KKN गुरुग्राम डेस्क | मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र में एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें दो बाइक सवार की मौत हो गई। यह हादसा एनएच 77 पर बेदौल ओपी के पास हुआ। तेज रफ्तार बाइक ने पहले साइकिल सवार को टक्कर मारी, और फिर अनियंत्रित होकर सीतामढ़ी जा रही बस के नीचे आ गई। इस हादसे में बाइक के नीचे आने के बाद दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे ने स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया है, और इलाके में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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हादसे की पूरी कहानी: कैसे हुआ यह भीषण दुर्घटना?
गुरुवार शाम, 13 फरवरी 2025 को, तेज रफ्तार बाइक सवार दो युवक मुजफ्फरपुर से कहीं जा रहे थे। इस दौरान उनकी बाइक ने पहले एक साइकिल सवार को टक्कर मारी और फिर अनियंत्रित होकर सामने से आ रही बस के नीचे आ गई। बस के नीचे बाइक घुस गई और दोनों युवकों को कुचल दिया। इस हादसे ने पूरे इलाके में हड़कंप मचाया और दुर्घटना स्थल पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं।
हादसे के शिकार हुए युवक थे, 22 वर्षीय रोशन कुमार, जो शेखपुर मुजफ्फरपुर के निवासी थे, और 23 वर्षीय शुभम कुमार, जो धीरज कुमार के बेटे थे। दोनों दोस्त थे और किसी से मिलने के लिए जा रहे थे। हादसे के बाद दोनों युवकों की मौत की खबर उनके परिवारों तक पहुंची और पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
साइकिल सवार भी गंभीर रूप से घायल
इस हादसे में साइकिल सवार 65 वर्षीय भाग्यनारायण पांडे भी गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उनका इलाज जारी है और डॉक्टरों का कहना है कि कुछ दिनों में वह पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान: कैसे हुआ हादसा?
स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बाइक की गति बहुत तेज थी और अचानक साइकिल सवार को टक्कर मार दी। इसके बाद बाइक सवारों का नियंत्रण पूरी तरह से खो गया और बाइक अनियंत्रित होकर बस के नीचे आ गई। बाइक के नीचे आने के बाद, बस के पहियों ने दोनों युवकों को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद, स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और शवों को बाहर निकाला। बेदौल ओपी के प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि हादसे के बाद परिजनों को सूचित किया गया और परिवार वालों से संपर्क किया गया।
स्थानीय लोगों का आक्रोश: प्रशासन पर उठे सवाल
हादसे के बाद स्थानीय लोग खासे आक्रोशित हो गए। उनका कहना है कि एनएच 77 पर यह कोई पहला हादसा नहीं है, बल्कि यहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन को इस बारे में शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लोग चाहते हैं कि बेदौल से लेकर जनार तक की सड़क पर गति अवरोधक (Speed Breakers) लगाए जाएं ताकि तेज रफ्तार गाड़ियों को रोका जा सके।
मुखिया प्रतिनिधि रजनीश कुमार और प्रमुख प्रतिनिधि साकेत सुमन ने बताया कि इस बारे में कई बार डीएम और अन्य उच्च अधिकारियों को आवेदन दिए गए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनके अनुसार, डिवाइडर की कमी और ओवरस्पीडिंग की वजह से लगातार हादसों में वृद्धि हो रही है।
NH 77: नेपाल और बिहार के बीच व्यस्त मार्ग
नेशनल हाइवे 77 (NH 77), जो बिहार के प्रमुख मार्गों में से एक है, नेपाल से होते हुए मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और अन्य जिलों को जोड़ता है। यह मार्ग इतना व्यस्त है कि यहां हमेशा गाड़ियों का दबाव रहता है। हालांकि, इस रोड पर सुरक्षा उपायों की कमी के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस हाईवे पर लोगों के आवाजाही के लिए उचित सुरक्षा उपायों की जरूरत है। खासकर गोपालपुर से लेकर कटौझा तक कई स्थानों पर सड़क की स्थिति बहुत खराब है और इसकी वजह से रोजाना हादसे हो रहे हैं। इस क्षेत्र में जो लोग नेपाल से आ रहे हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे यहां अधिक वाहनों का दबाव बना रहता है।
सड़क सुरक्षा की जरूरत: प्रशासन पर दबाव
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि वह एनएच 77 पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए। कई स्थानीय नेताओं ने यह भी कहा कि सड़कों पर स्पीड ब्रेकर, रोड डिवाइडर और अन्य सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता है।
इस मामले में जिला प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सड़क सुरक्षा के उपायों को तुरंत लागू करना चाहिए। हादसे में मारे गए युवकों के परिवारवालों और क्षेत्रवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते सुरक्षा उपायों पर ध्यान देता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
नैतिक जिम्मेदारी और प्रशासन की भूमिका
सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन का दायित्व बनता है कि वह सही समय पर सही कदम उठाए। विशेष रूप से बिहार जैसे राज्य में जहां सड़क दुर्घटनाएं काफी आम हो गई हैं, वहां सड़क की स्थिति और यातायात नियंत्रण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन को अब चाहिए कि वह इस घटना के बाद तत्काल कार्यवाही करे और NH 77 पर सुरक्षा उपायों को लागू करे ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
इस हादसे ने एक बार फिर बिहार के सड़क सुरक्षा मुद्दे को सामने ला दिया है। कई सालों से लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद, प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। अगर इसे समय रहते न सुलझाया गया, तो आने वाले समय में और भी हादसों की संभावना बनी रहेगी।
हालांकि, यह हादसा बेहद दुखद है, लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन और संबंधित अधिकारी अब इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देंगे और सुधारात्मक उपायों को लागू करेंगे।
यह सड़क हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए दुखद है, बल्कि पूरे जिले और राज्य के लिए एक चेतावनी है कि अगर सड़क सुरक्षा के उपायों को तुरंत लागू नहीं किया गया, तो ऐसे हादसों का सिलसिला जारी रहेगा
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