KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत में कैंसर की पहचान, अनुसंधान और उपचार को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक नई पहल की गई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), इंडियन कैंसर सोसाइटी, अपोलो कैंसर सेंटर और फैमिली फिजिशियन एसोसिएशन ने मिलकर “Unify to Notify” नामक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है।
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इस अभियान का उद्देश्य भारत सरकार से कैंसर को एक नोटिफाइबल डिजीज (Notifiable Disease) घोषित करने की मांग करना है, जिससे इसकी जांच, प्रबंधन और उपचार को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कैंसर को नोटिफाइबल बीमारी का दर्जा दिया जाता है, तो इससे रियल-टाइम डेटा कलेक्शन, मरीजों की सही रिपोर्टिंग और बेहतर मेडिकल प्लानिंग संभव होगी। यह भारत को वैश्विक स्तर पर कैंसर अनुसंधान और उपचार में अग्रणी बनाने में मदद कर सकता है।
क्या है “Unify to Notify” अभियान?
“Unify to Notify” एक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य पहल है, जिसका लक्ष्य कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज के रूप में वर्गीकृत करवाना है। इसके तहत, भारत के प्रमुख मेडिकल और कैंसर अनुसंधान संगठनों ने मिलकर एक संरचित योजना तैयार की है, जिसमें शामिल हैं:
✔ रियल-टाइम कैंसर डेटा कलेक्शन
✔ सटीक कैंसर रिपोर्टिंग सिस्टम
✔ मानकीकृत (Standardized) कैंसर उपचार प्रोटोकॉल
✔ बेहतर कैंसर रिसर्च और महामारी विज्ञान (Epidemiological) अध्ययन
✔ लक्षित (Targeted) कैंसर रोकथाम और हस्तक्षेप रणनीति (Intervention Strategy)
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से कैंसर से संबंधित मृत्यु दर को कम किया जा सकता है, प्रारंभिक निदान को बढ़ावा दिया जा सकता है और कैंसर रोगियों को बेहतर उपचार मिल सकता है।
क्यों जरूरी है कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज घोषित करना?
1. कैंसर डेटा कलेक्शन को बेहतर बनाना
वर्तमान में भारत में कोई केंद्रीकृत कैंसर डेटाबेस नहीं है, जिससे इस बीमारी के प्रभाव को सही तरीके से मापा नहीं जा सकता। यदि कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज बना दिया जाता है, तो इससे रियल-टाइम डेटा कलेक्शन संभव होगा, जिससे सरकार और मेडिकल संस्थान रोग के पैटर्न, गंभीरता और जोखिम कारकों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।
✔ संपूर्ण भारत में कैंसर केस ट्रैकिंग
✔ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बीमारी के प्रसार का आकलन
✔ हाई-रिस्क क्षेत्रों की पहचान और समय पर हस्तक्षेप
2. पूरे देश में एक समान कैंसर उपचार उपलब्ध कराना
वर्तमान में भारत में कैंसर के इलाज की गुणवत्ता स्थान और अस्पताल के आधार पर भिन्न होती है। इस वजह से कई मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता।
यदि कैंसर एक नोटिफाइबल बीमारी बन जाता है, तो सरकार:
✔ राष्ट्रीय स्तर पर एक समान उपचार प्रोटोकॉल लागू कर सकती है।
✔ आधुनिक और उन्नत कैंसर उपचार को सभी मरीजों तक पहुंचा सकती है।
✔ इलाज की लागत को नियंत्रित कर मरीजों को राहत दे सकती है।
3. कैंसर रिसर्च और महामारी विज्ञान (Epidemiology) को बढ़ावा देना
कैंसर अनुसंधान के लिए सटीक डेटा और मजबूत अध्ययन की आवश्यकता होती है। यदि कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज बना दिया जाता है, तो इससे शोधकर्ताओं को:
✔ भारत में कैंसर के कारणों और ट्रेंड्स का बेहतर विश्लेषण करने में मदद मिलेगी।
✔ कैंसर रोकथाम के लिए वैज्ञानिक रणनीतियाँ विकसित करने में आसानी होगी।
✔ वैश्विक स्तर पर कैंसर अनुसंधान में भारत का योगदान बढ़ेगा।
4. कैंसर की जल्दी पहचान और सही समय पर उपचार
भारत में कैंसर के अधिकतर मामलों का देर से निदान होता है, जिससे मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।
अगर कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज बना दिया जाता है, तो यह:
✔ जल्दी जांच और स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा।
✔ सरकारी और निजी अस्पतालों में कैंसर डायग्नोसिस की अनिवार्यता सुनिश्चित करेगा।
✔ कैंसर की पहचान और इलाज के लिए अधिक जागरूकता फैलाएगा।
5. भारत को ग्लोबल कैंसर रिसर्च में अग्रणी बनाना
कई विकसित देशों में कैंसर का सटीक डेटा और रिसर्च सिस्टम पहले से ही मौजूद है।
यदि भारत में कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज घोषित किया जाता है, तो इससे:
✔ वैश्विक कैंसर अनुसंधान संगठनों के साथ भारत की साझेदारी बढ़ेगी।
✔ नए कैंसर उपचार और दवाओं के विकास में मदद मिलेगी।
✔ भारत को विश्वस्तरीय कैंसर देखभाल और अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
विशेषज्ञों की राय: कैंसर की रिपोर्टिंग से मिलेगा फायदा
“Unify to Notify” अभियान से जुड़े डॉक्टर्स और रिसर्चर्स मानते हैं कि यह पहल भारत में कैंसर देखभाल को संपूर्ण और अधिक प्रभावी बना सकती है।
???? डॉ. रमेश मेहता, अपोलो कैंसर सेंटर:
“एक राष्ट्रीय कैंसर डेटा सिस्टम हमें बीमारी को बेहतर तरीके से समझने और उपचार में सुधार करने में मदद करेगा।”
???? डॉ. पूनम सिंह, इंडियन कैंसर सोसाइटी:
“हर मरीज को समान गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा मिले, इसके लिए एक मजबूत कैंसर रिपोर्टिंग प्रणाली जरूरी है।”
???? डॉ. अंजलि वर्मा, ICMR:
“यदि भारत कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज बना देता है, तो यह वैश्विक स्तर पर कैंसर अनुसंधान में एक क्रांतिकारी कदम होगा।”
सरकार इस पहल को कैसे लागू कर सकती है?
✔ सभी अस्पतालों और क्लीनिक्स के लिए कैंसर केस रिपोर्टिंग अनिवार्य बनाना।
✔ राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री (National Cancer Registry) की स्थापना।
✔ स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल करना, जिससे डेटा रिकॉर्डिंग आसान हो।
✔ कैंसर रिपोर्टिंग के लिए निजी और सरकारी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना।
✔ मरीजों की गोपनीयता (Privacy) सुनिश्चित करना।
“Unify to Notify” अभियान भारत में कैंसर देखभाल प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यदि भारत सरकार कैंसर को नोटिफाइबल डिजीज घोषित करती है, तो इससे:
✔ प्रारंभिक निदान और बेहतर उपचार संभव होगा।
✔ रोगियों को एक समान और किफायती इलाज मिलेगा।
✔ भारत वैश्विक कैंसर अनुसंधान में प्रमुख भूमिका निभा सकेगा।
???? क्या आप मानते हैं कि कैंसर को भारत में एक नोटिफाइबल बीमारी घोषित किया जाना चाहिए? अपनी राय कमेंट में साझा करें! ????⚕️????????️
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