KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के वैशाली जिले से एक अत्यंत दुखद खबर सामने आई है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात जवान राजू कुमार का शुक्रवार की शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह अपने चाचा के श्राद्ध कार्यक्रम में भाग लेने के लिए छुट्टी पर अपने गांव आए हुए थे। मात्र 29 वर्ष की उम्र में इस वीर जवान का यूं अचानक चला जाना न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए एक गहरा सदमा है।
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घटना का विवरण: सीने में दर्द के बाद हुई जवान की मौत
स्थान: साहदुल्लपुर चकफरीद मधुरापुर, बिदूपुर थाना, वैशाली
समय: शुक्रवार शाम लगभग 5 बजे
मृतक: राजू कुमार, उम्र 29 वर्ष, बीएसएफ जवान
परिजनों के अनुसार, शुक्रवार की शाम राजू कुमार को अचानक तेज सीने में दर्द हुआ। उन्हें तुरंत स्थानीय चिकित्सक के पास ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी असमय मृत्यु की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
देश सेवा में समर्पित रहा जीवन
राजू कुमार ने 2022 में BSF में भर्ती होकर राष्ट्रीय सेवा की शुरुआत की थी। वर्तमान में वे जम्मू-कश्मीर में तैनात थे और भारत-पाकिस्तान सीमा पर कई महत्वपूर्ण अभियानों का हिस्सा रह चुके थे।
ऑपरेशन सिंदूर में निभाई अहम भूमिका
राजू कुमार ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक गोपनीय सैन्य अभियान में हिस्सा लिया था, जो भारत-पाक सीमा पर घुसपैठ रोकने के उद्देश्य से चलाया गया था। इस ऑपरेशन में उन्होंने साहस, निष्ठा और समर्पण का परिचय दिया था।
एक परिवार की टूटी रीढ़: मां नहीं, अब पिता पर दो बच्चों की जिम्मेदारी
राजू कुमार अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। उनकी मां का देहांत बचपन में ही हो गया था। पिता ब्रजनंदन राय बेटे की मौत से गहरे सदमे में हैं।
राजू की शादी लगभग 10 वर्ष पूर्व हुई थी। उनके दो छोटे बच्चे हैं। उनकी पत्नी इस दुःखद खबर से बिलकुल टूट चुकी हैं, और बच्चों की स्थिति भी बेहद दयनीय है।
परिजन बोले:
“राजू कुछ ही दिनों में ड्यूटी पर वापस लौटने वाले थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था,” – बहनोई रविंद्र राय।
गांव में शोक और सम्मान की मांग
राजू कुमार की मृत्यु की खबर मिलते ही गांव में सैकड़ों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने लगे। लोगों में दुःख के साथ-साथ गर्व का भाव भी था कि उनका बेटा देश के लिए लड़ता था।
ग्रामीणों की मांग:
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राजू को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाए
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राष्ट्रीय ध्वज के साथ सैन्य सम्मान प्रदान किया जाए
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परिजनों को आर्थिक सहायता और बच्चों की पढ़ाई की गारंटी दी जाए
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गांव में राजू कुमार की याद में स्मारक बनाया जाए
सैनिकों के स्वास्थ्य पर उठे सवाल
राजू कुमार की मौत एक और बड़े सवाल को जन्म देती है — क्या भारतीय सुरक्षा बलों में तैनात जवानों के स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है?
चिंताजनक आंकड़े:
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2024 में भारत में 2,000 से अधिक जवानों को दिल से जुड़ी बीमारियों की शिकायत हुई
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इनमें से 40% जवान 35 वर्ष से कम उम्र के थे
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विशेषज्ञों का कहना है कि तनावपूर्ण ड्यूटी, अनियमित खानपान और मानसिक दबाव इसका मुख्य कारण हैं
विशेषज्ञों की सलाह:
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हर साल अनिवार्य मेडिकल चेकअप
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मेंटल हेल्थ काउंसलिंग
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तनावमुक्त वातावरण के लिए रोटेशनल ड्यूटी
प्रशासन की प्रतिक्रिया
बिदूपुर थाना प्रभारी पप्पन कुमार ने कहा:
“मृत्यु का कारण प्रारंभिक जांच में प्राकृतिक प्रतीत होता है। मेडिकल टीम की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है। परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी।”
जिला प्रशासन ने राजू के परिवार को राज्य सरकार की सहायता योजनाओं के अंतर्गत मुआवज़ा और सुविधाएं देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि
राजू कुमार को सोशल मीडिया पर भी देशभर से श्रद्धांजलि मिल रही है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #RajuKumarBSF और #OperationSindoorHero जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
बीएसएफ के कई अधिकारियों और उनके साथियों ने उन्हें सच्चा देशभक्त और बहादुर साथी बताया।
राजू कुमार की असमय मृत्यु एक व्यक्तिगत त्रासदी ही नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय क्षति है। उन्होंने अपनी छोटी-सी उम्र में जो कर्तव्यनिष्ठा, साहस और देशभक्ति दिखाई, वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।
अब यह सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे:
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उनके परिजनों की आर्थिक, सामाजिक और मानसिक सहायता करें
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जवानों के स्वास्थ्य पर सुनियोजित नीति बनाएं
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और हर उस सैनिक को सम्मान दें, जो देश की रक्षा के लिए हर रोज़ जान जोखिम में डालते हैं
देश को राजू कुमार पर गर्व है। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।
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