बिहार की राजनीति फिर करवट ले रही है! AIMIM ने महागठबंधन में शामिल होने का जो प्रस्ताव रखा है, वह केवल एक गठबंधन का न्योता नहीं, बल्कि पूरे समीकरण को हिला देने वाला ‘सियासी शॉकवेव’ है। दूसरी ओर, एलजेपीआर के नेता चिराग पासवान अचानक एक्टिव हो गए हैं। सीमांचल और कोसी में उनके दौरों ने यह संकेत दिया है कि एनडीए भी कोई नई रणनीति बुन रहा है। क्या AIMIM का महागठबंधन में आना NDA को सीधे टारगेट करने की रणनीति है? क्या ओवैसी बीजेपी के “B-Team” टैग से मुक्त होने की कोशिश कर रहे हैं? क्या चिराग NDA का नया चेहरा बनेंगे या फिर “नियंत्रण से बाहर” हो जाएंगे? AIMIM और एलजेपीआर की चालें क्या एक-दूसरे को काटती हैं? 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले की इन गहराइयों को समझिए और तय कीजिए कि असली गेमप्लान क्या है।
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