KKN गुरुग्राम डेस्क | भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर देशभर के क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया। इस घोषणा के अगले ही दिन, यानी 13 मई 2025 को विराट अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ उत्तर प्रदेश के वृंदावन पहुंचे। वहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया और उनके साथ गहन आध्यात्मिक चर्चा की।
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कोहली और अनुष्का ने श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में लगभग साढ़े तीन घंटे तक समय बिताया। इस दौरान दोनों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और शांति के साथ अपने आध्यात्मिक अनुभव को प्राथमिकता दी।
वृंदावन का आध्यात्मिक सफर
वृंदावन, जो भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मानी जाती है, हमेशा से आध्यात्मिक साधकों और भक्ति मार्ग के अनुयायियों का केंद्र रहा है। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी पहले दो बार इस आश्रम में आ चुके हैं। पहली बार उन्होंने 4 जनवरी 2023 को संत प्रेमानंद से मुलाकात की थी और दूसरी बार 10 जनवरी 2025 को अनुष्का के साथ आश्रम पहुंचे थे।
इस बार संन्यास की घोषणा के बाद दोनों की यह तीसरी मुलाकात रही, जो कोहली के जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाती है।
आध्यात्मिक चर्चा और संत प्रेमानंद महाराज की सीख
सूत्रों के अनुसार, विराट और अनुष्का ने संत प्रेमानंद से जीवन, करियर और मानसिक शांति से जुड़े सवाल पूछे। इससे पहले हुई मुलाकात में विराट ने असफलता से बाहर निकलने के उपाय पूछे थे, जिस पर संत प्रेमानंद ने उन्हें “अभ्यास बनाए रखने” की सलाह दी थी।
अनुष्का शर्मा ने भी बताया था कि जब वह पिछले बार संत महाराज से मिली थीं, तब उनके मन के सवालों का उत्तर बिना पूछे ही मिल गया था। इस बार उन्होंने महाराज से ‘प्रेम भक्ति’ की प्रार्थना की।
संत गौरांगीशरण महाराज से भी लिया आशीर्वाद
प्रेमानंद महाराज के बाद विराट और अनुष्का बाराहघाट स्थित सुनरख रोड आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के गुरु संत गौरांगीशरण महाराज के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान दोनों ने किसी भी मीडिया बातचीत से परहेज किया और पूरी तरह से आध्यात्मिक वातावरण में रमे रहे।
परिवार के साथ आध्यात्मिक मूल्यों की सीख
इस बार विराट और अनुष्का अपने बच्चों — वामिका और अकाय के साथ नहीं पहुंचे, लेकिन इससे पहले की यात्राओं में दोनों अपने बच्चों के साथ संत प्रेमानंद से आशीर्वाद ले चुके हैं। यह दर्शाता है कि यह परिवार आध्यात्मिकता को जीवन का अहम हिस्सा मानता है और अगली पीढ़ी को भी यही मूल्य देना चाहता है।
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास: एक युग का अंत
विराट कोहली ने अपने शानदार टेस्ट करियर में 123 टेस्ट मैच खेले और 9,000 से अधिक रन बनाए, जिनमें 30 शतक शामिल हैं। कोहली ने यह घोषणा करते हुए कहा था, “मैंने क्रिकेट को अपना सब कुछ दिया,” जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब अपने जीवन को एक नए मार्ग की ओर ले जाना चाहते हैं।
उनका संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है, लेकिन विराट अब खुद को मानसिक और आत्मिक रूप से संवारने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
आने वाले दिन: विराट का अगला कदम
हालांकि विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है, लेकिन वह अभी भी वनडे और टी20 फॉर्मेट में सक्रिय हैं। वे आगामी आईपीएल 2025 में भी हिस्सा लेंगे। ऐसे में यह साफ है कि कोहली अब अपने पेशेवर जीवन और निजी आध्यात्मिक यात्रा के बीच संतुलन बनाए रखेंगे।
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास और तुरंत बाद आध्यात्मिक मार्ग की ओर रुख करना यह दर्शाता है कि वह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि एक विचारशील और आत्म-खोजी व्यक्ति भी हैं। उनके इस नए अध्याय में आध्यात्मिकता, आत्मचिंतन और संतों का मार्गदर्शन एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
यह यात्रा उनके प्रशंसकों के लिए भी एक प्रेरणा है कि जीवन में जब एक दौर समाप्त होता है, तो एक नया अध्याय शांति और संतुलन के साथ शुरू किया जा सकता है।
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