KKN गुरुग्राम डेस्क | पटना शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए पटना जिला प्रशासन ने एक नई योजना बनाई है, जिसके तहत 1 अप्रैल 2025 से जोन वाइज कलर कोडिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य शहर के ऑटो और ई-रिक्शा की आवाजाही को व्यवस्थित करना है। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत शहर को ग्रीन, येलो और ब्लू जोन में बांटा जाएगा, जहां अलग-अलग रंग के कोड के साथ ऑटो और ई-रिक्शा चलेंगे। इसके लिए सभी प्रमुख ऑटो स्टैंड का अध्ययन पूरा कर लिया गया है और फाइनल रिपोर्ट अब प्रशासन को सबमिट की जाएगी। इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि पटना के ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और यात्री अनुभव बेहतर होगा।
जोन वाइज कलर कोडिंग सिस्टम
पटना में लागू होने वाला जोन वाइज कलर कोडिंग सिस्टम ग्रीन, येलो और ब्लू जैसे तीन प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित होगा। इन जोनों में अलग-अलग रंगों के कोड होंगे, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में ऑटो और ई-रिक्शा के परिचालन को नियंत्रित करेंगे। इस सिस्टम से न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी, बल्कि यात्री और वाहन चालकों के लिए भी यात्रा अधिक सुगम होगी।
ग्रीन जोन, येलो जोन और ब्लू जोन
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ग्रीन जोन
ग्रीन जोन पटना के पूर्वी और मध्य क्षेत्र में होगा। इस जोन में शहर के सबसे व्यस्त 18 जगहों पर ऑटो और ई-रिक्शा का परिचालन किया जाएगा। फिलहाल, इस जोन में करीब 6550 ऑटो का परिचालन हो रहा है, लेकिन फाइनल रिपोर्ट के मुताबिक, इस रूट पर 5240 ऑटो को ही ऑपरेट करने की अनुमति दी जाएगी। ग्रीन जोन में प्रमुख स्थानों में पटना जंक्शन, लोहानीपुर, खेमनीचक, कंकड़बाग और गुलजारबाग शामिल हैं। -
येलो जोन
येलो जोन में शहर के पश्चिमी इलाके में ऑटो और ई-रिक्शा का परिचालन अधिक होगा। इस जोन में प्रतिदिन 25,000 से ज्यादा पैसेंजर यात्रा करते हैं। इसमें प्रमुख स्थानों में राजाबाजार, आशियाना, जगदेव पथ, बोरिंग रोड और पाटलिपुत्र शामिल हैं। फिलहाल, येलो जोन में 4350 ऑटो का परिचालन हो रहा है, जिनमें से 3480 ऑटो को इस जोन में पूरी तरह से फाइनल किया गया है। -
ब्लू जोन
ब्लू जोन में मात्र सात स्थानों पर ऑटो और ई-रिक्शा का परिचालन किया जाएगा। इस जोन के लिए तय किए गए क्षेत्रों में जीपीओ, गर्दनीबाग, अनिसाबाद, फुलवारीशरीफ, बिरला कॉलोनी और जगदेव पथ शामिल हैं।
ऑटो और ई-रिक्शा के लिए अलग पार्किंग स्थल
ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन को व्यवस्थित करने के लिए, पटना प्रशासन ने अलग-अलग पार्किंग स्थल बनाने का निर्णय लिया है। ये पार्किंग स्थल शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर बनाए जाएंगे, ताकि यात्री और चालक दोनों को सुविधा हो। ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के महासचिव राज कुमार झा के अनुसार, ये पार्किंग स्थल चीना कोठी, गांधी मैदान रैन बसेरा, जीपीओ और अगमकुआं में बनाए जाएंगे। इससे पार्किंग की समस्या कम होगी और यात्री बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
इस नई व्यवस्था के लाभ
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जाम में कमी
पटना शहर में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां ऑटो और ई-रिक्शा का परिचालन अधिक होता है। जोन वाइज कलर कोडिंग से ट्रैफिक को अधिक व्यवस्थित किया जाएगा, जिससे जाम की समस्या में कमी आएगी। यह विशेष रूप से उन इलाकों में मदद करेगा जहां यात्री ज्यादा होते हैं। -
बेहतर यात्री अनुभव
इस नई व्यवस्था से यात्री अनुभव में सुधार होगा। यात्री आसानी से जान पाएंगे कि उन्हें किस जोन में जाना है और वहां ऑटो और ई-रिक्शा की उपलब्धता कैसी रहेगी। इससे उन्हें अपनी यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाने का अवसर मिलेगा। -
परिवहन व्यवस्था की दक्षता में सुधार
यह व्यवस्था ऑटो और ई-रिक्शा की आवाजाही को अधिक नियंत्रित करेगी, जिससे वे सही रूट पर चलेंगे और ट्रैफिक जाम की संभावना कम होगी। इससे यातायात व्यवस्था की दक्षता में भी सुधार होगा। -
सुरक्षा में वृद्धि
ऑटो और ई-रिक्शा के लिए निर्धारित पार्किंग स्थल और रूट सुनिश्चित होने से सड़क पर होने वाले अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या कम होगी, जिससे सड़क सुरक्षा में भी वृद्धि होगी। -
पर्यावरण पर सकारात्मक असर
पटना में ट्रैफिक जाम की वजह से वाहनों का ईंधन अधिक खर्च होता है और प्रदूषण भी बढ़ता है। जोन वाइज कलर कोडिंग प्रणाली के लागू होने से ट्रैफिक की रफ्तार बढ़ेगी, जिससे ईंधन की खपत कम होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
नए सिस्टम की कार्यप्रणाली
इस नए रंग कोडिंग सिस्टम के लागू होने से हर जोन में ऑटो और ई-रिक्शा के परिचालन को एक निर्धारित दिशा मिलेगी। यात्री अब आसानी से यह जान सकेंगे कि उन्हें किस जोन से यात्रा करनी है। इससे न केवल ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन में सुधार होगा, बल्कि यह यात्री की यात्रा को भी आसान बनाएगा।
पटना शहर के लिए यह नया जोन वाइज कलर कोडिंग सिस्टम एक महत्वपूर्ण कदम है। यह व्यवस्था शहर के ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने, यात्री अनुभव को बेहतर बनाने और परिवहन प्रणाली को अधिक व्यवस्थित करने के लिए डिजाइन की गई है। इस योजना का क्रियान्वयन 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रहा है, और इसे लेकर शहरवासी और यात्री दोनों ही उत्साहित हैं। यदि यह सिस्टम सफल होता है, तो यह अन्य शहरों के लिए भी एक आदर्श बन सकता है। पटना के नागरिकों को इस नई व्यवस्था के तहत एक बेहतर और अधिक सुव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था का अनुभव होने की उम्मीद है।
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