाएगा।
कुछ चुनौतियां अभी बाकी हैं
हालांकि अब तक काफी प्रगति हुई है, फिर भी कुछ चुनौतियां हैं:
-
छोटे शहरों में चार्जिंग स्टेशन की कमी
-
तकनीकी स्टाफ की ट्रेनिंग की आवश्यकता
-
बसों के रख-रखाव के लिए विशेषज्ञ उपकरणों की जरूरत
सरकार और परिवहन विभाग इन समस्याओं को सुलझाने के लिए नवाचार और तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की बड़ी योजना
यह पहल उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2024 का हिस्सा है, जिसमें शामिल हैं:
-
2026 तक 1000 से अधिक ई-बसों का संचालन
-
हर 100 किमी पर चार्जिंग स्टेशन
-
ई-वाहनों पर सब्सिडी और टैक्स छूट
-
सभी प्रमुख धार्मिक शहरों को ई-परिवहन से जोड़ना
यह नीति उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी ईवी-अनुकूल राज्यों की सूची में ला खड़ा करती है।
प्रयागराज से अयोध्या तक ई-अटल बस सेवा की शुरुआत उत्तर प्रदेश में पर्यावरण के अनुकूल, सुलभ और किफायती सार्वजनिक परिवहन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल यात्रियों को बेहतर सेवा देगी, बल्कि राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को भी जोड़ेगी।
अब श्रद्धालुओं और यात्रियों को क्लीन एनर्जी पर आधारित एक आधुनिक सफर का अनुभव मिलेगा, जिससे राज्य का गौरव और भी बढ़ेगा।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.