शिक्षा समाज का आइना होता है। यह देश और कालखंड को परिभाषित करता है। समृद्ध राष्ट्र का निर्माण तभी सम्भव है, जब हमारे पास स्वदेशी ज्ञान पर आधारित समृद्ध शिक्षा नीति हो। इतिहास गवाह है, ज्ञान का स्त्रोत अर्जित करने वाला सदैव कालजयी हुआ है। किंतु, महज अनुकरण करने वाला, कभी अग्रसर नहीं हुआ। 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया है। करीब 34 साल बाद आई शिक्षा नीति में सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं। पढ़ाई बीच में छूटने पर अर्जित ज्ञान और समय की बर्बादी नहीं होगी। ऐसे और भी कई बड़े बदलाव हुए है। जिसका इस रिपोर्ट में जिक्र है। अब सवाल उठता है कि यह हमारे भविष्य के निर्माण में मददगार साबित होने वाला है या इसका हमे खामियाजा भुगतना पड़ेगा? देखिए, पूरी रिपोर्ट…
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