KKN गुरुग्राम डेस्क | उत्तर भारत में मौसम एक बार फिर करवट लेने जा रहा है। 16 अप्रैल से एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय होने वाला है, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख के कई इलाकों में भारी बारिश, आंधी-तूफान और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है।
Article Contents
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
पश्चिमी विक्षोभ क्या होता है?
पश्चिमी विक्षोभ एक प्रकार की मौसमी प्रणाली होती है जो भूमध्यसागर से चलकर भारत के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में प्रवेश करती है। यह आमतौर पर ठंडे मौसम, बारिश, बर्फबारी और तापमान में गिरावट का कारण बनती है।
16 अप्रैल से सक्रिय होगा नया सिस्टम
स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया विक्षोभ 16 अप्रैल से हिमालयी क्षेत्रों में असर दिखाना शुरू करेगा। 18 से 20 अप्रैल के बीच यह विक्षोभ अपने चरम पर रहेगा, जिससे कई राज्यों में मौसम बिगड़ सकता है।
मौसम पूर्वानुमान: तारीखवार विवरण
16–17 अप्रैल:
-
जम्मू-कश्मीर और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश की शुरुआत होगी।
-
मौसम में बदलाव के संकेत मिलने लगेंगे।
18–20 अप्रैल:
-
मौसम का सबसे सक्रिय दौर होगा।
-
भारी बारिश, गरज-चमक, तेज़ हवाएं (40–60 किमी/घंटा) और बर्फबारी के आसार।
-
हिमाचल और उत्तराखंड में ओलावृष्टि और बर्फबारी की भी संभावना।
21 अप्रैल:
-
सिस्टम धीरे-धीरे शांत होगा।
-
कुछ क्षेत्रों में छिटपुट बारिश और बादल रह सकते हैं।
किन राज्यों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ेगा?
1. जम्मू-कश्मीर
-
पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी और बारिश के आसार।
-
लैंडस्लाइड, सड़क अवरोध और पत्थर गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।
2. हिमाचल प्रदेश
-
कुल्लू, मनाली, शिमला, लाहौल-स्पीति में बर्फबारी और बारिश की संभावना।
-
पर्यटकों और स्थानीय लोगों को यात्रा से बचने की सलाह।
3. उत्तराखंड
-
हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बूंदाबांदी हो सकती है।
-
चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में प्रभाव रहेगा।
अन्य प्रभावित राज्य
दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और राजस्थान
-
मैदानों में सीमित प्रभाव की उम्मीद है।
-
कुछ स्थानों पर छोटी अवधि की बारिश और बादल छा सकते हैं।
-
राजस्थान में कुछ क्षेत्रों में धूल भरी आंधी चल सकती है।
लद्दाख
-
लेह और आसपास के इलाकों में 18-19 अप्रैल को बर्फबारी के आसार।
-
सड़क संपर्क और ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है।
यात्रियों और किसानों के लिए चेतावनी
-
हिमालयी क्षेत्रों में 18 से 20 अप्रैल के बीच यात्रा से बचें।
-
पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग की ताजा जानकारी लें।
-
किसानों को फ़सल ढंकने और कटाई कार्य को टालने की सलाह दी गई है।
-
भूस्खलन, बर्फीली सड़कें और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।
कृषि और जनजीवन पर प्रभाव
बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, जौ और बागवानी फसलों को नुकसान हो सकता है, खासकर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड में।
जलवायु परिवर्तन का असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि बार-बार आने वाले पश्चिमी विक्षोभ और अप्रत्याशित मौसम का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है।
समुद्री तापमान में वृद्धि, जेट स्ट्रीम में बदलाव और एल नीनो जैसी घटनाएं भी इन बदलावों को तेज कर रही हैं।
16 से 20 अप्रैल के बीच सक्रिय रहने वाला यह नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम को प्रभावित करेगा।
हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी, और मैदानों में हल्की बारिश की संभावना है।
स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की सलाह मानना बेहद जरूरी है।
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.