KKN गुरुग्राम डेस्क | भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने की पहल की है। यह वायरस आमतौर पर पोल्ट्री और जंगली पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है।
Article Contents
ICMR ने पुष्टि की है कि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), पुणे में इस वायरस के स्ट्रेन्स (प्रकार) उपलब्ध हैं। अब ICMR फार्मा कंपनियों के साथ साझेदारी करने की योजना बना रहा है ताकि वैक्सीन के निर्माण, विकास और व्यावसायीकरण की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।
भारत में H5N1 वैक्सीन विकसित करने की योजना
ICMR, जो भारत में चिकित्सा अनुसंधान का सर्वोच्च निकाय है, स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इस वैक्सीन के स्थानीय विकास पर जोर दे रहा है।
संस्थान ने एक “रुचि की अभिव्यक्ति” (Expression of Interest – EOI) जारी की है, जिसके तहत विभिन्न फार्मा कंपनियों को इस परियोजना में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
इस साझेदारी के तहत, चयनित कंपनी को वैक्सीन के निर्माण, बिक्री और वितरण का अधिकार दिया जाएगा, ताकि यह भविष्य में महामारी की रोकथाम में मदद कर सके।
H5N1 बर्ड फ्लू क्या है?
H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) का एक खतरनाक रूप है, जो भारत में कई बार प्रकोप का कारण बन चुका है।
H5N1 वायरस के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:
- भारत में 2021, 2023 और 2024 में इस वायरस के कई प्रकोप दर्ज किए गए।
- यह पोल्ट्री उद्योग को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक हानि होती है।
- इसकी मनुष्यों में संक्रमण फैलाने की क्षमता को देखते हुए, यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है।
H5N1 का मनुष्यों पर प्रभाव और लक्षण
हालांकि H5N1 संक्रमण के मामले मनुष्यों में दुर्लभ हैं, लेकिन अगर संक्रमण होता है, तो यह बेहद घातक साबित हो सकता है।
ICMR के अनुसार, इस वायरस से संक्रमित होने वाले मनुष्यों की मृत्यु दर 50% से अधिक हो सकती है।
H5N1 संक्रमण के लक्षण:
- तेज बुखार
- गंभीर सांस लेने में तकलीफ
- निमोनिया जैसे लक्षण
- बहु-अंग विफलता (Multi-organ failure) के मामले
इसकी गंभीरता को देखते हुए, ICMR इस बीमारी की निगरानी और वैक्सीन विकसित करने पर विशेष ध्यान दे रहा है।
वैश्विक स्तर पर H5N1 वैक्सीन अनुसंधान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी H5N1 वैक्सीन अनुसंधान और विकास को गति देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
WHO कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए mRNA-आधारित H5N1 वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों में तेजी ला रहा है।
चूंकि बर्ड फ्लू के प्रकोप लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए H5N1 वैक्सीन विकसित करना वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्राथमिकता बन चुका है।
भारत में H5N1 के प्रकोप का प्रभाव
भारत में बर्ड फ्लू के कई प्रकोप दर्ज किए गए हैं, जिनके कारण:
- कई पोल्ट्री फार्मों में लाखों मुर्गियों को मारना पड़ा, जिससे किसानों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
- पोल्ट्री उद्योग में काम करने वाले लोगों को स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गया।
- पोल्ट्री उत्पादों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए गए, जिससे व्यापार और खाद्य सुरक्षा प्रभावित हुई।
इन जोखिमों को देखते हुए, एक स्वदेशी रूप से विकसित H5N1 वैक्सीन भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
H5N1 वैक्सीन के विकास में चुनौतियां
एक प्रभावी H5N1 वैक्सीन विकसित करना वैज्ञानिक और लॉजिस्टिक रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य है।
- वायरस का लगातार बदलना – H5N1 वायरस तेजी से उत्परिवर्तित (म्यूटेट) होता है, जिससे वैक्सीन प्रभावशीलता प्रभावित हो सकती है।
- मानव संक्रमण के सीमित मामले – चूंकि मनुष्यों में संक्रमण दुर्लभ है, इसलिए क्लिनिकल परीक्षण करना कठिन हो सकता है।
- अनुमोदन प्रक्रियाएं – वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता साबित करने के लिए गहन परीक्षण आवश्यक होगा।
- बड़े पैमाने पर उत्पादन – कम लागत में बड़े पैमाने पर उत्पादन सुनिश्चित करना भी एक चुनौती होगी।
ICMR की H5N1 वैक्सीन विकास रणनीति
ICMR की वैक्सीन विकसित करने की रणनीति में शामिल हैं:
- फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ साझेदारी कर अनुसंधान और उत्पादन को तेज करना।
- प्रारंभिक और क्लिनिकल परीक्षण का संचालन करना, जिससे वैक्सीन की प्रभावशीलता साबित हो सके।
- मास प्रोडक्शन मॉडल तैयार करना, ताकि जरूरत पड़ने पर बड़े पैमाने पर वैक्सीन उपलब्ध हो सके।
- भारतीय औषधि नियामक प्राधिकरण से अनुमोदन प्राप्त करना।
एक बार वैक्सीन तैयार होने के बाद, ICMR फ्रंटलाइन वर्कर्स, पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़े लोगों और उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने की योजना बना रहा है।
भारत के लिए स्वदेशी H5N1 वैक्सीन क्यों जरूरी है?
- तेजी से महामारी का जवाब देना – स्वदेशी वैक्सीन से तेजी से वितरण सुनिश्चित किया जा सकता है।
- आर्थिक स्थिरता बनाए रखना – पोल्ट्री उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाना – यह भविष्य में बड़ी महामारियों को रोकने में सहायक होगी।
- वैश्विक योगदान – यह भारत को वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी वैक्सीन निर्माता बना सकता है।
H5N1 के बढ़ते खतरों को देखते हुए, ICMR की वैक्सीन पहल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
अगले कुछ महीनों में, भारत:
- वैक्सीन विकास के लिए प्रमुख फार्मा कंपनियों के नाम घोषित करेगा।
- वैज्ञानिक परीक्षण और ट्रायल शुरू करेगा।
- सरकारी नियामकों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करेगा।
- वैक्सीन के व्यापक वितरण की योजना तैयार करेगा।
H5N1 बर्ड फ्लू वायरस न केवल पोल्ट्री उद्योग बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर खतरा है। चूंकि इसका मनुष्यों में संक्रमण अत्यंत घातक हो सकता है, इसलिए सतर्कता और वैक्सीन विकास आवश्यक है।
ICMR की यह पहल भारत के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करेगी, जिससे न केवल देश सुरक्षित रहेगा, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान में भारत की भूमिका भी बढ़ेगी।
जैसे-जैसे WHO और अन्य संगठन H5N1 वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, भारत की स्वदेशी वैक्सीन पहल एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
- Click to share on X (Opens in new window) X
- More
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window) LinkedIn
- Click to share on Tumblr (Opens in new window) Tumblr
- Click to share on Pinterest (Opens in new window) Pinterest
- Click to share on Telegram (Opens in new window) Telegram
- Click to share on Threads (Opens in new window) Threads
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp
Related
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.